World Day Against Child Labour: बाल श्रम करवाना पड़ सकता है भारी, दो साल तक की सजा का प्रावधान, आप भी जान लें नियम
World Day Against Child Labour :, बचपन मेें किसी ko bhi kisi बात की चिंता नहीं होती और न hi जिम्मेदारी hoti hai। काम होता है तो खाना-पीना, खेलना और पढऩा। लेकिन कई जगह yahi बचपन घरों में नौकर बनकर या ढाबों में jhutthe bartan धोकर बर्बाद हो रहा है। देश का भविष्य पढऩे-लिखने की उम्र में मजबूरी में हालात के आगे बेबस है। बालश्रम रोकने के लिए कानून तो काफी कड़े हैं बावजूद इसके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। ऐसा बच्चा जो 14 वर्ष से कम आयु का हो और आजीविका के लिए काम करे, बाल मजदूर कहलाता है। बाल मजदूरी बड़े घरों सहित ढाबों व दुकानों में करवाई जा रही है। इसका प्रमाण श्रम एवं रोजगार विभाग, महिला एवं बाल कल्याण के साथ चाइल्ड हेल्पलाइन
हिमाचल में हर वर्ष 50 से सौ बाल मजदूर छुड़वाए जाते हैं। इस संबंध में दोषियों को जुर्माना भी लगाया जाता है। बावजूद इसके इन मामलों में कमी नहीं आ रही है। बड़े घरों में गरीब बच्चों को पढ़ाने के नाम पर नौकर रखा है। चाइल्ड हेल्पलाइन ने प्रदेश के कई स्थानों से ऐसे मामले पकड़े हैं। बालश्रम देश के लिए अभिशाप है। इसे खत्म करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमारा संविधान छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने पर जोर देता है। बाल मजदूरी तभी खत्म हो सकती है जब ऐसे नौनिहालों को अच्छी पढ़ाई मिले, जिससे वह भी अच्छा भविष्य बनाकर अच्छी जिंदगी के हकदार बन सकें।
यह है सजा का प्रावधान | World Day Against Child Labour
बाल श्रम प्रतिबंध एवं नियमन संशोधन अधिनियम 2016 का उल्लंघन करने यानी 14 वर्ष से कम आयु वालों को रोजगार देने वालों को छह माह से लेकर दो वर्ष कैद और 20 हजार से 50 हजार रुपये तक जुर्माने या दोनों सजा का प्रविधान है। कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को रोजगार नहीं दिया जा सकता है। चाइल्डलाइन देखरेख एवं संरक्षण के तहत जरूरतमंद बच्चों के लिए के 24 घंटे के लिए निश्शुल्क आपातकालीन फोन 1098 सेवा उपलब्ध है।
क्या कहती हैं निदेशक |World Day Against Child Labour
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक रुपाली ठाकुर का कहना है बालश्रम रोकने के लिए लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं। जहां पर बाल मजदूरी करते बच्चे पाए जाते हैं तो उन्हें छुड़वाया जाता है। उन्हें उनके स्वजन के हवाले करने के अलावा बाल आश्रमों में रख पढ़ाया जाता है।
जनवरी 2017 से 30 नवंबर 2021 के दौरान के बाल श्रम मामले
- जिला,2017,2018,2019,2020,2021,कुल
- बिलासपुर,0,0,0,0,0,0
- चंबा,0,0,0,0,0,0
- हमीरपुर,0,0,0,2,5,7
- कांगड़ा,0,0,1,1,0,2
- किन्नौर,0,0,0,0,3,3
- कुल्लू,22,23,12,0,0,57
- लाहुल स्पीति,0,3,0,0,3,6
- मंडी,6,7,9,5,1,28
- शिमला,17,24,25,2,3,71
- सिरमौर,0,5,25,12,2,44
- सोलन,10,2,1,18,5,46
- ऊना,0,0,9,1,2,12
- कुल,55,64,92,41,24,276
खुले आश्रयों में रखे gaye बच्चे| World Day Against Child Labour
- खुले आश्रय का नाम,2018-19,2019-20,2020-21,कुल
- ओपन शेल्टर मंडी,25,27,25,77
- ओपन शेल्टर सकोह,9,3,2,14
- ओपन शेल्टर काठेड़ सोलन,1,12,0,13
- ओपन शेल्टर शिमला,0,0,2,2
- कुल,35,42,29,106