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RBSE Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन

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RBSE Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन

पाठगत प्रश्न

पृष्ठ 60

प्रश्न 1.
क्या आपने कभी सोचा है कि नीम के पेड़ के नीचे नीम के पौधे ही क्यों उगते हैं?
अथवा
बकरी अपने ही समान बच्चे को जन्म क्यों देती है?
उत्तर:
सभी जीवों में जीन संरचना पाई जाती है जो प्रत्येक जीव में निश्चित है। आनुवंशिकता के नियम के आधार पर यह निश्चित संरचना जनन के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित होती है, जिससे प्रत्येक जीव अपने समान गुण की सन्तति पैदा करता है। यही कारण है कि नीम के पेड़ से प्राप्त बीज से होने वाली पादप नीम का ही होता है अथवा बकरी अपने समान ही बच्चे को जन्म देती है।

पृष्ठ 63-64

प्रश्न 2.
धतूरे के पुष्प को देखकर निम्न सारणी को भरिए

क्र.सं.नाम संरचनासंख्यारंगकार्य
1.बाह्यदल
2.दल
3.पुंकेसर
4.स्त्रीकेसर
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उत्तर:

क्र.सं.नाम संरचनासंख्यारंगकार्य
1.बाह्यदल5हराजनन प्रक्रिया में सहायता
2.दल5सफेदजनन प्रक्रिया में सहायता
3.पुंकेसर3 से  5पीले सफेदनर युग्मक का निर्माण
4.स्त्रीकेसरएकहरा सफेदमादा युग्मक का निर्माण
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पृष्ठ 66

प्रश्न 3.
क्या सभी फलों में बीज होते हैं? किन फलों में बीज नहीं होते हैं?
उत्तर:
सभी फलों में बीज नहीं होते हैं। अनिषेकजनन से प्राप्त फलों में बीज का अभाव होता है, जैसे–केला, अंगूर आदि।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
कायिक जनन पाया जाता है
(अ) आलू में
(ब) गेहूँ में
(स) नीम में
(द) मटर में
उत्तर:
(अ) आलू में

प्रश्न 2.
नर और मादा युग्मक के संयोजन को कहते हैं
(अ) परागण कण
(ब) निषेचन
(स) मुकुलने
(द) बीजाणु
उत्तर:
(ब) निषेचन

प्रश्न 3.
एकलिंगी पुष्प है
(अ) मक्का
(ब) सरसों
(स) गुलाब
(द) पिटूनिया
उत्तर:
(अ) मक्का

प्रश्न 4.
द्विलिंगी पुष्प है
(अ) पपीता
(ब) मक्का
(स) ककड़ी
(द) सरसों
उत्तर:
(द) सरसों

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) फर्न तथा मॉस …………….. द्वारा प्रजनन करते
(ii) सजीवों द्वारा अपने ही समान उत्पन्न करना …………………. कहलाता है।
(iii) नर युग्मक व मादा युग्मक के संयोजन से …………. बनता है।
(iv) ……………… में परागकण परागकोश से. उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं।
उत्तर:
(i) अलैंगिक जनन
(ii) संतति, जनन
(iii) युग्मनज
(iv) स्वपरागण।

सुमेलित कीजिए
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 6 पौधों में जनन 1


उत्तर:
1. (4)
2. (3)
3. (2)
4. (1)

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
पादपों में अलैंगिक जनन निम्न विधियों द्वारा। होता है
(i) मुकुलन- इस प्रकार जनने में पादप के शरीर पर एक कलिका उत्पन्न होती है, उसे मुकुल कहते हैं जैसी कि यीस्ट कोशिका में पाया जाता है। यह मुकुल वृद्धि कर पैतृक कोशिका से अलग होकर नई यीस्ट कोशिका बनाती है।

(ii) विखण्डन- इस तरह का जनन शैवाल में पाया जाता है। ये शैवाल जलाशयों में हरे रंग की काई के रूप में पाये ३ जाते हैं। शैवाल जब वृद्धि करते हैं तो खण्डन द्वारा गुणन करते हैं तथा प्रत्येक टुकड़ा वृद्धि करके नया शैवाल बनाता है।
उदाहरण- स्पाईरोगायरा।

