Q1. आकृति. 6.13 में, रेखाएँ AB और CD बिंदु O पर प्रतिच्छेद करती हैं | यदि ∠AOC + ∠ BOE = 70° है और ∠BOD = 40° है तो ∠BOE और प्रतिवर्ती ∠COE ज्ञात कीजिए |
हल:
Q2. आकृति 6.14 में, रेखाएँ XY और MN बिंदु O पर प्रतिच्छेद करती हैं | यदि ∠POY = 90° और a : b= 2 : 3 है तो c ज्ञात कीजिए |
हल :
∠POY=90° (दिया है)
माना ∠a और ∠b = 2x और 3x है |
चूँकि, XOY एक सरल रेखा है |
इसलिए, ∠a + ∠b + ∠POY = 180° (रैखिक युग्म)
⇒ 2x + 3x + 90°= 180°
⇒ 5x = 180° – 90°
⇒ 5x = 90°
⇒ x = 18°
अब, ∠a = 2 x 18° = 36°
∠b =3 x 18° = 54°
यहाँ, MON भी एक सरल रेखा है |
∠b + ∠c = 180°(रैखिक युग्म)
∠54° + ∠c = 180°
⇒ ∠c = 180° – 54° = 126°
Q3. आकृति 6.15 में, ∠PQR = ∠PRQ है, सिद्ध कीजिए कि ∠PQS = ∠PRT है |
हल :
दिया है : ∠PQR = ∠PRQ
सिद्ध करना है : ∠PQS = ∠PRT
प्रमाण :
∠PQS + ∠PQR = 180° ………. (1) रैखिक युग्म
∠PRT + ∠PRQ = 180° ………. (2) रैखिक युग्म
समीकरण (1) तथा (2) से
∠PQS + ∠PQR = ∠PRT + ∠PRQ
Or, ∠PQS + ∠PQR = ∠PRT + ∠PQR (∠PQR = ∠PRQ दिया है)
Or, ∠PQS = ∠PRT सिद्ध हुआ |
Q4. आकृति 6.16 में, यदि x + y = w + y है, तो सिद्ध कीजिए कि AOB एक सरल रेखा है|
दिया है : x + y = w + z
सिद्ध करना है : AOB एक सरल रेखा है |
प्रमाण : x + y + w + z = 360०
अथवा x + y + x + y = 360०
⇒ 2x + 2y = 360०
⇒ 2 (x + y) = 360०
⇒ x + y = 180० (रैखिक युग्म)
जब कोई संलग्न दो कोणों का योग 180० होता है तो रेखा सीधी एवं सरल होती है |
अत: AOB एक सरल रेखा है|
Hence Proved.
Q5. आकृति 6.17 में, POQ एक रेखा है | किरण OR रेखा PQ पर लम्ब है | किरणों OP और OR के बीच में OS एक अन्य किरण है | सिद्ध कीजिए:
हल:
दिया है : POQ एक रेखा है और OR ⊥ PQ तथा OS ∠POR के बीच एक किरण है |
सिद्ध करना है :
प्रमाण : ∠ROQ = 90० ( दिया है )
अब, ∠POR + ∠ROQ = 180० [रैखिक युग्म]
या ∠POR + 90० = 180०
या ∠POR = 180० – 90०या ∠POR = 90०
∠ROS = ∠POR – ∠POS ………. (1)
और
∠ROS = ∠QOS – ∠ROQ ……… (2)
समीकरण (1) तथा (2) को जोड़ने पर
∠ROS + ∠ROS = ∠QOS – ∠ROQ + ∠POR – ∠POS
अथवा 2∠ROS = ∠QOS – 90० + 90० – ∠POS
अथवा 2∠ROS = ∠QOS – ∠POS
Proved.
