प्रश्न 1.
sin (x²)
हल :
माना कि y = Sin (x²)
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 2.
tan (2x + 3)
हल :
माना कि y = tan (2x + 3)
x
प्रश्न 3.
sin {cos (x²)}
हल :
माना कि y = sin {cos (x²)}
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
= cos (cos x²)
= cos (cos x²). ( – sin x²)
= – cos (cos x²) sin (x²).2x
= – 2x sin (x²) cos (cos x²)
प्रश्न 4.
हल-
माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 5.
हल-
माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 6.
sin x°
हल :
दिया है, y = sin x°
∵ 180° = π रेडियन
प्रश्न 7.
हल :
प्रश्न 8.
sec x°
हल :
दिया है, y = sec x°
हम जानते हैं कि 180° = π रेडियन
1° = रेडियन
x° = रेडियमन
प्रश्न 9.
हल :
माना कि
प्रश्न 10.
हल :
माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 11.
हल :
माना कि
= loge (x² + x + 1) – loge (x² – x + 1)
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 12.
हल :
माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 13.
atan 3x
हल :
माना कि
y = atan 3x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 14.
loge (sec x + tan x).
हल :
माना कि
y = loge (sec x + tan x)
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
= sec x
प्रश्न 15.
sin³x • sin 3x.
हल :
माना कि
y = sin3 x . sin 3x
= sin3 x[3 sin x – 4 sin3 x]
[∵ sin 3θ = 3sin θ – 4 sin3 θ]
y = 3 sin4 x – 4 sin6 x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
= 12 sin3x . cos x – 24 sin5 x cos x
= 12 sin3x cos x (1 – 2 sin2 x)
= 12 sin3x cos x . cos 2x
= 6 sin2 x . 2 sin x . cos x . cos 2x
= 6 sin2x . sin 2x · cos 2x
= 3 sin2x . 2 sin 2x . cos 2x
= 3 sin2x sin 2(2x)
= 3 sin2x . sin 4x
प्रश्न 1.
हल :
x = sin θ रखने पर,
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) sin-1 (3 – 4x3)
माना कि y = sin-1 (3x – 4x3)
x = sin θ रखने पर,
या θ = sin-1x
y = sin-1 (3 sin θ – 4 sin θ)
= sin-1 (sin 3θ)
(∴ sin 3x = 3 sin x – 4 sin x)
= 3θ = 3 sin-1x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 2.
हल :
(a) माना कि
x = tan θ रखने पर
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) माना कि
x = tan θ रखने पर
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 3.
(संकेत : x = cosθ)
हल :
(a) माना कि y = cos-1 (4x3 – 3x)
x = cos θ रखने पर,
∴ y = cos-1 (4 cos3 θ – 3 cos θ)
= cos-1 (cos 38)
= 3θ
= 3 cos-1 x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 4.
हल :
(a) माना कि
x = cos θ रखने पर
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) माना कि
x = tan θ रखने पर
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 5.
(संकेत : 2x = cosθ)
हल :
(a) माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) माना कि
2x = cos θ रखने पर
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 6.
हल :
(a) माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 7.
हल :
(a) माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) माना कि
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 1.
(i) 2x + 3y = siny
(ii) x² + xy + y² = 200
हल :
(i) 2x + 3y = siny
दोनों पक्षों का x का सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) x² + xy + y² = 200
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 2.
(i) √x + √y = √a
(ii) tan (x + y) + tan (x – y) = 4
हल :
(i) √x + √y = √a
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) tan (x + y) + tan (x – y) = 4
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 3.
(i) sin x + 2 cos²y + xy = 0
(ii) x√y + y√x = 1
हल :
(i) sin x + 2 cos²y + xy = 0
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) x√y + y√x = 1
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष करने अवकलन करने पर
प्रश्न 4.
(i) (x² + y²)² = xy
(ii) sin(xy) +
हल :
(i) (x² + y²)² = xy
दोनों ओर अवकलन करने पर
(ii) sin(xy) +
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 5.