(iii) बीजाणु निर्माण- इस तरह का जनन कवक में पाया जाता है। कवक को हम फफूद भी कहते हैं। इसे डबल रोटी, जो नमी में रह जाती है, पर देख सकते हैं। यह रुई के जाल के समान होती है। इसमें काले भूरे रंग की बीजाणुधानियों में बीजाणु होते हैं। जब ये बीजाणु मुक्त होते हैं तो हल्के होने के कारण वायु द्वारा दूर-दूर तक चले जाते हैं। प्रत्येक बीजाणु उच्च ताप और निम्न आर्द्रता जैसी प्रतिकूल परिस्थिति में अपने चारों ओर एक कठोर आवरण बना लेता है। अनुकूल परिस्थिति आने पर बीजाणु अंकुरित होकर नए कवक तन्तुओं में विकसित हो जाता है। उदाहरण- म्यूकर, राइजोपस।

प्रश्न 2.
एकलिंगी व द्विलिंगी पुष्प में अन्तर समझाइए।
उत्तर:
एकलिंगी पुष्प-जब पुष्प में पुंकेसर अथवा स्त्रीकेसर में से कोई एक जननांग उपस्थित होता है तो पुष्प एकलिंगी कहलाते हैं। उदाहरण-तरबूज, पपीता एवं मक्का। द्विलिंगी पुष्प-जब पुष्प में पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर दोनों उपस्थित होते हैं तो उन्हें द्विलिंगी पुष्प कहते हैं। उदाहरण-सरसों, गुड़हल एवं धतूरा।

प्रश्न 3. स्वपरागण व परपरागण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
परागकणों का किसी भी माध्यम द्वारा वर्तिकाग्र पर पहुँचना, परागण कहलाता है। स्वपरागण व परपरागण में अन्तर उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
स्वपरागण व परपरागण में अन्तरस्वपरागण- जब परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर अथवा उसी पौधे के अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं। तो परागण की यह प्रक्रिया स्वपरागण कहलाती है। उदाहरण-मटर, टमाटर।
परपरागण-जब एक पादपं के पुष्प से परागकण उसी प्रजाति के दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र पर गिरते/पहुँचते हैं तो यह क्रिया परपरागण कहलाती है। उदाहरण-गुलाब, पॉपी ।

प्रश्न 4.
पुष्प का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:

प्रश्न 5.
अनिषेक जनन को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
अनिषेक जनन- जब पौधों में बिना निषेचन के ही पुष्प सीधा फल में परिवर्तित हो जाता है तो उसे अनिषेक जनन कहते हैं। इस प्रकार बने फलों में बीज नहीं होते हैं। जैसे–केला, अंगूर आदि।

प्रश्न 6.
मेण्डल के आनुवंशिकता के तीनों नियम लिखिए।
उत्तर:
मेण्डल के आनुवंशिकता के तीन नियम निम्नलिखित प्रकार हैं

  1. प्रभाविता का नियम
  2. पृथक्करण का नियम
  3. स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक व अलैंगिक जनन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लैंगिक एवं अलैंगिक जनन में अन्तर निम्न हैं

क्र.सं.लैंगिक जननअलैंगिक जनन
1.इस क्रिया में दो जनक भाग लेते हैं। एक नर दूसरा मादा जनकयह क्रिया केवल एक जनक में सम्पन्न होती है।
2.इसमें युग्मकों का (शुक्राणु तथा अण्डाणु) निर्माण होता हैइसमें युग्मकों का निर्माण नहीं होता है।
3.समसूत्री विभाजन के साथ-साथ अर्धसूत्री विभाजन भी होता हैकेवल समसूत्री विभाजन होता है
4.इसमें युग्मक संलयन होता हैइसमें युग्मक संलयन नहीं होता है।
5.इसमें उत्पन्न संतति में आनुवंशिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। इसमें सन्तान आनुवंशिक  रूप से जनक के समान होती है।

