अंग्रेजी इस समय एक ग्लोबल भाषा के तौर पर उभर चूकी है. यह अब एक ऐसी भाषा बन गई है, जो विश्व भर में कहीं भी बोली जा सकती है. वैश्विक स्तर के परिवर्तनों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए आज अंग्रेजी जानना बहुत आवश्यक हो गया है. साथ ही ध्यान देने वाली बात ये है कि अंग्रेजी हमारे देश में भी बहुत ही अधिकता से प्रयोग होने लगी है. अब तो छोटी से छोटी कंपनियों में काम करने के लिए अथवा किसी सरकारी कार्यालय में कोई औपचारिकता कराने के लिए भी अंग्रेजी की आवश्यकता होने लगी है. साथ ही अंग्रेजी बोलने से आपके व्यक्तित्व पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है. अंग्रेजी धीरे धीरे वह मापदंड बन गई है, जिसके अंतर्गत यह पता लगाया जाता है कि कोई व्यक्ति कितना पढ़ा लिखा है. अतः यदि आप कम पढ़े लिखे हों पर अंग्रेजी अच्छे से बोलते हों तो आपको सुशिक्षित ही माना जाएगा. इस वजह से आज कल अंग्रेजी बोलना एक अनिवार्य शर्त हो गई है.
इंग्लिश कोई जादू की छड़ी से नहीं सीखी जा सकती. इसके लिए हमें अपनी दिनचर्या में कुछ विशेष बदलाव करने की आवश्यक्ता होती हैं. हम कई तरह के विज्ञापन पढ़ते हैं इंग्लिश सीखे मात्र 30 दिनों में, आये हिंदी बोलते हुए और जाये इंग्लिश बोलते. यह सब टैग लाइन पढ़ने सुनने में बहुत अच्छी लगती हैं और दिल को शांति भी देती हैं कि हम भी आसानी से इंग्लिश बोल पाएंगे. लेकिन सोचने की बात हैं इंग्लिश एक भाषा हैं जिसे ना तो चुटकियों मे सिखा जा सकता हैं और ना ही यह इतनी कठिन हैं कि इसे कभी सीखा ही न जा सके.
यहाँ पर कुछ आसान रास्ते दिए जा रहे है जिस पर अमल करके आप आसानी से अंग्रेजी बोलना सीख सकते हैं.
सबसे पहले आपको अंग्रेजी बोलने के दौरान होने वाली कठिनाइयों को स्वीकार करने की आवश्यकता होती है. दरअसल जब तक आप अपनी कमजोरियों को स्वीकारेंगे नहीं तब तक आप उसे हल नहीं कर सकेंगे. अतः इस भाषा सम्बंधित अपनी कठिनाइयों पर ध्यान देना आरम्भ करें कि कहाँ पर आपको सबसे अधिक परेशानी होती है. अंग्रेजी भाषा में कई ऐसे शब्द हैं, जिसे बोलते समय आपको बस हल्का सा परिवर्तन ध्यान में रखना होता है. उदाहरण के तौर पर रीड की स्पेलिंग read है और रेड के लिए red लिखा जाता है. इन दोनों के उच्चारण के समय सावधानी बरतनी होती है. साथ ही ऐसे ही आपको ध्यान देने की ज़रुरत होती है कि mouse का बहुवचन mice किन्तु house का बहुबचन houses होता है. अतः अंग्रेजी में कई अपवाद सरीखे उदाहरण हैं, जिसे समझने के लिए अंग्रेजी पढ़ना अतिआवश्यक है.
आपको यदि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने का मन हो, तो इसके अभ्यास के लिए आपको नियमित रूप से अंग्रेजी का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है. यदि आपके पास समय है, तो रोज़ ही कम से कम आधे घंटे के लिए अंग्रेजी किताबों के साथ बिताएं. इससे आपके पास शब्दों में काफ़ी वृद्धि होगी जिसका प्रयोग आप अंग्रेजी कहते हुए कर सकेंगे. अंग्रेजी पढ़ते हुए कई शब्द आपके सामने ऐसे आयेंगे जिनका उच्चारण मुश्किल लगेगा, किन्तु नियमित अभ्यास से आपको उच्चारण आदि स्वयं ही समझ आने लगेंगे.