(i) x3 + y3 = 3axy
(ii) xy + yx = ab
हल :
(i) x3 + y3 = 3axy .
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) माना u = xy तथा v = yx
तब u + v = 1
पुनः u = xy तथा x = yx में दोनों फलनों के लघुगणक लेने पर,
log u = y log x तथा log v = x log y
अब दोनों फलनों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अब (i) के दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
समीकरण (iv) में
प्रश्न 6.
(i) y = xy
(ii) xa.yb = (x – y)a+b
हल :
(i) दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर
log y = log xy.= y log x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) xayb. = (x – y)a+b
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर।
log (xayb) = log (x – y)a+b
⇒ log (xa) + log (yb) = (a + b) log (x – y)
⇒ a log x + b log y = (a + b) log (x – y)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 7.
(i) ex + ex2 +…+ ex5
(ii)
(ii)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 8.
हुल :
माना
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों को लघुगणक लेने पर
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 9.
हल :
(i)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 10.
(ii) yx + xy + xx = ab
हल :
(i)
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
y² = sin x + y
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) yx + xy + xx = ab
माना u = xx, v = xy और w = yx
u + v + w = ab
अब u = xx
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर
⇒ log u = x log x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर
⇒ log v = y log x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर
⇒ log w = x log y
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
समीकरण (i) में, समीकरण (ii), (iii) व (iv) के मान रखने पर
(ii) yx + xy + xx = ab
माना u = xx, v = xy और w = yx
u + v + w = ab
अब u = xx
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर
⇒ log u = x log x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर
⇒ log v = y log x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर
⇒ log w = x log y
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
समीकरण (i) में, समीकरण (ii), (iii) व (iv) के मान रखने पर
प्रश्न 1.
(i) x = a sec t, y = b tan t
(ii) x = log t + sin t, y = et + cost
हल :
(i) x = a sec t, y = b tan t
x = a sec t
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
तथा y = b tan t
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) x = log t + sin t, y = et + cos t
x = log t + sin t
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 2.
(i) x = log t, y = et + cost
(ii) x = a cos θ, y = b sin θ
हल :
(i) = log t, y = et + cost
∵ x = log t
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) x = a cos θ, y = b sin θ
∵ x = a cos θ
दोनों पक्षों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 3.
(i) x = cos θ – cos 2θ, y = sin θ – sin 2θ
(ii) x = a(θ – sin θ), y = a(1 + cos θ)
हल :
(i) = cos θ – cos 2θ
y= sin θ – sin 2θ
∵ x = cos θ – cos 2θ
दोनों पक्षों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर।
दोनों पक्षों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर।
(ii) x = a(θ – sin θ), y = a(1 + cos θ)
∵ x = a(θ – sin θ)
दोनों पक्षों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर।
दोनों पक्षों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर।
प्रश्न 4.
हल :
दिया है
दोनों पक्षों को t के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों को t के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 5.
(ii) x = a cos3 t, y = a3 sin t
हल :
θ के सापेक्ष अवकलन करने पर
θ के सापेक्ष अवकलन से करने पर
(ii) x = a cos3 t, y = a sin3 t
∵ x = a cos3 t
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 6.
यदि
तथा
तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है,
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 1.
(a) y = x3 + tan x
(b) y = x2 + 3x + 2
(c) y = x cos x
(d) y = 2 sin x + 3 cos x
(e) y = e-x cos x
(f) y = a sin x – b cos x
हल :
(a) y = x3 + tan x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(b) y = x2 + 3x + 2
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(c) y = x cos x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(d) y = 2 sin x + 3 cos x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(e) y = e-x cos x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(f) y = a sin x – b cos x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 2.
यदि y = a sin x + b cos x, तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है
y = a sin x – b cos x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्न 3.
यदि y = sec x + tan x, तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है, y = sec x + tan x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
= sec x.tan x + sec² x
= sec x.(tan x + sec x).
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 4.
यदि = a cos nx + b sin nx, तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है,
y = a cos nx + b sin nx
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
= – na sin nx + nb cos nx
पुनः दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्न 5.