प्रश्न 2.
लैंगिक जनन की प्रक्रिया को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
लैंगिक जनन- इस प्रकार का जनन विकसित पादपों में होता है। इनके पुष्प में नर जननांग पुंकेसर तथा मादा जननांग के रूप में स्त्रीकेसर होते हैं, जो एक ही पुष्प में या विभिन्न पुष्पों में हो सकते हैं।
मादा जननांग- स्त्री केसर के तीन भाग होते हैं, जिन्हें क्रमशः वर्तिकाग्र, वर्तिका तथा अण्डाशय कहते हैं। अण्डाशय में बीजाण्ड होते हैं तथा प्रत्येक बीजाण्ड में एक अण्डकोशिका होती है।
नर जननांग- पुंकेसर में परागकोश होता है जहाँ परागकण बनते हैं। इसमें नर युग्मक का निर्माण होता है। एक परागकोश में कई परागकण होते हैं।
निषेचन- परागकण, परागण की प्रक्रिया द्वारा स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचकर अंकुरित होते हैं। परागकण के अंकुरण से परागनली बनती है जो वर्तिका से होते हुए अण्डाशय तक वृद्धि कर अण्डाशय में स्थित बीजाण्ड तक पहुँचती है। परागनली में स्थित नर केन्द्रक बीजाण्ड में स्थित अण्डकोशिका से संयोजित हो जाते हैं। इस प्रकार नर केन्द्रक के मादा केन्द्रक अर्थात् अण्डकोशिका के संयोजन की प्रक्रिया को निषेचन कहते हैं।

निषेचन के द्वारा एक द्विगुणित युग्मनज का निर्माण होता है। यह युग्मनज आगे विभाजित होकर भ्रूण का निर्माण करता है। इस प्रकार निषेचन के पश्चात् बीजाण्ड से बीज वे अण्डाशय से फल का निर्माण होता है। फल के उपयोग के पश्चात् बीज अंकुरित होकर नये पादप बनाते हैं। सुविकसित (आवृत्तबीजी) पौधों के इस प्रकार संतति उत्पन्न करने की प्रक्रिया लैंगिक जनन कहलाती है। एंजियोस्पर्म में भ्रूणपोष त्रिगुणित होता है। निषेचन के पश्चात् अण्डाशय से फूल, बीजाण्ड से बीज का निर्माण होता है। बीज में एक भ्रूण पाया जाता है जो अंकुरण के पश्चात् नए पादप के निर्माण के लिए उत्तरदायी होता है।

प्रश्न 3.
कायिक जनन की विधियों को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
कायिक जनन-बीज के अतिरिक्त पौधे के किसी अन्य भाग जड़, तना या पत्ती से परिवर्धित होकर नए पौधे के बनने की प्रक्रिया को कायिक जनन कहते हैं। इस प्रकार बनने वाले पौधे अपने पैतृक पौधे के समान गुणों वाले होते हैं अतः ये क्लोन कहलाते हैं। कायिक जनन की विधियाँ
(1) भूमिगत तने से- आलू में खाँचयुक्त टुकड़े को काटकर मिट्टी में गड्ढा खोदकर बो देते हैं। इस गड्ढे को खादयुक्त मिट्टी से भरकर इसे पानी द्वारा नमी देते रहें। कुछ समय पश्चात् हम देखते हैं कि आलू की खाँच से एक पादप अंकुरित हो जाता है । इस प्रकार बीज नहीं होने पर भी नया पादप प्राप्त हो जाता है ।

(2) ब्रायोफिलम- (पत्थर चट्टा) में पत्तियों के खाँचों में कलिकाएँ पाई जाती हैं। जब ये कलिकाएँ बोई जाती हैं। या फिर पत्ती गीली मिट्टी में गिर जाती है तो प्रत्येक कलिका नया पौधा बनाती है।

(3) कैक्टस- इसमें तना पादप से अलग होकर नए पादप को जन्म देता है।

(4) डहेलिया- इसमें जड़े नए पादपों को जन्म देती हैं।

(5) गुलाब के तने से- गुलाब की एक शाखा को उसकी पर्वसंधि से काटिए। यह वह भाग है जहाँ से पत्ती निकलती है। तने का यह हिस्सा जिसकी लम्बाई 10- 12 सेमी. होती है, कर्तन या कलम कहलाता है। इसे तिरछा काटकर मिट्टी में दबाकर पानी से नियमित सींचने पर कलम से नयी शाखाएँ निकलना प्रारम्भ हो जाएंगी तथा धीरे-धीरे यह एक गुलाब के पौधे में विकसित हो जाएगा।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है
(अ) अमीबा
(ब) यीस्ट
(स) आलू
(द) गुलाब
उत्तर:
(ब) यीस्ट