अंग्रेजी बोलते समय अपने वाक्यों को प्रभावशाली बनाने के लिए आपको विशेष वाक्यांशों को जानने की आवश्यकता होती है. अतः आप अच्छी किताबों की सहायता से अच्छे अच्छे phrase याद कर सकते हैं. ध्यान दें कि आपको पूरा वाक्य याद नही करना होता है. आपको सिर्फ और सिर्फ विशेष वाक्यांश ही ध्यान में रखने होते हैं, जो कि विभिन्न वाक्यों में ज्यों के त्यों प्रयोग किये जाते हैं.
व्याकरण का अभ्यास अंग्रेजी के लिए बहुत आवश्यक है, किन्तु सिर्फ अभ्यास के ही समय. जब आप अंग्रेजी बोल रहे हैं तब व्याकरण पर अधिक ध्यान देने की ज़रुरत नहीं हती है. आप किसी के सामने अंग्रेजी बोलते समय पूरी तरह से कॉंफिडेंट रहें और अंग्रेजी बोलते समय किसी तरह की व्याकरण सम्बंधित ग़लती हो जाने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है. आप हालाँकि अपने अभ्यास के समय अपनी ग़लतियों पर ध्यान देकर उसे सुधार सकते हैं.
आज अंग्रेजी कमोबेश लगभग हर व्यक्ति बोलता है. अतः आप अपनी किताबों और अपने शिक्षक के अलावा अन्य लोगों से भी अंग्रेजी बोलने के गुण सीख सकते हैं. इसमें आपको किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. आप अपनी टीवी में देने वाले अंग्रेजी फ़िल्मों के सहारे भी अपनी अंग्रेजी को बेहतर बना सकते हैं. ध्यान दें कि कई ऐसे चैनल्स हैं, जिनमे अंग्रेजी फ़िल्में सबटाइटल के साथ देता है. यह सबटाइटल भी अंग्रेजी सीखने में काफ़ी कारगर होता है.
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कई लोग पहले अपने द्वारा कही जाने वाली बात अपनी मातृभाषा में सोचते हैं और इसके बाद वे उसका अनुवाद अंग्रेजी में करते हैं, यह प्रक्रिया बहुताधिक समय लेती है और कई बार अनुवाद के लिए सटीक शब्द न मिलने पर झिझक का सामना करना पड़ता हैं. अतः अंग्रेजी बोलते समय आप स्वयं अपने अंग्रेजी डिक्टेशन का प्रयोग करके ही अंग्रेजी बोलें. इससे आप आसानी से अपनी बात अंग्रेजी में रख सकेंगे.
केवल अंग्रेजी पढ़ना और सुनना ही काफ़ी नहीं है, क्योंकि आखिर में आपको अंग्रेजी बोलनी है. अतः जो शब्द पढ़ अथवा सुन रहे हैं, उसका सटीक उच्चारण भी आवश्यक है. उच्चारण सही करने के लिए आपको लगातार अंग्रेजी के शब्दों को अभ्यास के दौरान दोहराना होगा. आप देखेंगे कि कई ऐसे शब्द हैं, जिनके स्पेल्लिंग अलग हैं, किन्तु उसका उच्चारण अलग तरह से होता है. उदाहरण के तौर पर knife में k का उच्चारण नहीं होता है. इसे कहते हुए सिर्फ नाइफ कहा जाता है किन्तु लिखते हुए knife लिखा जाता है. ऐसे और भी उदाहरण हैं, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
अंग्रेजी बोलने का अभ्यास करने के लिए आप आईने का प्रयोग कर सकते हैं. यह बहुत ही कारगर तरीका है, जिसे लगभग हर अंग्रेजी सीखने वाला करता है. आप अपने कमरे के आईने के सामने खड़े रहकर अपने मनपसंद टॉपिक पर लगातार 2 से 3 मिनट तक अंग्रेजी बोलते रहें. इस समय अंग्रेजी बोलते समय अपने बॉडी लैंग्वेज और चेहरे की भंगिमाओं पर विशेष ध्यान दें. ताकि आप अपनी ग़लतियाँ सुधार सकें. इससे आपके अन्दर आत्मविश्वास की भी काफ़ी वृद्धि होगी.
कई ऐसे टंग ट्विस्टर है, जिसका अभ्यास करने से आपके उच्चारण में काफ़ी सफाई आ सकती है. टंग ट्विस्टर आमतौर पर एक ही जैसे शब्दों के सम्मलेन से बना कोई वाक्य अथवा वाक्यांश से बना होता है. उदाहरण के तौर पर आप ‘Drew Dodd’s dad’s dog’s dead’, ‘upper roler lower roler’ आदि लगातार कहते हुए अपनी ज़बान साफ़ करने का अभ्यास कर सकते हैं.
