top 20 tourist place in jaipur : जयपुर उर्फ “गुलाबी शहर” के नाम से तो आप सभी भलीभाँति वाक़िफ़ होंगे। भारत के सबसे बड़े राज्य की राजधानी जो स्वादिष्ट घेवर, दाल बाटी चूरमा व प्याज कचौडी़ का गंतव्य है। नाम सुनते ही आपके दिमाग में इसका ललचाने वाला दृश्य तो ज़रूर उभरा होगा, है ना? कहा जाता है कि शहर को वेल्स के राजकुमार के स्वागत की खुशी में गुलाबी(गेरुआ) रंग से रंगा गया था और तभी से इसे गुलाबी शहर के नाम से जाना जाने लगा। जयपुर
जयपुर गर्म इलाकों में शुमार है इसलिए अगर आप यहाँ घूमने का विचार कर रहें है तो अक्टूबर से फरवरी के महीने एकदम उचित है क्योंकि इस दौरान मौसम ठंडा होता है। आपको खूब सारे गर्म कपड़े अपने साथ लेकर आने होंगे। गर्मियों में परेशानी उठाने से अच्छा है आप सर्दियों में यहाँ आकर लुत्फ़ उठाऐं।
इन 20 जयपुर के दर्शनीय स्थल का लुत्फ़ उठाने के लिए आपको बिना प्रतीक्षा करवाए उसकी जानकारी से आपको रूबरू करवाते हैं:
इतिहास, वास्तुकला एवं फ़ोटोग्राफ़ी – अगर आप इन तीनों में से किसी भी चीज़ के शौकीन है तो आपको यहाँ खासतौर से आना ही चाहिए। यहाँ से आप पूरे जयपुर को अपनी आँखों में समेट सकते हैं और इसके सौंदर्य के गवाह बन सकते है। अपने कमरे में ढेर सारी तस्वीरों को कैद करिए जिसके द्वारा आप एक बेहद सुंदर याद को संजो पाएंगे।
जयपुर शहर का मशहूर किला जो लोगों के बीच पिकनिक स्पॉट के तौर पर लोकप्रिय है। यहाँ से आप जयपुर और आमेर शहर का नज़ारा देख पाएंगे पर इसकी खूबसूरती रात में बेहद निखर के आती है। यहाँ का सिर्फ नज़ारा ही खूबसूरत नहीं है बल्कि किले में मौजूदा रेस्टोरेंट भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। वैक्स म्यूज़ियम भी यहाँ का देखने लायक जगह का हिस्सा है।
इसका शाब्दिक अर्थ तो आप सभी समझ पा रहे होंगे – जीत का स्थान। अगर आप हथियारों आदि को देखने का शौक रखते हैं तो आप यहाँ आना न भूलें। यहाँ राजपूत महाराजाओं के प्राचीन हथियार व तोपें आपको देखने को मिलेंगी। 3 किमी की दूरी में फैला यह किला आमेर व नाहरगढ़ किलों के समीप ही स्थित है।
मनसागर झील के ठीक बीचों-बीच स्थित यह किला महाराजा जय सिंह द्वितीय ने मुख्य तौर पर शिकार के अड्डे के रूप में बनवाया था। लेकिन यह लोगों के बीच एक कारण से मशहूर हुआ है जो है प्रवासी पक्षियों की झलक। आप यहाँ बहुत से खूबसूरत पक्षियों को देखकर अपनी यात्रा को यादगार बना पाएंगे। लंबे-लंबे रास्तों पर चलकर आपको शांति का आभास होगा।
यह चार अलग-अलग बाज़ारों का मिश्रण है जहाँ आपको राजस्थानी जूतियों से लेकर जयपूरी दुपट्टे व सजावटी सामान मिलेंगे। तो आइए और अपनी चाह आज़माइए। उँगलियाँ चाटने वाला पारंपरिक स्वादिष्ट भोजन भी आपका इंतज़ार कर रहा है। तो फिर देर किस बात की है, अपनी चाहतों को उड़ान दो ताकि कुछ छूटने न पाए।
वेल्स के राजकुमार, अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पर बना यह संग्रहालय बहुत-सी अद्भुत चीज़ों का केंद्र है। यहाँ आपको भारत के अलग-अलग भागों की चित्र कला देखने को मिलेगी। यह भारत की कला और संस्कृति के बारे में जानने का सबसे प्राचीन स्थान है और इसलिए इसका अलग महत्व है। यहाँ मिस्र की ममी भी है जो कुछ वक्त से लोगों के बीच काफी चर्चा में है। ये सबसे सुन्दर जयपुर के दर्शनीय स्थल में से है।