प्रश्न 2.
परागकण पाये जाते हैं
(अ) अण्डाशय में
(ब) परागकोश में
(स) बाह्यदल में
(द) दलपुंज में
उत्तर:
(ब) परागकोश में

प्रश्न 3.
ब्रायोफिलम में कायिक जनन होता है
(अ) तने से
(ब) जड़ से
(स) पत्ती से
(द) उपरोक्त सभी से
उत्तर:
(स) पत्ती से

प्रश्न 4.
स्पाईरोगायरा में अलैंगिक जनन की विधि है
(अ) मुकुलन
(ब) विखण्डन
(स) बीजाणु निर्माण
(द) कर्तन
उत्तर:
(ब) विखण्डन

प्रश्न 5.
निषेचन के पश्चात् बना युग्मनज होता है-
(अ) अगुणित
(ब) बहुगुणित
(स) त्रिगुणित
(द) द्विगुणित
उत्तर:
(द) द्विगुणित

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प्रश्न 6.
नर व मादा युग्मक के संयोजन से द्विगुणित युग्मनज का निर्माण होता है। यह क्रिया कहलाती है
(अ) निषेचन
(ब) मुकुलन
(स) परागण
(द) बीजाणु
उत्तर:
(अ) निषेचन

प्रश्न 7.
घर में रखे आलू पर कलिकाएँ निकल आती हैं। इस प्रकार का जनन कहलाता है
(अ) लैंगिक जनन
(ब) कायिक जनन
(स) अलैंगिक जनन
(द) अनिषेक जनन
उत्तर:
(ब) कायिक जनन

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. कैक्टस में ……………. पादप से अलग होकर नया पादप बनाता है। (तना/पत्ती)
2. अलैंगिक जनन में नये जीव की उत्पत्ति ………………….. से होती है। (एक ही जनक/अलग-अलग जनक)
3. पुष्प में सहायक चक्र ………………….. में पुष्प की सहायता करते हैं। (वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया/जनन प्रक्रिया)
4. फल बनने में जब केवल अण्डाशय ही भाग लेता है तो उसे ………………….. कहते हैं। (सत्य फल/असत्य फल)
उत्तर:
1. तना
2. एक ही जनक
3. जनन प्रक्रिया
4. सत्य फल

बताइए निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य
1. पृथ्वी पर प्रत्येक जीव जिसने जन्म लिया है। उसकी मृत्यु निश्चित है।
2. आलू में आँखयुक्त टुकड़े से पौधा प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
3. डहेलिया पादप में जड़ से नया पादप प्राप्त हो जाता है।
4. पुष्प का सबसे बाहरी चक्र दल पुंज कहलाता है ।
5. स्त्रीकेसर में वर्तिकाग्र, वर्तिका और अण्डाशय होते। हैं।
6. टमाटर के पौधे में परपरागण पाया जाता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. सत्य
6. असत्य

सही मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
अग्रांकित का सही मिलान कीजिए

कॉलम (अ)कॉलम (ब)
1. बीजाणु(A) नाशपाती
2. यीस्ट(B) आर्किड
3. आँख(C) बीजाण्ड
4. मादा युग्मक(D) आलू
5. सबसे छोटा बीज(E) मुकुलन
6. असत्य फल(F) फफूद

उत्तर:
1. (F)
2. (E)
3. (D)
4. (C)
5. (B)
6. (A)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पुष्प दो प्रकार के होते हैं, एकलिंगी व द्विलिंगी । पुष्प के एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. एकलिंगी पुष्प का उदाहरण-पपीता
  2. द्विलिंगी पुष्प का उदाहरण-सरसों

प्रश्न 2.
जनन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सजीवों में अपने समान ही संतति को उत्पन्न करने की प्रक्रिया जनन कहलाती है।

प्रश्न 3.
कायिक जनन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कायिक जनन-बीज के अतिरिक्त पौधे के किसी अन्य कायिक भाग (जड़, तना, पत्ती) से परिवर्द्धित होकर नए पौधे के बनने की प्रक्रिया को कायिक जनन कहते हैं।