यदि = a cos3 θ,y = a sin3 θ तब
हल :
दिया है,
y = a sin3 θ
तथा x = a cos3 θ
दोनों फलनों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुनः दोनों पक्षों का θ के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 6.
यदि x3 + y3 – 3axy = 0 तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है,
x3 + y3 – 3axy = 0
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुन: दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 7.
यदि y = sin-1x, तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है,
y = sin-1x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुन: दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 8.
यदि y = (sin-1 x)² तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है,
y = (sin-1 x)²
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर,
पुन: दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
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प्रश्न 1.
निम्नलिखित फलनों के लिए रोले की प्रमेय की सत्यता की जाँच कीजिए
(a) f(x) = ex (sin x – cos x), x ∈
(b) f(x) = (x – a)m (x – b)n, x ∈ [a, b], m, n ∈ N
(c) f(x) = |x|, x ∈ [-1, 1]
(d) f(a) = x² + 2x – 8, x ∈ [- 4, 2]
(e)
(f) f(x) = [x], x ∈ [-2, 2]
हल :
(a) दिया हुआ फलन
f(x), x में बहुपदीय होने के कारण सर्वत्र अवकलनीय तथा सतत
∴ f(x), [π/4, 5π/4] में सतत तथा (π/4, 5π/4) में अवकलनीय है।
तथा f(π/4)
f(5π/4) = e5π/4 (sin 5π/4 – cos 5π/4) = 0
f(π/4)= f(5π/4) = 0
इस प्रकार से अन्तराल [π/4, 5π/4] में f(x) के लिए रौले के प्रमेय के सभी प्रतिबन्ध संतुष्ट हो जाते हैं।
⇒ c ∈
अब (i) से,
f'(x) = ex (cos x + sin x) + (sin x – cos x).ex
f'(x) = ex (cos x + sin x + sin x – cos x)
इसी प्रकार
ec 2 sin c = 0
⇒ 2 sin c = 0
⇒ sin c = 0
⇒ c = π
∴ c = π ∈ (π/4,5π/4), f'(c) = 0 को संतुष्ट करते हुए इस प्रकार से रोले की प्रमेय सत्यापित हो जाती है।
(b) f(x) = (x – a)m (x – b)n, x ∈ [a, b], m, n ∈ N
यहाँ (x – a)m तथा (x – b)n दोनों बहुपद फलन हैं। यदि इनका विस्तार करके गुणनफल किया जाए तो (m + n) घात का एक बहुपद प्राप्त होगा। एक बहुपद फलन सर्वत्र सतत होता है। अत: फलन f(x) भी अन्तराल [a, b] में सतत है। बहुपद फतन अवकलनीय भी होता है।
∴ f’ (x) = m(x – a)m-1 (x – b)n + n(x – a)m (x – b)n-1
= (x – a)m-1 (x – b)n-1 x [m(x – b) + n(x – a)]
= (x – a)m-1 (x – b)n-1 x + [(m+n)x – mb – na]
जिसका अस्तित्व है।
∴ f(x) अन्तराला (a, b) में अवकलनीय है।
पुनः f(a) = (a = a)m (a + b)n = 0
f(b) = (b – a)m (b – b)n = 0
∴ f(a) = f(b) = 0
अत: रोले के प्रमेय के सभी प्रतिबन्ध सन्तुष्ट होते हैं। तब (a, b) में कम-से-कम बिन्दु : का अस्तित्व इस प्रकार हैं कि f'(c) = 0.
f’ (c) = 0
⇒(c – a)m-1 (c – b)n-1 x [(m + n)c – mb – na] = 0
⇒ (m + n)c – mb – na = 0 [∵ (c – a)m ≠ 0, (c – b)n ≠ 0]
⇒ (m + n)c = mb+ na
⇒
जो कि (a, b) का एक अवयव है।
[क्योकि
∴
इस प्रकार है कि f’ (c) = 0.
