यूरिया सब्सिडी योजना की आज हम बात करे तो साल 2022 तक जारी रहेगी (Urea Subsidy Scheme In Hindi) पंजीयन फॉर्म, दस्तावेज , ऑनलाइन पोर्टल
किसानों को खेती करने में किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी ना हो, इसलिए सरकार ने यूरिया सब्सिडी को जारी रखने का फैसला किया है. सरकार के इस निर्णय से हमारे देश के किसानों को दिए जाने वाली ये सब्सिडी आगे भी जारी रहेगी और बाजार में बिकने वाले यूरिया के दामों में साल 2020 तक कोई भी इजाफा नहीं होगी.
यूरिया सब्सिडी योजना से जुड़ी जानकारी (Urea Subsidy Scheme Information In Hindi)
योजना का नाम | यूरिया सब्सिडी योजना |
किस चीज से जुड़ी हुई है योजना | यूरिया फर्टिलाइजर |
योजना की अवधि | 2020 तक |
योजना का बजट | 1,64,935 करोड़ रुपये |
किसको मिलेगा योजना का फायदा | किसानों को |
किस मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ये योजना | उर्वरक विभाग |
यूरिया क्या होता है | What Is Urea Fertilizer in hindi
यूरिया एक प्रकार का नाइट्रोजन फर्टिलाइजर होता है, जिसका इस्तेमाल खेती करने के समय किया जाता है. इसको इस्तेमाल करने से फसलों पर अच्छा असर पड़ता है और खेतों में फसल अच्छी मात्रा में होती है और इसी कारण से इस फर्टिलाइजर को किसानों द्वारा काफी इस्तेमाल भी किया जाता है.हालांकि अगर इसका इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है तो ये फसलों के साथ- साथ जमीन के लिए भी हानिकारक हो सकता है. इसलिए किसानों को यूरिया कितनी मात्रा में इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इस बात की जानकारी होना जरुरी होती है
सरकार द्वारा दी जाने वाली यूरिया सब्सिडी
यूरिया के दाम काफी अधिक होते हैं और इस वजह से सरकार इस फर्टिलाइजर पर सब्सिडी देती है. सरकार के सब्सिडी देने के कारण यह बाजारों में कम दामों पर बिकता है और किसानों को ये सस्ता पड़ता है. इस वक्त बाजार में लगभग 5360 रुपए मीट्रिक टन की रेट पर ये बेचा जा रहा है.
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कब तक जारी रहेगी सब्सिडी (Government Extends Urea Subsidy Scheme Till 2020)
- सरकार की और से मिलने वाली इस सब्सिडी की अवधि समाप्त होने वाली थी. ऐसा होने पर किसानों को यूरिया खरीदने पर ज्यादा मूल्य देना पड़ सकता था. लेकिनपीएम नरेंद्र मोदीकी अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने इस पर दी जाने वाली सब्सिडी को 3 वर्षों तक जारी रखने का निर्णय लिया. जिसके बाद से अब इस फर्टिलाइजर पर सरकार द्वारा साल 2020 तक सब्सिडी दी जाएगी.
- दरअसल भारत के फर्टिलाइजर्स डिपार्टमेंट की ओर से सरकार के सामने यूरिया सब्सिडी योजना को देश में जारी रखने का एक सुझाव पेश किया गया था. इस विभाग ने अपने इस सुझाव में इस सब्सिडी को एक साल की जगह तीन साल तक जारी रखने को कहा था. जिसके बाद हाल ही में नरेंद्र मोदी ने उर्वरक विभाग के इस सुझाव को अपनी मंजूरी दे दी थी .
- यूरिया सब्सिडी को जारी रखने के साथ साथ इस विभाग ने फर्टिलाइजर सब्सिडी देने के दौरान होने वाली पैसे की हेरा फेरी को रोकने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को लागू करने का प्रस्ताव भी सरकार के सामने रखा था और सरकार ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी.
यूरिया सब्सिडी देने पर आनेवाला खर्चा (Budget)
सरकार की ओर से दी जाने वाली इस सब्सिडी पर करीब 1,64,935 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. जो कि तीन साल तक के लिए होगा. यानी तीन वर्षों तक किसान सस्ते मूल्य पर यूरिया दुकानों से खरीद सकेंगे.
भारत के किसानों के आर्थिक हालात इतने सही नहीं है कि वो अपनी खेती करने का खर्चा खुद उठा सकें और ऐसे हालातों में सराकर द्वारा दी जाने वाली इस प्रकार की सब्सिडी से किसानों की काफी मदद होती है. हमारी सरकार किसानों को इस प्रकार की सब्सिडी देकर उनकी सहायता करती है ताकि हमारा देश खेती के मामले में अन्य देशों से पीछे ना रहे जाए. इसके पहले सरकार ने किसानों को कई तरह की योजनाओं के द्वारा लाभ दिया है. जो कुछ इस प्रकार है:
FAQs
यूरिया खाद पर सरकार कितनी सब्सिडी देती है?
एनडीएसरकारप्रति बैग 3,200 रुपए का खर्च वहन करती है। वहीं आधिकारिकसरकारीवेबसाइट के अनुसार, आयातितयूरियाके लिए उर्वरकसब्सिडीमेंयूरियाकी 100% आयात लागत का भुगतान, 98% अग्रिम दावा और जमा किए गएयूरियाकी आयात लागत का 2% शेष दावा भुगतान केंद्र की ओर से किया जाता है।
क्या भारत में यूरिया सब्सिडी दी जाती है?
हां भारत में यूरिया सब्सिडी दी जाती है
यूरिया सब्सिडी योजना क्या है?
यूरिया सब्सिडी – सरकार की परिभाषा के अनुसार, “फार्म गेट पर उर्वरकों की वितरित लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार प्राप्ति के बीच का अंतर भारत सरकार द्वारा यूरिया निर्माता / आयातक को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है।” यूरिया नई मूल्य निर्धारण योजना के अंतर्गत आता है।