गुर्जर प्रतिहार वंश का इतिहास RPSC, REET, Patwari, SSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह वंश भारतीय इतिहास में अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम गुर्जर प्रतिहार वंश से जुड़े MCQs और पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs) का संग्रह आपके लिए लेकर आए हैं।

- प्रश्न 1 गुर्जर को हराने वाले शासक कौन था –
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT – L1) -
- (अ) प्रभाकर वर्धन
- (ब) राज्यवर्धन
- (स) हर्षवर्धन
- (द) शशांक
उत्तर : प्रभाकर वर्धन
व्याख्या :
प्रभाकर वर्धन, हर्षवर्धन के पिता, 6वीं शताब्दी के दौरान एक प्रभावशाली शासक थे। उन्होंने गुर्जरों को पराजित किया था। उनके शासन के दौरान, उनकी सैन्य शक्ति और राजनीतिक कौशल के कारण उनका राज्य उत्तरी भारत में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा।
- प्रश्न 2 किस प्रतिहार राजा के काल में ग्वालियर प्रशस्ति की रचना हुई –
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- (अ) मिहिर भोज
- (ब) महिपाल प्रथम
- (स) महिपाल द्वितिय
- (द) महेन्द्र पाल प्रथम
उत्तर : मिहिर भोज
व्याख्या :
ग्वालियर अभिलेख में मिहिरभोज प्रथम(836-885 ई.) की उपाधि आदिवराह मिलती है। वहीं दौलतपुर अभिलेख इन्हें प्रभास कहता है। इनके समय प्रचलित चांदी ओर तांबे के सिक्कों पर ‘श्रीमदादिवराह’ अंकित था।
- प्रश्न 3 किस प्रतिहार राजा ने ‘आदिवराह’ की उपाधि ग्रहण की –
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- (अ) मिहिर भोज
- (ब) महेन्द्रपाल
- (स) वत्सराज
- (द) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर : मिहिर भोज
व्याख्या :
ग्वालियर अभिलेख में मिहिरभोज प्रथम(836-885 ई.) की उपाधि आदिवराह मिलती है। वहीं दौलतपुर अभिलेख इन्हें प्रभास कहता है। इनके समय प्रचलित चांदी ओर तांबे के सिक्कों पर ‘श्रीमदादिवराह’ अंकित था।
- प्रश्न 4 प्रतिहार वंश का अंतिम शासक था –
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- (अ) महिरभोज
- (ब) यशपाल
- (स) राज्यपाल
- (द) महिपाल
उत्तर : यशपाल
व्याख्या :
प्रतिहारों का अन्तिम राजा यशपाल था।
- प्रश्न 5 महान संस्कृति कवि राजशेखर निम्न में से किसके दरबारी कवि थे –
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- (अ) यशपाल
- (ब) महेन्द्रपाल प्रथम
- (स) महिपाल
- (द) राज्यपाल
उत्तर : महेन्द्रपाल प्रथम
व्याख्या :
महेन्द्रपाल प्रथम(885-910 ई.) के गुरू व आश्रित कवि राजशेखर थे। राजशेखर ने कर्पूरमंजरी, काव्यमीमांसा, विद्धसालभंज्जिका, बालभारत, बालरामायण, हरविलास और भुवनकोश की रचना की।
- प्रश्न 6 चीनी यात्री जिसने भीनमाल की यात्रा की थी –
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- (अ) सुंगयान
- (ब) ह्वेनसांग
- (स) फाह्यान
- (द) इत्सिंग
उत्तर : ह्वेनसांग
व्याख्या :
चीनी यात्री ह्वेनसांग जब भीनमाल आया तो उसने अपने 72 देशों के वर्णन में इसे कू-चे-लो(गुर्जर) बताया तथा उसकी राजधानी का नाम ‘पीलोमोलो/भीलामाल’ यानि भीनमाल बताया।
- प्रश्न 7 आदिवराह की उपाधि जिस राजपूत शासक ने धारण की वह है-
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- (अ) मिहिरभोज
- (ब) यशपाल
- (स) राज्यपाल
- (द) महिपाल
उत्तर : मिहिरभोज
व्याख्या :
ग्वालियर अभिलेख में मिहिरभोज की उपाधि आदिवराह मिलती है। वहीं दौलतपुर अभिलेख इन्हें प्रभास कहता है। इनके समय प्रचलित चांदी ओर तांबे के सिक्कों पर ‘श्रीमदादिवराह’ अंकित था।
