पैन कार्ड धारकों ke liye taja khabar, सरकार ने सुना दी बड़ी खबर, अब नहीं कर पाएंगे ये जरुरी काम

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नई दिल्ली Pan Card Update: सरकार ने लोगों को सख्स से सख्स हिदायत दी थी कि अपना पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक करा लें। इसको लिंक कराने की आखिरी तारीख 30 जून 2023 तक थी। ऐसे में अगर आपने अपने पैन को आधार से लिंक नहीं कराया है तो समझिए आपका पैन कार्ड डीएक्टीवेट हो गया होगा। पैन कार्ड के बेकार होने के कुछ दुस्परिणाम ये हैं कि अब आप किसी भी सराकरी स्कीम में निवेश करने के सक्षम नहीं हैं। इसके साथ ही आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा टैक्स रिफंड का दावा भी नहीं कर सकते हैं।

जानकारी के लिए बता दें अगर आपका पैन कार्ड डीएक्टीवेट हो गया है तो कुछ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन किए जा सकते हैं।

नई दिल्ली Pan Card Update: सरकार ने लोगों को सख्स से सख्स हिदायत दी थी कि अपना पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक करा लें। इसको लिंक कराने की आखिरी तारीख 30 जून 2023 तक थी। ऐसे में अगर आपने अपने पैन को आधार से लिंक नहीं कराया है तो समझिए आपका पैन कार्ड डीएक्टीवेट हो गया होगा। पैन कार्ड के बेकार होने के कुछ दुस्परिणाम ये हैं कि अब आप किसी भी सराकरी स्कीम में निवेश करने के सक्षम नहीं हैं। इसके साथ ही आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा टैक्स रिफंड का दावा भी नहीं कर सकते हैं।

हालाकि इस लेन-देन में अधिक टीडीएस और टीसीएस देखने को मिल सकता है।इनकम टैक्स अधिनियम 1961 की धारा 206AA प्रावधान है कि TDS के अधीन सभी लेन-देन में टैक्स की कटौतीकर्ता 20 फीसदी टैक्स की कटौती के लिए उत्तरदायी होगा। चाहें टैक्स की कटौती के लिए कोई पैन कार्ड नहीं दिया गया हो। जो भी कटौतीकर्ता का पैन कार्ड बेकार होने के कारण हो सकता है। इस प्रकार धारा 206CC पैन न प्रस्तुत करने या फिर गैर ऑपरेटिव पैन कार्ड के प्रस्तुत करने के मामले में निर्दिष्ट दर से दोगुनी या 5 फीसदी पर हाई TDS प्रदान करती है।

बैंक FD से ब्याज प्राप्त करना, RD पर एक फाइनेंशियल ईयर में कुल ब्याद 40 हजार रुपये से अधिक है।
एक फाइनेंशियल ईयर में कंपनियों और म्यूचुअल फंड से 5 हजार रुपये से ज्यादा लाभ प्राप्त करना है।
अगर सेलिंग या स्टांप शुल्क प्रति लेनदेन 50 लाख रुपये से ज्यादा हो तो अचल संपत्ति बेचना है।
अगर रकम 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो कार खरीदना है।
EPF खाते से पैसा निकालना अगर ये 5 हजार रुपये से ज्यादा है और TDS लागू है।
अगर मासिक किराया 50 हजार रुपये से ज्यादा है तो मकान मालिक को किराया देना है।
अगर समान बेचने से प्रति लेन-देन 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो उस पर भी टीडीएस लगेगा।

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