विश्व पर्यावरण दिवस 2022 महत्व निबंध विषय, संरक्षण, मेजबान देश, कविता, नारे (World Environment Day theme, slogan, Poem, Host Country in hindi)
मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर करते है. जैसे अगर हमारी जलवायु मे थोड़ा सा भी बदलाव आता है, तो इसका असर तुरंत हमारे शरीर मे देखने को मिलता है. अगर ठंड ज्यादा पड़ती है, तो हमे सर्दी हो जाती है, अगर गर्मी ज्यादा होती है तो वह भी हम सहन नहीं कर पाते. यह तो हुई सिर्फ एक इंसान की बात.
यदि हम यही चीज पूरी मानव जाती से जोडकर देखे तो नुकसान भी बड़ा होगा. कुछ समय पहले हुई त्रासदी जैसे केदार नाथ मे हुई अथाह वर्षा, आसाम की बाड़, आदि इसके उदाहरण है.
नाम | विश्व पर्यावरण दिवस |
शुरुआत | सन 1974 में |
साल 2022 में थीम | इकोसिस्टम रेस्ट्ररेशन |
मेजबान देश | पाकिस्तान (2022 में) |
उद्देश्य | पर्यावरण की रक्षा करना |
हर साल 5 जून से 16 जून (5th June TO 16th June) के बीच यह मनाया जाता है. इन दिनों हर जगह पेड़ पोधे लगाये जाते हैं, और पर्यावरण से सम्बंधित बहुत से कार्य किये जाते हैं. जिसमे 5 जून का विशेष महत्त्व होता है.
पर्यावरण मानव जीवन के लिए उतना ही जरूरी है जितना सांस लेना. क्योकि यदि पर्यावरण ही नहीं होगा तो प्राणी सांस कैसे लेगा. आज हर मनुष्य को अपने स्तर पर पर्यावरण को संतुलित रखने के प्रयास करना चाहिए. क्योकि पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से मुक्त होना, किसी एक समूह के बस की बात नहीं है. इस समस्या पर काबू किसी नियम या कनून को लागू करके नहीं पाया जा सकता. अगर हर कोई इसके दुषपरिणाम के बारे मे सोचे और अपनी आगे वाली पीढ़ी के बारे मे सोचे तो ही इससे निजात संभव है. इस वजह से पर्वयारण को बढ़ावा देने के लिए और लोगों को प्रेरित करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है.
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत सन 1974 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद से हुई है. हालांकि इस पर चर्चा 1972 में शुरू हो गई थी किन्तु चर्चा होते होते इसकी शुरुआत होने में 2 साल लग गये. और पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया. तब से यह हर साल एक थीम के साथ मनाया जा रहा है. पिछले 6-7 साल से इसे नये तरीके मनाया जा रहा है. जहाँ पर एक देश मेजबानी करता है, और फिर विश्व स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करते हुए इस दिन का उत्सव मनाया जाता है.
हर साल के विश्व पर्यावरण दिवस को कुछ न कुछ विषय के साथ मनाया जाता है, और यह विषय विशेष रूप से पर्यावरण की किसी एक चिंता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए होता है. साल 2021 में यह विषय ‘इकोसिस्टम रेस्ट्रोरेशन यानि पारिस्थितिक तंत्र की बहाली’ है.
विश्व पर्यावरण दिवस को दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति लोगों में जगरूकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है. इसलिए हर साल कोई एक देश इसकी जिम्मेदारी लेता है, और फिर वहां अधिकारिक समारोह आयोजित किया जाता है. मेजबान देश पर ध्यान केन्द्रित करने से पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है. इस साल यानि सन 2021 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए मेजबानी करने वाला देश पाकिस्तान है.
चीन की सरकार ने मुख्य कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए झेजियांग प्रान्त के हैंगज्होऊ के साथ ही कई शहरों में विश्व पर्यावरण दिवस समारोह कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है. इन कार्यक्रम के माध्यम से चीन द्वारा लोगों को वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करने और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए प्रेरित किया जायेगा.
हर साल वायु प्रदूषण के चलते लोग शुद्ध हवा नहीं ग्रहण करने की वजह से मर रहे हैं. और इस आंकडें में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है. ऐसे में हर साल विश्व पर्यावरण दिवस सरकारों, उद्योगों और व्यक्तियों से आग्रह करने के लिए मनाया जाता है कि नई ऊर्जा और ग्रीन टेक्नोलॉजीज का पता लगाते हुए दुनिया भर के शहरों और क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता में सुधार किया जायें. और यही हर साल इस दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य भी होता है.
साधारण तौर पर सोचे तो पर्यावरण से तात्पर्य हमारे चारो ओर के वातावरण और उसमे निहित तत्वो और उसमे रहने वाले प्राणियों से है. हम अपने चारो ओर उपस्थित वायु, भूमि, जल, पशु पक्षी, पेड़ पौधे आदि को अपने पर्यावरण मे शामिल करते है.
ध्यान रखने योग्य बात यह है कि पर्यावरण (Environment) से तात्पर्य केवल हमारे आस पास के भौतिक पर्यावरण से नहीं है, बल्कि हमारा सामाजिक (social) और व्यवहारिक (cultural) वातावरण भी इसमे शामिल है. मानव के आस पास उपस्थित सोश्ल, कल्चरल, एकोनोमिकल, बायोलॉजिकल, और फ़िज़िकल आदि सभी तत्व जो मानव को प्रभावित करते है, उसके पर्यावरण मे शामिल होते है.