- प्रश्न 8 मुहणौत नैणसी ने गुर्जर-प्रतिहारों की कितनी शाखाओं का वर्णन किया है-
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- (अ) बाईस
- (ब) चौबीस
- (स) छब्बीस
- (द) चालिस
उत्तर : छब्बीस
व्याख्या :
नैणसी ने गुर्जर प्रतिहारों की 26 शाखाओं का वर्णन किया है।
- प्रश्न 9 प्रतिहारों में ‘रोहिलद्धि’ के नाम से जाना जाता है –
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- (अ) महिन्द्रपाल
- (ब) यशपाल
- (स) हरिश्चन्द्र
- (द) प्रभाकर
उत्तर : हरिश्चन्द्र
व्याख्या :
जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार हरिशचन्द्र नामक ब्राह्मण के दो पत्नियां थी। एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने मिलकर मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की।
- प्रश्न 10 निम्न में से किन अभिलेखों में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है –
अ. कराड़ ब. नीलगुण्ड स. राधनपुर द. देवली -
- (अ) अ और स
- (ब) स और द
- (स) अ और ब
- (द) अ, ब, स और द
उत्तर : अ, ब, स और द
व्याख्या :
नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है।
- प्रश्न 11 प्रतिहार वंश की मण्डोर शाखा के किस शासक ने अपनी राजधानी मण्डोर से मेड़ता स्थान्तरित की थी –
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- (अ) राज्यपाल
- (ब) राजा भोज
- (स) नागभट्ट प्रथम
- (द) यशोवर्धन
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता जीतकर अपनी राजधानी बनाया। इतिहास मे इसे नाहड़ के नाम से जाना जाता है।
- प्रश्न 12 राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिशचन्द्र की राजधानी थी –
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- (अ) मंडोर
- (ब) मेड़ता
- (स) भीनमाल
- (द) जालौर
उत्तर : मंडोर
व्याख्या :
जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार हरिशचन्द्र नामक ब्राह्मण के दो पत्नियां थी। एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने मिलकर मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की।
- प्रश्न 13 ओसियां के कलात्मक मन्दिरों का निर्माण कराया –
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- (अ) कच्छवाहों ने
- (ब) गुर्जर-प्रतिहारों ने
- (स) राठौड़ों ने
- (द) चौहानों ने
उत्तर : गुर्जर-प्रतिहारों ने
व्याख्या :
वत्सराज ने औसियां के मंदिरों का निर्माण करवाया। औसियां सूर्य व जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। औसियां के मंदिर महामारू शैली में बने है। लेकिन औसियां का हरिहर मंदिर पंचायतन शैली में बना है। औसियां राजस्थान में प्रतिहारों का प्रमुख केन्द्र था। औसिंया (जोधपुर) के मंदिर प्रतिहार कालीन है। औसियां को राजस्थान का भुवनेश्वर कहा जाता है।
- प्रश्न 14 ग्वालियर शिलालेख में नागभट्ट प्रथम को किस उपाधि से सम्मानित किया गया है –
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- (अ) परामांकदेव
- (ब) राजाधिराज
- (स) नारायण
- (द) राजशेखर
उत्तर : नारायण
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम के समय में सिन्ध की ओर से बिलोचों ने आक्रमण किया और अरबो ने अरब से। नागभट्ट ने इन्हें अपनी सीमा में घुसने नहीं दिया जिससे उनकी ख्याति बहुत बढ़ी। इन्हें ग्वालियर प्रशस्ति में ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ कहा गया है।