Q6. यह दिया है कि ∠ XYZ = 64° है और XY को बिंदु P तक बढाया गया है | दी हुई सुचना से एक आकृति खींचिए | यदि किरण YQ, ∠ ZYP को समद्विभाजित करती है, तो ∠ XYQ और प्रतिवर्ती ∠ QYP के मान ज्ञात कीजिए |
हल :
∠ XYZ = 64°
YQ, ∠ ZYP को समद्विभाजित करती है;
इसलिए
∠ QYP = ∠ ZYQ ………… (1)
XY को बिंदु P तक बढाया गया है |
∴ XYP एक सरल रेखा है |
अत: ∠ XYZ + ∠ QYP + ∠ ZYQ = 180° (रैखिक युग्म)
⇒ 64° + ∠ QYP + ∠ QYP = 180°
⇒ 2∠ QYP = 180° – 64°
⇒ 2∠ QYP = 116°
⇒ ∠ QYP = 58°
⇒ ∠ QYP = ∠ ZYQ = 58°
⇒ ∠ XYQ = ∠XYZ + ∠ ZYQ = 64° + 58° = 122°
प्रतिवर्ती ∠ QYP = 360° – 58° = 302°
Q1. आकृति 6.28 में, x और y के मान ज्ञात कीजिए और फिर दर्शाइए कि AB || CD है।
हल :
x + 50° = 180° (रैखिक युग्म)
⇒ x = 180° – 50°
⇒ x = 130°
y = 130°
x = y = 130° (एकांतर कोण गुणधर्म से )
AB || CD
Q2. आकृति 6.29 में, यदि AB || CD, CD || EF और y : z = 3 : 7 है, तो x का मान ज्ञात कीजिए |
हल :
AB || CD …….. (1) दिया है ;
CD || EF …….. (2) दिया है ;
समीकरण (1) तथा (2) से हम पाते है कि
AB || EF ……….(3)
∴ x = z …….. (4) एकांतर कोण
अब, y = 3k तथा z = 7k माना
AB || CD दिया है;
∴ x + y = 180° (एक ही ओर के अंत: कोणों का योग )
अथवा z + y = 180°
⇒ 7k + 3k = 180°
⇒ 10k = 180°
⇒ k = 18°
चूँकि x = z समी० (4) से
∴ x = 7k = 7 × 18° = 126°
Q3. आकृति 6.30 में, यदि AB || CD, EF ⊥ CD और ∠ GED = 126° है,तो ∠ AGE, ∠GEF और ∠ FGE ज्ञात कीजिए |
हल : ∠GED = 126°
AB || CD दिया है |
∴ ∠AGE = ∠GED (एकांतर कोण)
अत : ∠AGE = 126°
∠GED = 126°
∠GED = ∠GEF + ∠FED = 126°
∠GEF + ∠FED = 126°
∠GEF + 90° = 126° (∵ EF ⊥ CD ∴ ∠FED = 90°)
∠GEF = 126° – 90°
∠GEF = 36°
अब,
∠AGE + ∠FGE = 180° ( रैखिक युग्म )
126° + ∠FGE = 180°
∠FGE = 180° – 126°
∠FGE = 54°
∠AGE = 126°, ∠GEF = 36° और ∠FGE = 54°
Q4.आकृति 6.31 में, यदिPQ || ST, ∠ PQR = 110° और ∠ RST = 130° है, तो ∠QRS ज्ञात कीजिए |
[संकेत : बिंदु R से होकर ST के समांतर एक रेखा खिचिए|]
हल :
रचना : बिंदु R से होकर XY || ST खिंचा |
PQ || ST ………….. (1) दिया है |
XY || ST ……………..(2) रचना से
समी० (1) तथा (2) से
PQ || XY …………….. (3)
XY || ST रचना से
∠RST + ∠SRY = 180° (एक ही ओर के अंत:कोणों का योग )
⇒ 130° + ∠SRY = 180°
⇒ ∠SRY = 180° – 130°
⇒ ∠SRY = 50°
PQ || XY …………….. (3) से
∴ ∠PQR = ∠QRY (एकांतर कोण)
110° = ∠QRS + ∠SRY
110° = ∠QRS + 50°
∠QRS = 110° – 50°
∠QRS = 60°
Q5 आकृति6.32 में, यदि AB || CD, ∠ APQ = 50° और ∠ PRD = 127° है ,तो x और Y ज्ञात कीजिए |
