महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
दुर्घटना होने पर एम्बुलेंस के अलावा पुलिस भी बुलानी पड़ती है। पुलिस को बुलाने के लिए किस नम्बर पर फोन करते हैं-
(अ) 100
(ब) 101
(स) 102
(द) 108
प्रश्न 2.
सड़क दुर्घटनाएँ अधिकतर चालकों की लापरवाही का परिणाम हैं, जिसके मुख्य कारक हैं-
(अ) वाहन की तेज गति
(ब) नशे में वाहन चालन
(स) मोबाइल पर बातें करना
(द)
प्रश्न 3.
वाहन बिना चालक लाइसेंस के चलाना कानूनी अपराध है, गियर वाली गाड़ी का चालक लाइसेंस बनाने की न्यूनतम उम्र क्या है?
(अ) 16 वर्ष पूर्ण होने पर
(ब) 19 वर्ष पूर्ण होने पर
(स) 21 वर्ष पूर्ण होने पर
(द) 18 वर्ष पूर्ण होने पर
प्रश्न 4.
वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा के सभी नियमों का पालन आवश्यक है, उल्लंघन करने पर मोटरयान के किस अधिनियम के तहत सजा का प्रावधान है-
(अ) 1986
(ब) 1987
(स) 1988
(द) 1989
प्रश्न 5.
चालक को सुरक्षा हेतु वाहन हमेशा अपनी लेन में ही चलाना चाहिए, उसे लेन बदलने हेतु किस. युक्ति का प्रयोग करना चाहिए?
(अ) ब्रेक
(ब) गियर
(स) हॉर्न
(द) इण्डीकेटर
प्रश्न 6.
सड़क को पैदल पार करने के लिए कुछ निश्चित मार्गों का प्रयोग करना चाहिए, वे मार्ग हैं-
(अ) सफेद पट्टीदार मार्ग
(ब) पीली पट्टी वाले मार्ग
(स) लाल पट्टी वाले मार्ग
(द) घुमावदार मार्ग
प्रश्न 7.
सड़क दुर्घटनाएँ समाज के लिए एक क्षति हैं, इन दुर्घटनाओं से बचाव किया जा सकता है-
(अ) वाहन दिन में चलाकर
(ब) हमेशा लाइट जलाकर वाहन चलाकर
(स) पगड़ी पहनकर
(द) सड़क सुरक्षा के सभी नियमों का पालन कर
प्रश्न 8.
सड़क सुरक्षा में शामिल है
(अ) अपनी लेन में वाहन चलाना
(ब) नशे में वाहन नहीं चलाना
(स) वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग नहीं करना
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 9.
बिना गियर की गाड़ी के लिए अस्थायी लाइसेंस प्राप्त करने की न्यूनतम आयु है-
(अ) 14 वर्ष
(ब) 16 वर्ष
(स) 18 वर्ष
(द) 21 वर्ष
प्रश्न 10.
दुर्घटना होने पर एम्बुलेंस बुलानी पड़ती है। इसके लिए किस नम्बर पर फोन करते हैं ?
(अ) 100
(ब) 101
(स) 102
(द) 108
प्रश्न 11.
जननी सुरक्षा सेवाओं का टेलीफोन नम्बर है-
(अ) 100
(ब) 104
(स) 102
(द) 108
उत्तर-
1. (अ)
2. (द)
3. (द)
4. (स)
5. (द)
6. (अ)
7. (द)
8. (द)
9. (ब)
10. (स)
11. (ब)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़क दुर्घटना किसे कहते हैं?
उत्तर-
वाहन चालकों द्वारा यातायात के नियमों का पालन नहीं करने से यातायात की वजह से वाहन टकरा जाते हैं, जिसे सड़क दुर्घटना कहते हैं।
प्रश्न 2.
सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य दुष्परिणाम क्या हैं ?
उत्तर-
सड़क दुर्घटनाओं में कभी-कभी व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है, कुछ अपंग हो जाते हैं।
प्रश्न 3.
विकासशील देशों में सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालकों की गलती का प्रतिशत कितना है?
उत्तर-
64 से 95 प्रतिशत तक।
प्रश्न 4.