अत: रोले की प्रमेय सत्यापित होती है।
(c) f(x) = |x|, x ∈ [-1, 1]
तय
चूँकि निरपेक्ष मान फलन सतत होता है परन्तु अवकलनीय नहीं होता है, क्योंकि
x = 0 पर दायें पक्ष का अवकलज (Right hard derivative)
तथा x = 0 पर बायें पक्ष का अवकलज (Left hand derivative)
x = 0 पर, R.H.D. ≠ LH.D.
Rf’ (0) ≠ Lf’ (0)
अर्थात् x = 0 पर फलन अवकलनौय नहीं हैं।
अत: अवकलनीयता का प्रतिबन्ध (-1, 1) के सभी बिन्दुओं पर सन्तुष्ट नहीं होता है।
∴ रोले के प्रमेय का सत्यापन नहीं हो सकता है।
(d) दिया हुआ फलन
f(x) = x² + 2x – 8, x ∈ [-4, 2]
स्पष्ट है कि फलन f(x) = x² + 2x – 8 अन्तराल [ – 4, 2] में सतत हैं तथा f’ (x) = 2x + 2, जोकि विवृत्त अन्तराल [- 4, 2] के प्रत्येक
बिन्दु पर परिमित व विद्यमान है अर्थात् f(x) अन्तराल [ – 4, 2] में अवकलनीय हैं।
∵ f(- 4) = 0 = f(2)
⇒ f(- 4) = f(2)
उपरोक्त से फलन f(x), दिए गए अन्तराल में रोले प्रमेय तीनों प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करता है।
अब, f’ (c) = 0
2c + 2 = 0
2c = – 2
c = – 1
तथा – 1 ∈ (-4, 2)
c = – 1 ∈ (-4, 2)
इस प्रकार हैं कि
f’ (c) = 0
अत: c = – 1 के लिए रोले की प्रमेय सत्यापित होती हैं।
(e) दिया हुआ फलन
फलन f(x) अन्तराल [0, 2] में परिभाषित है। स्पष्ट है कि फलन f(x) अन्तराल [0, 2] में सतत है। अब हम इसके अवकलनीय होने की जाँच करेंगे।
अत: फलन x = 1 ∈ (0, 2) पर अवकलनीय नहीं है।
∵ यहाँ रोले प्रमेय का प्रतिबन्ध सन्तुष्ट नहीं होता है इसलिए दिए गए फलन के लिए रोले प्रमेय लागू नहीं होती है।
(f) दिया हुआ फलन
f(x) = [x], x ∈ [-2,2]
∵ फलन f(x) = [x], अन्तराल [- 2, 2] के सतत नहीं है, क्योंकि महत्त्व पूर्णाक फलन पृणूक बिन्दुओं पर न तो संतत होता है और न ही अवकलन, होता है।
∵ यहाँ रोले प्रमेय के प्रतिबन्ध सन्तुष्ट नहीं होते हैं इसलिए दिए गए फलन के लिए रोले प्रमैय लागू नहीं होता हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित फलनों के लिए रौले प्रमेय का सत्यापन कीजिए।
(a) f(x) = x² + 5x + 6, x ∈ [-3, -2]
(b) f(x) = e sin-x, x ∈ [0, π]
(c) f(x) =
(d) f(x) = cos 2x, x ∈ [0, π]
हल :
(a) दिया हुआ फलन
f(x) = x² + 5x + 6, x ∈ [-3, -2]
∵ फलन f(x) = x² + 5x + 6 जो कि एक बहुपदीय फलन है।
अत: वह अन्तराल [-3,-2] में सतत हैं।
अब f’ (x) = 2x +5 जिसका सभी x = [-3, – 2] के लिए अस्तित्व हैं।
∴ f(x) अन्तराल (-3, -2) में अवकलनीय है।
∵ f(-3) = 0 = f(-2)
⇒ f(- 3) = f(- 2)
इस प्रकार रोले के प्रमेय के सभी प्रतिबन्ध सन्तुष्ट होते हैं। तब एक बिन्दु c ∈ (-3, -2) का अस्तित्व इस प्रकार हैं कि f’ (c) = 0.