हल: ∠ APQ = 50° और ∠ PRD = 127°
AB || CD दिया है |
∴ ∠APQ = ∠PQR ( एकांतर कोण )
या x = 50°
पुन: ∠APR = ∠PRD ( एकांतर कोण )
या y + 50° = 127°
या y = 127° – 50°
या y = 77°
x = 50° और y = 77°
Q6.आकृति 6.33 में ,PQ और RS दो है जो एक दूसरे के सामान्तर रखे गए है | या आपतन किरण (incident ray )AB,दर्पण PQ से B पर टकराती है और प्रवार्तित किरण (reflected ray ) पथ BC पर टकराती है तथा पुनः CDके अनुदिश प्रवार्तित हो जाती है | सिद्ध कीजिए कि AB || CD है |
हल:
दिया है: PQ || RS और AB एक आपतन कोण है, CD एक परावर्तित किरण है |
सिद्ध करना है : AB || CD
रचना :
BM ⊥ PQ और CN ⊥ RS खिंचा |
प्रमाण :
BM ⊥ PQ and CN ⊥ RS
∴ BM || CM और BC एक तिर्यक रेखा है |
∴ ∠2 = ∠ 3 ………… (1) (एकांतर अंत:कोण )
जबकि हम जानते है कि –
आपतन कोण = परावर्तन कोण, जहाँ BM और CN अभिलंब हैं |
∴ ∠1 = ∠ 2 ………….. (2)
इसीप्रकार,
∴ ∠3 = ∠ 4 ………….. (3)
समी० (1), (2) और (3) से हम पाते है |
∠1 = ∠ 4 ……………. (4)
समी० (1) तथा (4) को जोड़ने पर
∠1 + ∠2 = ∠ 3 + ∠ 4
∠ABC = ∠ BCD (एकांतर अत: कोण)
इसलिए, AB || CD
Proved.
Q1. आकृति 6.39 में, Δ PQR की भुजाओं QP और RQ को क्रमश: बिन्दुओं S और T तक बढाया गया है | यदि ∠SPR = 135° है और ∠ PQT = 110° है, तो ∠ PRQ ज्ञात कीजिए |
हल :
∠QPR + ∠SPR = 180° ( रैखिक युग्म )
⇒ ∠QPR + 135° = 180°
⇒ ∠QPR = 180° – 135°
⇒ ∠QPR = 45°
इसीप्रकार,
∠PQR + ∠TQP = 180° ( रैखिक युग्म )
⇒ ∠PQR + 110° = 180°
⇒ ∠PQR = 180° – 110°
⇒ ∠PQR = 70°
अब त्रिभुज PQR में,
∠QPR + ∠PQR + ∠PRQ = 180°
45° + 70° + ∠PRQ = 180°
115° + ∠PRQ = 180°
∠PRQ = 180° – 115°
∠PRQ = 65°
Q2. दी गई आकृति में, ∠X = 62° और ∠XYZ = 54° है। यदि YO और ∠O क्रमशः ∆XYZ के ∠XYZ और ∠XZY के समद्विभाजक हैं, तो ∠OZY और ∠YOZ ज्ञात कीजिए।
हल-
∆XYZ में,
∠X + ∠XYZ + ∠XZY = 180° (त्रिभुज के अन्त:कोणों का योग 180° होता है।)
62° + 54° + ∠XZY = 180°
∠XZY = 180° – (62° + 54°) = 180° – 116° = 64°
YO, ∠XYZ का और ∠O, ∠XZY का समद्विभाजक है।
∠OYZ =
∠OYZ =
∠OYZ = 27° और ∠OZY = 32°
तब ∆OYZ में,
∠OYZ + ∠OZY + ∠YOZ = 180° (त्रिभुज के सभी अन्त:कोणों का योग 180° होता है।)
27° + 32° + ∠YOZ = 180°
∠YOZ = 180° – (27° + 32°) = 180° – 59°
∠YOZ = 121°
∠OZY = 32° तथा ∠YOZ = 121°
Q3. दी गई आकृति में, यदि AB || DE, ∠BAC = 35° और ∠CDE = 53° है, तो ∠DCE ज्ञात कीजिए।
हल-
AB || DE और ऋजु रेखा AE इन्हें काटती है। तब,
∠BAE = ∠AED (एकान्तर कोण)
परन्तु ∠BAE = ∠BAC और ∠AED = ∠CED