प्रश्न 4.
गुलाब के पौधे में कायिक जनन का माध्यम क्या
उत्तर:
गुलाब के पौधे में कर्तन या कलम के माध्यम से कायिक जनन होता है।

प्रश्न 5.
जब पुष्प में पुंकेसर अथवा स्त्रीकेसर में से कोई एक जननांग उपस्थित होता है तो ऐसे पुष्प क्या कहलाते है।
उत्तर:
जब पुष्प में पुंकेसर अथवा स्त्रीकेसर में से कोई एक जननांग उपस्थित होता है तो ऐसे पुष्य एकलिंगी कहलाते हैं।

प्रश्न 6.
उभयलिंगी पुष्प का कोई एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
उभयलिंगी पुष्प का उदाहरण गुड़हल एवं सरसों है।

प्रश्न 7.
मादा जननांग अर्थात् स्त्रीकेसर पुष्प में कहाँ अवस्थित होता है?
उत्तर:
मादा जननांग अर्थात् स्त्रीकेसर पुष्प के केन्द्र में अवस्थित होता है।

प्रश्न 8.
बीजाण्ड स्त्रीकेसर के किस भाग में स्थित होते हैं?
उत्तर:
बीजाण्ड स्त्रीकेसर के अण्डाशय (Ovary) में स्थित होते हैं।

प्रश्न 9.
निषेचन के पश्चात् बीजाण्ड किस में परिवर्तित हो जाता है?
उत्तर:
निषेचन के पश्चात् बीजाण्ड बीज में परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न 10.
परागण किसे कहते हैं?
उत्तर:
परागण-किसी भी माध्यम से परागकणों का परागकोश से पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचना परागण कहलाता है

प्रश्न 11.
आनुवंशिकी से क्या आशय है?
उत्तर:
एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आनुवंशिकी लक्षणों के स्थानान्तरण की प्रक्रिया को आनुवंशिकी कहते हैं।

प्रश्न 12.
आनुवंशिकी का जनक किसे कहा गया है?
उत्तर:
वैज्ञानिक ग्रेगर मेण्डल को आनुवंशिकी का जनक कहा जाता है।

प्रश्न 13.
स्त्रीकेसर के विभिन्न भागों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. वर्तिकाग्र
  2. वर्तिका
  3. अण्डाशय

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धतूरे के पुष्प के देखे हुए अनुभव के आधार पर निम्न सारणी भरिए

क्र.सं.नाम संरचना संख्यारंग
1.बाह्य दल
2.दल
3.पुंकेसर

उत्तर:

क्र.सं.नाम संरचना संख्यारंग
1.बाह्य दल5हरा
2.दल5सफेद
3.पुंकेसर3 से  5पीले सफेद

प्रश्न 2.
पादपों में जनन की विधियाँ कौन-कौनसी हैं? नाम लिखिए। कायिक जनन के लाभ क्या हैं? लिखिए।
अथवा
कायिक जनन से आप क्या समझते हैं? कायिक जनन के चार लाभ लिखिए।
उत्तर:
कायिक जनन- बीज के अतिरिक्त पौधे के किसी अन्य कायिक भाग से परिवर्द्धित होकर नये पौधे के बनने की प्रक्रिया को कायिक जनन कहते हैं।
पादपों में जनन की विधियाँ- पादपों में जनन की विधियाँ अग्रलिखित हैं

  1. कायिक जनन
  2. अलैंगिक जनन
  3. लैंगिक जनन
  4. अनिषेक जनन

कायिक जनन के लाभ-

  1. इससे पादप कम समय में विकसित हो जाते हैं।
  2. इससे पादप से पुष्प व फल कम अवधि में प्राप्त हो जाते हैं।
  3. इस विधि में नवीन पादप एक ही जनक से प्राप्त होते हैं।
  4. कायिक जनन से आनुवंशिकीय समरूप पौधे उगते हैं जिससे पैतृक लक्षण संरक्षित रहते हैं।
  5. कायिक जनन से उत्पन्न पादपों की उत्पादन क्षमता अधिक होती है।