⇒ f’ (c) = 2c + 5 = 0
⇒ 2c = – 5
इस प्रकार है कि
f’ (c) = 0
इस प्रकार
(b) दिया हुआ फलन
f(x) = e-x sin x, x ∈ [0, π]
∵ e-x तथा sin x दोनों ही सतत हैं। अतः इनका गुणनफल e-x sin x भी सतत है अर्थात् f(x) सतत है।
पुन: f’ (x) = e-x cosx – e-x sin x, जिसका सभी x ∈ (0, π) के लिए अस्तित्व हैं अर्थात् f(x) अन्तराल (0, π) में अवकलनीय है।
∵ f(0) = 0 = f(π)
⇒ f(0) = f(π)
इस प्रकार रोले के प्रमैय के सभी प्रतिबन्ध सन्तुष्ट होते हैं। अतः एक बिन्दु c ∈ (0, π) का अस्तित्व इस प्रकार है कि f’ (c) = 0.
f’ (c) = 0
⇒ e-c cos c – e-c sin c = 0
⇒ e-c (cos – sin c) = 0
⇒ cos c = sin c (∵ ec ≠ 0)
⇒ tan c = 1
⇒ c =
⇒ c =
इस प्रकार है कि f’ (c) = 0
इस प्रकार c =
(c) दिया हुआ फलन
f(x) =
स्पष्ट है कि फलन f(x) अन्तराल [0, 1] में सतत है तथा f’ (x)
जो कि अन्तराल (0. 1) के प्रत्येक बिन्दु में परिमित व विद्यमान है अर्थात् फलन f(x) अन्तराल (0, 1) में अवकलनीय है।
∵ f(0) = 0 = f(1)
⇒ f(0) = f(1)
उपरोक्त से फलन f(x) दिए गए अन्तराल में रोले प्रमेय के सभी प्रतिबन्ध सन्तुष्ट करते हैं।
अत: f’ (c) = 0
⇒ 1 – 2c – 0
⇒ c =
⇒ c =
इस प्रकार हैं कि
f’ (c) = 0
इस प्रकार c =
(d) दिया हुआ फलन
f(x) = cos 2x, x ∈ [0, π]
स्पष्ट है कि दिया गया फलन f(x) = cos 2x, अन्तराल [0, π] में परिभाषित हैं।
∵ coine फलन अपने प्रान्त में सतरा होता है।
अत: यह [0, π] में सतत है।
तव f’ (x) = – 2 sin 2x का अस्तित्व है।
जहाँ x ∈ (0, π)
∴ f(x), अन्तराल (0, π) में अवकलनीय है।
अव f(0) = cos 0 = 1
तथा f(π) = c0s – 2π = 1
∴ f(0) = f(π) = 1
इस प्रकार रौले के प्रमेय के सभी प्रतिबन्ध सन्तुष्ट होते हैं। तब कम-से-कम एक बिन्दु c ∈ (0, π) का अस्तित्व इस प्रकार है कि
f’ (c) = 0
∴ f’ (c) = – 2 sin 2c = 0
⇒ sin 2c = 0
⇒ 2c = π
⇒ c = π/2 जो कि (0, π) का अवयव है अर्थात्
c =
इस प्रकार है कि
f’ (c) = 0
इस प्रकार c =
प्रश्न 3.