अरावली के पहाड़ों में स्थित यह तीरथ स्थल आपको शांति और आध्यात्मिकता में सराबोर कर देगा। मंदिर की अनोखी वास्तुकला और इसका बेहद खास जगह स्थित होना ही यात्रियों को अपनी ओर खींच लेता है। यहाँ का प्राकृतिक वातावरण व सात कुंड लोगों को इस माहौल में पूरी तरह लिप्त कर देते हैं। यहाँ भगवान हनुमान, राम, कृष्ण, सूर्य व विष्णु जी की मूर्तियां मौजूद है।
ये सबसे मशहूर जयपुर के दर्शनीय स्थल में से है। और हो भी क्यों ना? यह लक्ष्मीनारायण के मंदिर सफ़ेद संगमरमर से बना है। कई लोग देश के अलग-अलग कोने से इसके दर्शन करने आते हैं। इसकी शोभायमान वास्तुकला व मंदिर में रखी लक्ष्मीनारायण की मूर्ती बेहद आकर्षक है। इसकी अंदरूनी दीवार हिन्दू धर्म के दृश्यों को दर्शाती है।
अगर आप राजस्थान के ग्रामीण वातावरण से परिचित होना चाहते है तो ये आपके लिए ही है। यहाँ आपको राजस्थानी लोक गीत, लोकनृत्य, कठपुतलियों का नाटक हर शाम देखने का अवसर प्राप्त होगा। आप यहाँ के रंग में रंग जाएंगे और अपना पूरा समय इसे ही देना चाहेंगे। रात को टिमटिमाती लाईटें इसे जगमगा देती है।
राजा मान सिंह प्रथम द्वारा बनवाया गया यह महल लाल बलुआ पत्थर व संगमरमर से बनाया गया है। इसे इतने उम्दा तरीके से बनाया गया है कि आप देखते ही स्तब्ध रह जाऐंगे। इसकी दीवारों को ऊँचा बनाया गया था ताकि दुश्मनों के वारों से बचा रहा जा सके। यहाँ से आप माओटा झील की अद्भुत सुंदरता को देख सकते हैं। सूर्योदय व सूर्यास्त के दृश्य इसकी खुबसूरती को बढ़ा देते हैं। दीवारों पर चित्रकला व उसे आभूषणों से सजी कलाकृति चार चाँद लगा देती है।
जयपुर अपने विविध वन्य जीवों के लिए मशहूर है जिसमें बाघ, चीता, तेंदुए, हाथी, आदि शामिल है। जयपुर में यहाँ आकर आप सफारी कर सकते हैं। यहाँ आपको तेंदुए व चीते अवश्य देखने को मिलेंगे। 20 वर्ग किमी में फैला यह क्षेत्र प्राचीन समय में शिकार का अड्डा हुआ करता था। जो अब चर्चित दर्शनीय स्थल बन चुका है। यहाँ आप खुली हुई जिप्सी में भी गाईड के साथ सफर कर सकते हैं।
महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा बनाए गए इस स्थल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में स्थान दिया गया है। ज्योतिषीय व खगोलीय घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए इसे बनाया गया है। यहाँ मौजूद प्राचीन उपकरणों से समय, दिशा, ग्रहण, आदि का पता लगाया जाता है। इन्हें बड़ी कुशलता से पत्थरों का इस्तेमाल करके बनाया गया है। यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धियों में से एक है कि शताब्दियों पहले भी इतने आधुनिक उपकरणों का इजात किया गया।
पथरीला रास्ता व पेड़ों से घिरा वातावरण, पक्षियों की चहचहाट आपको भूतेश्वर नाथ मंदिर का रास्ता दिखाऐंगे। यह आपके लिए एक रोमांचक सफर होगा क्योंकि आपको ऊँचाई पर चढ़ना होगा। 570 मीटर की ऊँचाई पर जाकर आपको एक मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा। आप इस नज़ारे को कैमरे में कैद किए बिना रह ही नहीं पाऐंगे।
जयपुर का सबसे मशहूर सिनेमाघर जहाँ बॉलीवुड की हर फिल्म आपको देखने को मिल जाएगी। इसे जयपुर की आधुनिक कला द्वारा बनाया गया है। सिनेमाघर की छत को ताड़ के पत्तों व चमकदार सितारों से सजाया गया है। अगर आप जयपुर आए है तो यहाँ आकर एक फिल्म देखना तो बनता है। यहाँ 1300 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है। इसकी आकर्षक बनावट के कारण यह दशकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