आप अपने मोबाइल में कुछ अंग्रेजी गाने रख कर इसे लगातार सुनते रहें. आपको आपके द्वारा सुने जा रहे गाने का लिरिक्स आसानी से इन्टरनेट पर प्राप्त हो सकेगा. गाना सुनते हुए उसका लिरिक्स निकाल कर गाने के साथ साथ गुनगुनाएं. इससे आपने उच्चारण में काफ़ी शुद्धता आएगी और अंग्रेजी के प्रति आपका आत्मविश्वास बढेगा. अतः यह आत्मविश्वास बढ़ाने का उपाय अच्छा है.
अभ्यास के लिए यह भी एक कारगर प्रक्रिया है. आप अपने वार्तालाप अथवा अभ्यास के समय अपने द्वारा कहे जा रहे अंग्रेजी को अपने मोबाइल फ़ोन के रिकॉर्डर से रिकॉर्ड करें. आज कल लगभग सभी मोबाइल में रिकॉर्डर भी उप्लब्ध होता है. अतः अपनी रिकॉर्डिंग को सुन कर आप इस बात का अनुमान लगा सकेंगे कि कहाँ पर आपका उच्चारण गलत हुआ है और कहाँ पर आपने व्याकरण सम्बंधित ग़लतियाँ की हैं. इस तरह से अपने भूल वाले स्थान को सुधार कर आप अपना अंग्रेजी स्पीकिंग बेहतर बना सकेंगे.
कई ऐसे अंग्रेजी समाचारपत्र जैसे इंडियन एक्सप्रेस, हिन्दू, स्टेट्समैन आदि है जिसे आप रोज़ पढ़ सकते हैं. इन समाचार पत्रों में अंग्रेजी भाषा बहुत ही संयमित तरह से लिखी हुई होती हैं, ताकि आम लोग आसानी से समझ सकें. अतः आप रोज़ इनमें से किसी एक भी समाचार पत्र को रोजाना पढ़ के अपने अंग्रेजी शब्दावली में वृद्धि कर सकते हैं. इससे आपको देश दुनिया की ख़बरों भी जायज़ा मिलता रहेगा और आपकी अंग्रेजी भी बेहतर होती जायेगी.
अभ्यास के समय अंग्रेजी ऊंची आवाज़ में पढने की आवश्यकता होती है, ताकि कम से कम आपको आपका उच्चारण सुनाई दे सके. दरअसल अभ्यास के समय कई लोगों की यह आदत होती है कि वे अपने मन ही मन में अंग्रेजी पढ़ते हैं. इससे उनके उच्चारण का अभ्यास नहीं हो पाता और अंग्रेजी बोलते समय काफ़ी कठिनाई होती है.
ध्यान दें कि बाज़ार में कई तरह की किताबें होती है, जो ‘अंग्रेजी बोलना सीखिए’ के नाम पर बिकती हैं, किन्तु ऐसी कई किताबें किसी भी काम की नहीं होती है. अतः जब भी आप अंग्रेजी सम्बंधित कोई किताब खरीदना चाहें, तो अच्छे प्रकाशनों और उच्च स्तारीय लेखकों की ही किताबें ख़रीदें. इन किताबों में व्याकरण और उच्चारण सम्बंधित बातें दी गयी होती हैं, जिसकी सहयता से आप अपने अंग्रेजी ज्ञान में काफ़ी वृद्धि कर सकते हैं. आप व्याकरण सम्बंधित किताबों के अतिरिक्त अंग्रेजी साहित्य भी पढ़ सकते हैं.
इस तरह से आप उपरोक्त हिदायतों पर अमल करके बहुत ही आसानी से कुछ ही दिनों में अंग्रेजी बोलना सीख सकते हैं, किन्तु इसके लिए आपको धैर्य से काम लेना होगा और निरंतर अभ्यास करना होगा. निरंतर अभ्यास और अध्ययन से आपके पास अंग्रेजी की एक बेहतर शब्दावली तैयार हो जायेगी, जोकि आपको आत्मविश्वासी बनाएगी और आप सफलतापूर्वक अंग्रेजी बोल सकेंगे.
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