निम्नलिखित फलनों के लिए लाग्रांज मध्यमान प्रमेय की सत्यता की जाँच कीजिए
हल :
(a) दिया हुआ फलन
जो कि एक परिमेय फलन है। चूंकि परिमेय फलन सतत होता है। जबकि इसका हर शून्य न हो। अतः f(x) =
पुनः
जिसका अन्तराल (1, 3) के लिए अस्तित्व है।
∴ फलन अन्तराल (1, 3) में अवकलनीय है।
अ: लाग्रांज मध्यमान प्रमेय के दोनों प्रतिबन्ध सन्तुष्ट होते हैं।
∴ एक बिन्दु c ∈ (1,3) का अस्तित्व इस प्रकार है कि ।
अब c = √3 ∈(1, 3) इस प्रकार है कि
इस प्रकार लाग्नांज मध्यमान प्रमेय सत्यापित होती है।
(b) दिया हुआ फलन
यहाँ f(x) = जो कि अन्तराल [0, 2] के सतत हैं तथा f’ (x) = जो कि अन्तराल (0, 2) में परिमित व विद्यमान है। अतः फलन f(x), अन्तराल (0, 2) में अवकलनीय है। फलत: फलन f(x) लाग्रांज मध्यमान प्रमेय के दोनों प्रतिबन्धों को संतुष्ट करता है।
∵ c का मान काल्पनिक संख्या है। अत: लाग्रांज मध्यमान प्रमेय सत्यापित नहीं होती है।
(c) दिया हुआ फलन
f(x) = x² – 3x + 2, x ∈ [-2, 3]
स्पष्ट है कि फलन f(x) = x² – 3x + 2 अन्तराल [-2, 3] के संतत हैं तथा f’ (x) = 2x – 3, जो कि अन्तराल (-2, 3) में परिमित व विद्यमान हैं। अत: फलन f(x) अन्तराल (-2, 3) में अवकलनीय है। फलत: फलन f(x) लाग्नांज मध्यमान प्रमेय के दोनों प्रतिबन्धों को संतुष्ट करता है।
अब c =
इस प्रकार है कि
इस प्रकार लाग्रांज मध्यमान प्रमेय सत्यापित होती है।
(d) दिया हुआ फलन
स्पष्ट है कि फलन f(x) =
फलतः फलन f(x) लाग्रांज मध्यमान प्रमेय के दोनों प्रतिबन्धों को संतुष्ट करता है।
इस प्रकार है कि
इस प्रकार लाग्नज मध्यमान प्रमेय सत्यापित होती है।
प्रश्न 1.
sin-1 (x√x), 0 ≤ x ≤ 1.
हल :
माना कि y = sin-1 (x√x)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 2.
हल :
माना
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्न 3.
हल :
माना
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्न 4.
x3.ex .sin x
हल :
माना कि y = x3.ex .sin x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 5.
हल :
माना कि
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 6.
(x log x)logx
हल :
माना कि y = (x log x)logx
दोनों पक्षों को log लेने पर
log y = log (x log x)logx
log y = log x.log (x log x)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 7.
हल :
y = x²[1 + tan (log x)]
y = x² + x² tan (log x)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 8.
xx2-3 + (x – 3)x2, x > 3
हल :
माना y = xx2-3 + (x – 3)x2
u = xx2-3 तथा v = (x – 3)x2
तब y = u + v
दोनों पक्षों का log लेने पर ।
log u = log xx2-3
log u = (x² – 3) log x
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
दोनों पक्षों को log लेने पर
log v = log (x – 3)x2
log v = x².log (x – 3)
दो पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
समीकरण (i) में समीकरण (ii) व (iii) से मान रखने पर
प्रश्न 9.
y = 12(1 – cos t), x = 10(t – sin t).
हल :
दोनों समीकरण का t के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 10.
sin-1x + sin-1 √1-x²
हल :
माना y = sin-1x + sin-1 √1-x²
तब y = sin-1x + cos-1
[∵ cos-1x = sin-1 √1-x²]
तथा y =
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 11.
यदि
तब सिद्ध कीजिए कि
हल :
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 12.
यदि y = x sin (a + y) तव सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है,
sin y = x sin (a + y)
दोनों पक्षों का y के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्न 13.
यदि y = (sin x – cos x)(sin x – cos x) तव
हल :
माना y = (sin x – cos x)(sin x – cos x)
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर,
log y = (sin x – cos x) log (sin x-cos x)
अब दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्न 14.
यदि y = sin (sin x) तब प्रदर्शित कीजिए कि
हल :
दिया हैं,
y = sin(sin x)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुन: दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 15.
(i) यदि y = eax sin bx तब प्रदर्शित कीजिए कि
(ii) यदि
तब सिद्ध कीजिए कि
(1 – x²)y2 – 3xy1 – y = 0.
हल :
(i) दिया है,
y = eax sin bx …(1)
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुन: दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
(ii) दिया है,
दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
पुन: दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 16.