जयपुर से 6 किमी की दूरी पर यह गार्डन स्थित है। बगीचे के लोभित नज़ारों व उम्दा वास्तुकला ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। इसका निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1728 में करवाया था। अगर आप जयपुर सौंदर्य की तलाश में निकले है तो यही आपकी मंज़िल होनी चाहिए। हरा-भरा वातावरण, उनके बीच चलते पानी के फव्वारे मन मोहने वाला नज़ारा दिखाते हैं।
विष्णु भक्तों के लिए यहाँ भगवान कृष्ण का खूबसूरत मंदिर है। यह मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस कॉमप्लैक्स में स्थित है। कहा जाता है कि मंदिर में मौजूद कृष्ण की प्रतिमा को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा वृंदावन से यहाँ लाया गया था। पर इस मंदिर का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा करवाया गया है। हर वक्त आरती व भजन का वातावरण कृष्ण भक्तों को अपनी भक्ती में लीन कर देगा।
यह जयपुर के सबसे बड़े व रंगीन पार्कों में से एक है। जयपुर के हृदय में बसा यह पार्क 5 किमी लंबा है। यहाँ आपको प्रकृति के हर रंग देखने का अवसर मिलेगा। कुछ विलुप्त पक्षियों को आप यहाँ-वहाँ उड़ते देखेंगे, उनकी चहचहाट से वातावरण झंकृत हो जाता है। यहाँ का एक और मुख्य आकर्षण है भारत का सबसे ऊँचा तिरंगा व एक सुंदर मंदिर। यहाँ मौजूद झण्डा 206 फीट ऊँचा है।
राजस्थान की पारंपरिक वस्तुओं को खरीदने के लिए यह जयपुर का सबसे मशहूर बाज़ार है। जयपुर के बीचों-बीच यह बाज़ार संगनेर गेट से न्यू गेट के बीच बसा है। राजस्थानी जूतियाँ, रंगीन दुपट्टे, साड़ियाँ, आदि आपको बेहद आकर्षित करेंगे। आप इन्हें खरीदे बिना रह नहीं पाऐंगे क्योंकि इनके दाम भी उचित हैं। राजस्थानी कपड़ों से लेकर हस्तशिल्प व कुछ बहुमूल्य पत्थर भी बिकते हुए दिखेंगे।
जयपुर का मशहूर शॉपिंग व मनोरंजक स्थल जो आपको अपने भव्य आकार से अचंभित कर देगा। यह 11 मंज़िला इमारत है जो दो ब्लॉक में विभाजित है। यह पार्क 52 एकड़ बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ 500 कपड़ों के स्टोर हैं जिनमें हर तरह के कपड़े आपको मिल जाऐंगे। यहाँ एक बड़ा फूड कोर्ट है जहाँ बैठकर आप स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ़ उठा सकते हैं और सिनेमाघर आदि है। इसकी शालीनता को आप यहाँ आकर महसूस कर सकते हैं।
राजपूतों के महलों, किलों से शोभित जयपुर के दर्शनीय स्थल आपको अपने वातावरण में ढलने का पूरा मौका देगा और आप काफी हद तक इसमें ढल भी जाएंगे। आप बिना समय गवाए यहाँ कम-से-कम एक बार तो अपने परिवार, दोस्तों आदि के साथ आऐं। राजस्थानी संस्कृति आपको निराशा का मौका बिल्कुल नहीं देगी। अपनी जयपुर यात्रा के लिए ट्रैवल ट्राऐंगल से बुकिंग कीजिए।
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जयपुर की यात्रा के लिए दो दिन पर्याप्त है, या फिर ज्यादा-से-ज्यादा तीन दिन, अगर आप यहाँ आराम फरमाना चाहते हैं। हवा महल, सिटी पैलेस, नाहरगढ़ किला, जल महल आदि बहुत-से जयपुर के दर्शनीय स्थल आप यहाँ देख पाऐंगे।
बहुत-सी राजस्थानी भोजन यहाँ बहुत मशहूर है जिसमें सबसे ऊपर नाम आता है-दाल बाटी चूरमा का। घेवर, प्याज़ कचौड़ी, केर संगरी, गट्टे की सब्ज़ी, मावा कचौड़ी आदि बहुत-से पारंपरिक भोजन आपका मन ललचा देंगे।
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