प्रश्न 3.
(अ) सामान्य ब्रेड फफूद का वैज्ञानिक नाम क्या है?
(ब) ब्रेड फहूँद की सूक्ष्म, धागा-नुमा संरचनाओं को कहा जाता है?
(स) ब्रेड फफूद में महीन तनों के शीर्ष पर नन्हीं, धुंडी-नुमा संरचनाओं को क्या कहा जाता है?
(द) ब्रेड फफूद की घंडी-नुमा संरचनाओं में क्या होता
उत्तर:
(अ) सामान्य ब्रेड फफूद का वैज्ञानिक नाम राइजोपस (Rhizopus) है।
(ब) ब्रेड फफूद की सूक्ष्म, धागा-नुमा संरचनाओं को कवक तंतु (Fungal hyphae) कहा जाता है।
(स) ब्रेड फफूद में महीन तनों के शीर्ष पर नन्हीं, घुडीनुमा संरचनाओं को बीजाणुधानी (sporangia) कहा जाता है।
(द) बीजाणुधानी में ब्रेड फफूद की सूक्ष्म प्रजनक इकाइयाँ बीजाणु (Spores) होती हैं।

प्रश्न 4.
धतूरे के पुष्प की आन्तरिक काट का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
धतूरे के पुष्प की आन्तरिक काट का नामांकित
चित्र-

प्रश्न 5.
पौधों में पुष्प के क्या कार्य हैं? लिखिए।
उत्तर:
पुष्प के कार्य निम्न हैं

  1. नर व स्त्री जननांगों को धारण करना।
  2. जननांगों में नर व मादा युग्मकोद्भिदों का विकास कर क्रमशः नर व स्त्री युग्मकों को उत्पन्न करना।
  3. विपरीत लिंग के युग्मकों का संयोजन या निषेचन की क्रिया सम्पन्न करना।
  4. फलों तथा बीजों का निर्माण करना।

प्रश्न 6.
अपनी जानकारी के आधार पर निम्न के नाम लिखिए
(1) सबसे बड़ा पुष्प
(2) सबसे छोटा पुष्प
( 3 ) सबसे बड़ा बीज
(4) सबसे छोटा बीज
उत्तर:

  1. सबसे बड़ा पुष्प-रेफ्लीशिया।
  2. सबसे छोटा पुष्प–वुल्फिया।
  3. सबसे बड़ा बीज-लोडोइसिया।
  4. सबसे छोटा बीज-ऑर्किड।

प्रश्न 7.
फल का निर्माण पुष्य में कहाँ होता है ? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
फल-पुष्प में फल का निर्माण निषेचन के उपरान्त अण्डाशय में होता है। परिपक्व अण्डाशय फल कहलाता है। परिपक्व अण्डाशय की भित्ति ही फल भित्ति का निर्माण करती है। फल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

  1. सत्यफल (वास्तविक फल)
  2. असत्य फल (आभासी फल)

प्रश्न 8.
मेण्डल ने अपने आनुवंशिकी प्रयोगों के लिए मटर के पौधे का चयन क्यों किया?
उत्तर:
मेण्डल ने अपने आनुवंशिकी प्रयोगों के लिए मटर के पौधे का चयन अग्र कारणों से किया

  1. मटर के पादप में स्पष्ट दिखाई दिए जाने वाले सात विपर्यासी लक्षण पाये जाते हैं।
  2. मटर के पौधे का जीवनकाल कम समय का होता
  3. मटर के पौधे में पुष्प इस प्रकार का होता है जिसमें स्वपरागण तथा परपरागण आवश्यकतानुसार आसानी से कराया जा सकता है।

प्रश्न 9.
जनन किसी जाति के अस्तित्व को स्थायी बनाने में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु निश्चित है चाहे वह पौधा हो या जन्तु इसलिए अपनी जाति का अस्तित्व बनाए रखने के लिए। प्रत्येक सजीव अपने समान संतति पैदा करता है। सजीवों का अपने समान ही संतति को उत्पन्न करने की प्रक्रिया जनन कहलाती है। जनन की प्रक्रिया सजीवों में पीढ़ी दर पीढी चलती रहती है। इससे उनकी जातियों का अस्तित्व तथा निरन्तरता बनी रहती है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पुष्प के विभिन्न भागों की विशेषताएँ एवं कार्य लिखिए।
उत्तर:
पुष्प के विभिन्न भागों की विशेषताएँ एवं कार्य