निम्नलिखित फलनों के लिए रोले प्रमेय का सत्यापन कीजिए
(a) f(x) = (x – 2)√x, x ∈ [0, 2]
(b) f(x) = (x – 1) (x – 3), x ∈ [1, 3]
हन :
(a) दिया हुआ फलन ।
f(x) = x ∈ [0, 2]
स्पष्ट है कि फलन f(x) = अन्तराल [0, 2] में सतत है तथा f’ (x) =
∵f(0) = 0 = f(2)
⇒ f(0) = f(2)
उपरोक्त से फलन f(x) दिए गए अन्तराल में रोले प्रमेय के सभी प्रतिबन्धों को संतुष्ट करता है।
अत: f’ (c) = 0
इस प्रकार है कि
f’ (c) = 0
इस प्रकार
(b) दिया हुआ फलन
f(x) = (x – 1) (x – 3), x ∈ [1,3]
स्पष्ट है कि फलन f(x) = (x – 1) (x – 3) अन्तराल [1, 3] के सतत हैं तथा f’ (x) = 2x – 4 जो कि अन्तराल (1, 3) के प्रत्येक बिन्दु में परिमित व विद्यमान हैं अर्थात् फलन f(x) अन्तराल (1,3) में अवकलनीय
∵ f(1) – 0 = f(3)
⇒ f(1) = f(3)
उपरोक्त से फलन f(x) दिए गए अन्तराल में रोले प्रमैय के सभी प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करता है।
अत: f’ (c) = 0
f’ (c) = 2c – 4 = 0
2c = 4
c = 2
c = 2 ∈ (1, 3)
इस प्रकार हैं कि
f’ (c) = 0
अतः c = 2 के लिए रोले की प्रमेय सत्यापित होती है।
प्रश्न 17.
निम्नलिखित फलनों के लिए लाग्रांज मध्यमान प्रमेय की सत्यता की जाँच कीजिए
(a) f(x) = (x – 1)(x – 2)(x – 3), x ∈ [0, 4]
(b) f(x)
हल :
(a) दिया हुआ फलन
f(x) = (x – 1) (x – 2) (x – 3), x ∈ [0, 4]
अर्थात् f(x) = x3 – 6x² + 11x – 6, x ∈[0, 4]
स्पष्ट है कि f(x) = x3 – 6x² + 11x – 6 अन्तराल [0, 4] के सतत है तथा f’ (x) = 3x² – 12x + 11, जो कि अन्तराल (0, 4) में परिमित व विद्यमान है। अत: फलन f(x) अन्तराल (0, 4) में अवकलनीय है। फलतः फलन f(x) लोग्रांश मध्यमान प्रमेय के दोनों प्रतिबन्धों को संतुष्ट करता है।
इस प्रकार है कि
इस प्रकार लाग्नज मध्यमान प्रमेय सत्यापित होती है।
(b) दिया हुआ फलन
स्पष्ट है कि फलन (1 + x) तथा (5 – x) बहुपद हैं। अत: f(x) अन्तराल [1,3] में सतत व अवकलनीय है केवल x = 2 को छोड़कर।
x = 2 पर सततता को जाँच
बाय सीमा = limx→2– f(x)
= limx→2– (1 + x)
⇒ 1 + 2 = 3
दायीं सीमा = limx→2+ f(x)
= limx→2+ (5 – x)
⇒ 5 – 2 = 3
तथा x = 2 पर फलन का मान
f(2) = 5 – 2 = 3,
अत: limx→2 f(x) = 3, फलन x = 2 पर मान सतत है।
x = 2 पर अवकलनीयता की जाँच
बायाँ पक्ष
दायाँ पक्ष
∵ LHS [Lf'(2)] ≠ RHS [Rf'(2)]
अतः फलन f(x), x = 2 में अवकलनीय नहीं है।
∵ लाग्रांज मध्यमान प्रमेय की आवश्यक शर्त पूरी नहीं होती है।
अत: लाग्रांज मध्यमान प्रमेय सत्यापित नहीं होती हैं।
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