सरकार ने इस योजना में किया बड़ा बदलाव, अब 6 लाख इनकम वालों को भी मिलेगा लाभ, जानें डिटेल

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 PM Awas Yojana: देश की सरकार ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में पीएम आवस स्कीम शहरी (PMAY-U) की पात्रता को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने PMAY-U के तहत पात्रता के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की इनकम स्लैब को बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। सरकार के इस ऐलान को मुंबई और उसके आसपास के इलाके में रहने वाले लाखों शहरी गरीबों के उत्थान के लिए जरुरी है। अब तक इस स्कीम का लाभ सिर्फ साल में 3 लाख रुपये की इनकम वाले शख्स को ही मिलता था।

class="wp-block-image size-full"> PM Awas Yojana: देश की सरकार ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में पीएम आवस स्कीम शहरी (PMAY-U) की पात्रता को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने PMAY-U के तहत पात्रता के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की इनकम स्लैब को बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। सरकार के इस ऐलान को मुंबई और उसके आसपास के इलाके में रहने वाले लाखों शहरी गरीबों के उत्थान के लिए जरुरी है। अब तक इस स्कीम का लाभ सिर्फ साल में 3 लाख रुपये की इनकम वाले शख्स को ही मिलता था।

महाराष्ट्र सरकार के पत्र के जवाब में लिया फैसला

केंद्र सरकार ने ये फैसला महाराष्ट्र सरकार के पत्र के जवाब में लिया है, जिसमें केंद्र से PMAY-U प्रॉजेक्ट की साझेदारी में किफायती आवास के लिए ईडब्ल्यूएस के लिए कैटेगरी की इनकम मानदंड को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का अनुरोध किया गया था। इस निर्णय से शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों को सुविधा मिलेगी। इनकम स्लैब में बढ़ोतरी का उद्देश्य कैटेगरी से जुड़ें लोगो के लिए किफायती आवास की पात्रता और पहुंच को बढ़ाना है। इसके साथ ही कैटेगरी अधिकतम लोग एमएमआर में म्हाडा लॉटरी का लाभ उठा सकते हैं।

मकान बनाने के लिए सब्सिडी देती है सरकार

PMAY-U की शुरुआत केंद्र सरकार के आवास एवं गरीबी को दूर करना था। हिस्सेदारी में किफायती आवास के तहत केंद्र सरकार 1.5 रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है। इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार निजी क्षेत्रों और उद्योगों समेत राज्यों संघ राज्य क्षेत्रों के द्वारा कई साझेदारी मॉडल में बनाएं जा रहे EWS घरों को फाइनेंशियल मदद करती है। इसके साथ में EWS श्रेणी के कम से कम 35 फीसदी घरों के साथ में मिनिमम 250 घर होने जरुरी है। वहीं शारीरिक रुप से कमजोर, बुजुर्गो, एससी, एसटी, आदि लोगों को इसकी वरीयता दी जाती है।

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