देखा जाए तो पर्यावरण प्रदूषण के कई कारण है. हमारे द्वारा की गयी छोटी छोटी बिना सोचे समझे की जाने वाली हरकते पर्यावरण प्रदूषण का कारण हो सकती है. हम यहाँ कुछ मुख्य गतिविधियो पर प्रकाश डाल रहे है.
इंडस्ट्रियल एक्टिविटी मतलब मानव द्वारा निर्मित इंडस्ट्रीज़ (फैक्ट्री) से निकलने वाले अवशेष हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करते है. परंतु यह भी संभव नहीं है कि इस विकास की दौड़ मे हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अपने विकास को नजर अंदाज कर दे. पर हम कुछ बातो का ध्यान रखकर अपने पर्यावरण को ज्यादा हानी से बचा सकते है. कारखानो की चिमनिया ऊची लगवाकर हम वायु प्रदूषण से भी बच कर सकते है और भी कई मानक है जो की कारखानो के लिए तय किए गए है, उन्हे फॉलो करके पर्यावरण प्रदूषण को काफी हद तक काबू किया जा सकता है. परंतु अगर कोई भी लापरवाही यदि किसी कारखाने द्वारा की जाती है तो इसके भयावह परिणाम सामने आते है, भोपाल गैस त्रासदी इसका ही उदाहरण है.
आज कल घर मे जितने सदस्य होते है, उससे ज्यादा वाहन घर मे उपस्थित रहते है. घर का छोटा बच्चा भी साइकल के अलावा गाड़ी चलाना पसंद करता है. आज कल के जमाने मे अगर कोई पैदल चलता हुआ सड़क पर दिख जाए तो लोग आश्चर्य की दृष्टि से उसे देखते है. सेहत को सही रखने के डर से मॉर्निंग वॉक पर तो लोग जाते है परंतु अगर उन्ही लोगो को यदि पैदल ऑफिस जाने को कहे, तो वे कभी तैयार नहीं होंगे. ऐसे लोगो को मैं कहना चहुंगी कि अपनी सेहत के साथ साथ पर्यावरण की सेहत का ध्यान रखना भी आपका ही कर्तव्य है. अगर आप पैदल नहीं चल सकते तो कम से कम इस बात का तो ध्यान रखे, कि अपने वाहनो मे क्लीन ईंधन का इस्तेमाल करे ताकि कम धुआ निकले और पर्यावरण कम प्रदूषित हो.
शहरीकरण और आधुनिकरण पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारण है. मनुष्य का अपनी सुख सुविधाओ की होड मे पर्यावरण को नजर अंदाज करना आम हो गया है. मनुष्य बिना सोचे समझे ही पेड़ो की कटाई कर रहा है. इसका एक उदाहरण मेरे ही शहर मे देखने को मिला, जब यहा उपस्थित अधिकारियों ने शहर को सुंदर बनाने के लिए हरे भरे बगीचे उजाड़ दिये थे और शहर की पहचान बन चुके पेड़ो को बिना सोचे समझे काट दिया. परंतु वे शायद ये भूल जाते है कि हमारा जीवन जीने के लिए आवश्यक वायु इन्ही पेड़ो से मिलती है. छोटे छोटे पेड़ो के साथ साथ बड़े बड़े जंगलो का कटना भी आज कल आम बात है, परंतु जंगलो को काटने वाले भूल जाते ही की जंगलो की कटाई के साथ साथ वे कई जीवो का आवास झीन लेते है.
बढती हुई आबादी भी पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण है. जिस देश मे जनसंख्या लगातार बढ रही है, वह रहने खाने की की समस्या भी लगातार बढ़ रही है. और अपनी सुख सुविधाओ के लिए मानव पर्यावरण को कोई महत्त्व नहीं देता, परंतु वह यह भूल जाता है कि बिना पर्यावरण के उसकी सुख सुविधाए कुछ समय के लिए ही है.
वैसे तो ऐसी कोई तेज़ तकनीक नहीं है, जिससे कि पर्यावरण प्रदूषण पर तुरंत काबू पाया जा सके. परंतु मनुष्य अपने छोटे छोटे प्रयासो से इस समस्या को कम जरूर कर सकता है. यहा हम कुछ बाते बताना चाहेंगे जिनका खयाल रखकर शायद पर्यावरण प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है.
पेड़ काटने वाले काट गए
क्या सोचा था एक पल को
वो किसी ,परिंदे का घर उजाड़ गये
क्या सोचा था एक पल को
वो धरती की मजबूत पकड़ उखाड़ गये
कितने ही एकड़ को, वो बंजर बना गए
मौसम का मंजर, एक पल में हिला गये
न करो पर्यावरण का निरादर,
ये धरती का अपमान हैं
हर एक पेड़ पौधा और जिव जंतु,
इस धरती का सम्मान हैं
अगर करोगे खिलवाड़ संतुलन से,
तो भविष्य में सिर्फ गहरा अंधकार हैं
यदि आप जीवित रहना चाहते हैं तो आपको इस दिन को अवश्य मनाना चाहिए. इस दिन कम से कम आपको एक पेड़ या पौधा अवश्य लगाना चाहिए. इससे आप और आपके साथ – साथ अन्य प्राणी भी इस पृथ्वी में जीवित रह सकेंगे.
Ans : पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए मनाया जाने वाला एक दिन है.
Ans : 1974 से.
Ans : 5 जून से 16 जून तक
Ans : पर्यावरण की रक्षा करना.
Ans : पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेते हैं और पेड़ पौधे लगते हैं.
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