प्रश्न 2.
परागण से क्या आशय है? यह कितने प्रकार का होता है? सचित्र समझाइए।
उत्तर:
परागण-इस क्रिया में परागकण जल, वायु, कीटों या जन्तुओं के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचते हैं। पुष्पों पर बैठने वाले कीटों के शरीर पर परागकण चिपक जाते हैं। जब ये कीट अन्य पुष्पों पर बैठते हैं तो परागकण वर्तिकाग्र पर गिर जाते हैं। किसी भी माध्यम से परागकणों
का परागकोश से पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचना परागण कहलाता है। परागण क्रिया के आधार पर दो प्रकार का होता है
(1) स्वपरागण- इस क्रिया में परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर या उसी पौधे के अन्य पुष्प की वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं। जैसे-मटर व टमाटर में इस प्रकार का परागण मिलता है।

(2) परपरागण-इस क्रिया में एक पादप के पुष्प से परागकण उसी प्रजाति के दूसरे पादप के पुष्प की वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं। जैसे—गुलाब, पॉपी आदि में इस प्रकार का परागण पाया जाता है।

प्रश्न 3.
अनिषेकजनन क्या है? फल का निर्माण पौधे में कहाँ होता है? फलों को कितने वर्गों में बाँटा गया है? लिखिए।
उत्तर:
अनिषेक जनन- जब पौधों में बिना निषेचन के ही पुष्प सीधा फल में परिवर्धित हो जाता है तो उसे अनिषेक जनन कहते हैं। इस प्रकार बने फलों में बीजों का अभाव होता है, जैसे-केला, अंगूर आदि।फल का निर्माण-फल का निर्माण पुष्प के अण्डाशय में होता है। अण्डाशय परिपक्व होकर फल में परिवर्धित हो जाता है। इस प्रकार फल दो प्रकार के बनते हैं
(1) सत्य फल- यह केवल अण्डाशय से ही बनता है, जैसे-आम्।
(2) असत्य फल- इसमें अण्डाशय के अतिरिक्त अन्य पुष्प के भाग जैसे पुष्पासन, बाह्यदल आदि फल बनाने में सहयोग करते हैं, जैसे-सेब व नाशपाती में पुष्पासन फल बनाता है, अतः ये असत्य फल हैं।
फलों के वर्ग-फलों को निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया गया है

  1. सरल फल- जब किसी पुष्प के अण्डाशय से केवल एक ही फल बनता है तो उन्हें सरल फल कहते हैं, जैसे-आम, गेहूँ।
  2. पुंज फल- जब एक ही बहुअण्डपी पुष्प के युक्ताण्डपी अण्डाशय से अलग-अलग फल बने परन्तु समूह के रूप में रहे तो इन्हें पुंज फल कहते हैं, जैसे-स्ट्रॉबेरी।
  3. संग्रहित फल- जब एक संपूर्ण पुष्पक्रम के समस्त पुष्पों से पूर्ण फल बनता है तो इसे संग्रहित फल कहते हैं, जैसे-शहतूत, कटहल

प्रश्न 4.
आनुवंशिकी से क्या आशय है? मेण्डल द्वारा चयनित मटर के पौधे में पाए जाने वाले विपरीत लक्षणों (विपर्यासी लक्षण) की सारणी बनाइए।
उत्तर:
आनुवंशिकी (Heredity)- विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत आनुवंशिकता के नियमों तथा इसको नियंत्रित करने वाले कारकों एवं पदार्थों का अध्ययन किया जाता है, उसे आनुवंशिकी या आनुवंशिक विज्ञान कहते हैं।
सारणी-विपरीत लक्षणों की सूची

क्र.सं.लक्षणगुण युग्म
1.तने की ऊँचाईलंबा या बौना
2.फूल का रंगलाल या सफेद
3.फूल की स्थितिकक्षस्थ या शीर्षस्थ
4.फलों का आकारचिकनी या खाँचेदार
5.फलों का रंगहरा या पीला
6.बीज का आकारगोल या झुर्रादार
7.बीज का रंगगोल या झुर्रादार

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