∠BAC = ∠CED या 35° = ∠CED
∠CED = 35°
तब ΔCDE में,
∠CDE + ∠CED + ∠DCE = 180° (त्रिभुज के सभी अन्त:कोणों को योग 180° होता है)
53° + 35° + ∠DCE = 180°
∠DCE = 180° – (53° + 35°) = 180° – 88°= 92°
अतः ∠DCE = 92°
Q4. दी गई आकृति में, यदि रेखाएँ PQ और RS बिन्दु T पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करती हैं कि ∠PRT = 40°, ∠RPT = 95° और ∠TSQ = 75° है, तो ∠SQT ज्ञात कीजिए।
हल-
ΔPRT में,
∠PRT + ∠RPT + ∠PTR = 180° (त्रिभुज के अन्त:कोणों का योग 180° होता है)
40° + 95° + ∠PTR = 180°
∠PTR = 180° – (95° + 40°) = 180° – 135°
∠PTR = 45°
ऋजु रेखाएँ P और RS परस्पर बिन्दु T पर प्रतिच्छेद करती हैं।
∠QTS = ∠PIR (शीर्षाभिमुख कोण)
∠QTS = 45° (∠PTR = 45°)
अब ΔQTS में,
∠QTS + ∠TSQ + ∠SQT = 180° [त्रिभुज के सभी अन्तः कोणों का योग 180° होता है।]
45° + 75° + ∠SQT = 180°
∠SQT = 180° – (45° + 75°) = 180° – 120° = 60°
∠SQT = 60°
Q5. दी गई आकृति में, यदि PQ ⊥ PS, PQ || SR, ∠SQR = 28° और ∠QRT = 65° है, तो x और y का मान ज्ञात कीजिए।
हल-
ΔQRS में,
∠SQR + ∠QSR = बहिष्कोण ∠QRT
28° + ∠QSR = 65°
∠∠QSR = 65° – 28° = 37°
अब :: PQ || SR और QS एक तिर्यक प्रतिच्छेदी रेखा है,
∠PQS = ∠QSR (एकान्तर कोण)
x = 37° (∠PQS = x, ∠QSR = 37°)
PQ ⊥ PS
∠P = 90°
ΔPQS में, ∠P + ∠PQS + ∠PSQ = 180° [त्रिभुज के तीनों अन्त:कोणों का योग 180° होता है।]
90° + x + y = 180°
⇒ x + y = 90°
⇒ 37° + y = 90°
⇒ y = 90° – 37°
⇒ y = 53°
अतः x = 37° तथा y = 53°
Q6. दी गई आकृति में, ΔPQR की भुजा QR को P बिन्दु S तक बढ़ाया गया है। यदि ∠PQR और ∠PRS के समद्विभाजक बिन्दु Tपर मिलते हैं,
तो सिद्ध कीजिए कि ∠QTR = QPR है।
हल-
ΔPQR में,
∠PQR + ∠PRQ + ∠QPR = 180° ……..(1)
तथा ΔTQR में,
∠TQR + ∠QRT + ∠QTR = 180° ……….(2)
समीकरण (1) व (2) से,
∠ TQR + ∠QRT + ∠QTR = ∠PQR + ∠PRQ + ∠QPR
∠TQR + (∠ PRQ + ∠PRT) + ∠QTR = ∠PQR + ∠PRQ + ∠QPR [∠QRT = ∠PRQ+ ∠PRT]
∠TQR + ∠ PRQ + ∠PRT + ∠QTR = ∠PQR + ∠PRQ + ∠QPR
∠TQR + ∠PRT + ∠QTR = ∠ PQR + ∠QPR …(3)
चूँकि QT, ∠PQR का समद्विभाजक है।
∠TQR =
समीकरण (3) व समीकरण (4) से,
∠TQR + ∠PRT + ∠QTR = 2 ∠TQR + ∠QPR
∠ PRT + ∠QTR = ∠TQR + ∠QPR …….(5)
चूँकि RT, ∠ PRS का समद्विभाजक है।
∠PRT =
और ∠PRS, ΔPQR का बहिष्कोण है।
∠PRS = ∠PQR + ∠QPR
∠PRS = 2 ∠TQR + ∠QPR ……(6)
∠PRT =
∠PRT = ∠TQR +
समीकरण (5) में से समीकरण (7) को घटाने पर,
∠QTR = ∠QPR –
∠QTR =
इति सिद्धम.
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