- प्रश्न 15 निम्न में से वह शासक जिसने अरब आक्रमणकारियों को अपने राज्य में बढ़ने नहीं दिया और यह शासक अरबों का शत्रु कहा गया –
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- (अ) वत्सराज
- (ब) नागभट्ट प्रथम
- (स) मिहिरभोज
- (द) महेन्द्रपाल
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम के समय में सिन्ध की ओर से बिलोचों ने आक्रमण किया और अरबो ने अरब से। नागभट्ट ने इन्हें अपनी सीमा में घुसने नहीं दिया जिससे उनकी ख्याति बहुत बढ़ी। इन्हें ग्वालियर प्रशस्ति में ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ कहा गया है।
- प्रश्न 16 छठी शताब्दी के आस-पास गुर्जरात्रा प्रदेश पर शासन था –
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- (अ) सोलंकी
- (ब) कच्छवाह
- (स) प्रतिहार
- (द) चौहान
उत्तर : प्रतिहार
व्याख्या :
राजस्थान के दक्षिण पश्चिम में गुर्जरात्रा प्रदेश में प्रतिहार वंश की स्थापना हुई। प्रसिद्ध इतिहासकार रमेश चन्द्र मजूमदार के अनुसार गुर्जर प्रतिहारों ने छठी सदी से बारहवीं सदी तक अरब आक्रमणकारियों के लिए बाधक का काम किया और भारत के द्वारपाल(प्रतिहार) की भूमिका निभाई।
- प्रश्न 17 जोधपुर से प्राप्त घटियाला शिलालेख से किस प्रतिहार राजा की जानकारी मिलती है –
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- (अ) कक्कुक
- (ब) रज्जिक
- (स) नागभट्ट प्रथम
- (द) मिहिरभोज
उत्तर : कक्कुक
व्याख्या :
कक्कुक ने घटियाला (जोधपुर) में 861 ई. में दो शिलालेख लगवाये जिनमें राजस्थान में सर्वप्रथम सती प्रथा का उल्लेख हुआ है। इस अभिलेख के अनुसार राणुका की मृत्यु पर उसकी पत्नी सम्पल देवी सती हुई थी।
- प्रश्न 18 गुर्जरों को किस शासक ने प्राजित किया –
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- (अ) प्रभाकरवर्धन
- (ब) राज्यवर्धन
- (स) अशोक मोर्य
- (द) हर्षवर्धन
उत्तर : प्रभाकरवर्धन
व्याख्या :
हर्षवर्धन के पिता प्रभाकर वर्धन ने गुर्जरों को पराजित किया और इसके बाद हर्षवर्धन राजस्थान के अधिकांश भाग पर शासन करने वाले वर्धनवंश के एकमात्र शासक बने।
- प्रश्न 19 प्रतिहार एवं पाल शासकों पर विजय की उपलक्ष में ध्रुव ने गंगा व जमुना के चिह्नों को सम्मिलित किया –
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- (अ) राष्ट्रकूट कुलचिह्न में
- (ब) पाल कुलचिह्न में
- (स) चन्देल कुलचिह्न में
- (द) चोल कुलचिह्न में
उत्तर : राष्ट्रकूट कुलचिह्न में
व्याख्या :
राष्ट्रकूट राजा ध्रुव बड़ा महत्वकांक्षी था। उसने वत्सराज पर आक्रमण कर किया और इन्हें पराजित कर दिया। इसके बाद उसने पाल शासक धर्मपाल को भी पराजित कर दिया। यह युद्ध गंगा और यमुना के दोआब में हुआ था इसी कारण इस विजय के उपलक्ष्य में ध्रुव ने कुलचिह्न(एम्बलम) में गंगा व यमुना के चिह्नों का सम्मिलित किया।
- प्रश्न 20 किस प्रतिहार शासक के शासनकाल में उद्योतन सूरि ने कुवलयमाला ग्रन्थ की रचना की –
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- (अ) वत्सराज
- (ब) नागभट्ट प्रथम
- (स) महेन्द्रपाल
- (द) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर : वत्सराज
व्याख्या :
वत्सराज ने औसियां के मंदिरों का निर्माण करवाया। औसियां सूर्य व जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इसके समय उद्योतन सूरी ने “कुवलयमाला” की रचना 778 में जालौर में की।