वाहन चलाने हेतु चालक के पास कौनसा दस्तावेज होना आवश्यक है?
उत्तर-
वाहन चालने लाइसेंस (अनुज्ञा पत्र)।
प्रश्न 5.
सड़क मार्ग पर चलते समय वाहन चालक को किन नियमों का पालन करना आवश्यक है ?
उत्तर-
यातायात नियमों का पालन करना आवश्यक है।
प्रश्न 6.
भारत में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग कितने लोग मारे जाते हैं?
उत्तर-
लगभग 1.38 लाख लोग।
प्रश्न 7.
भारत में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग कितने लोग घायल हो जाते हैं ?
उत्तर-
लगभग 5 लाख लोग।
प्रश्न 8.
राजस्थान में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग कितने लोग मारे जाते हैं?
उत्तर-
लगभग 9.000 लोग।
प्रश्न 9.
राजस्थान में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग कितने लोग घायल हो जाते हैं ?
उत्तर-
लगभग 23,000 लोग
प्रश्न 10.
सड़क दुर्घटनाओं में किस प्रकार कमी लाई जा सकती है?
उत्तर-
यातायात के नियमों का पूर्णतया पालन करके कमी लाई जा सकती है।
प्रश्न 11.
बिना, गियर वाली गाड़ी चालन के लिए अस्थायी लाइसेंस कब बनाया जा सकती है?
उत्तर-
व्यक्ति की 16 वर्ष आयु पूर्ण होने पर।
प्रश्न 12.
गियर वाली गाड़ी चालन के लिए लाइसेंस एक व्यक्ति को कब बन सकता है?
उत्तर-
व्यक्ति की 18 वर्ष आयु पूर्ण होने पर।
प्रश्न 13.
पैदल चलने वालों को सड़क किस प्रकार पार करनी चाहिए?
उत्तर-
दायें-बायें देखकर एवं सफेद पट्टीदार मार्ग का प्रयोग करके।
प्रश्न 14.
वाहन चालन के समय लेन किस प्रकार बदलनी चाहिए?
उत्तर-
इंडीकेटर का प्रयोग कर लेन बदलनी चाहिए।
प्रश्न 15.
वाहन को कहाँ पर खड़ा करना चाहिए?
उत्तर-
उचित पार्किंग स्थान पर वाहन पार्क करना चाहिए।
प्रश्न 16.
वाहन को उचित पार्किंग में क्यों खड़ा करना चाहिए?
उत्तर-
जिससे यातायात बाधित नहीं हो एवं कोई दुर्घटना नहीं हो।
प्रश्न 17.
तेज गति से वाहन क्यों नहीं चलाना चाहिए?
उत्तर-
दुर्घटनाओं से बचने के लिए।
प्रश्न 18.
नशे में वाहन चलाने से क्या प्रभाव होता है?
उत्तर-
दुर्घटना आवश्यक रूप से होगी।
प्रश्न 19.
मोबाइल का प्रयोग क्या वाहन चलाते समय करना चाहिए?
उत्तर-
नहीं।
प्रश्न 20.
हमें अपनी व दूसरों की सुरक्षा हेतु वाहन किसे प्रकार चलाना चाहिए?
उत्तर-
यातायात के सभी नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाना चाहिए।
प्रश्न 21.
एक सड़क दुर्घटना का प्रभाव किन-किन पर पड़ता है?
उत्तर-
देश, राज्य, समाज, परिवार, व्यक्ति सभी पर पड़ता है।
प्रश्न 22.
हम समाज को सुरक्षा के साथ सुन्दर भविष्य कैसे प्रदान कर सकते हैं?
उत्तर-
वाहन चालन यातायात नियमों के पालनानुसार करते हुए हमें समाज को सुरक्षा के साथ सुन्दर भविष्य दे सकते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हेलमेट एक सुरक्षा उपाय है। सड़क दुर्घटना से बचने के लिए और किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
किसी भी वाहन चालक को वाहन चालन में दुर्घटना से बचाव हेतु निम्न बातों/नियमों का पालन करना चाहिए-
- वाहन तेज गति से व अनियंत्रित रूप से नहीं चलावें।
- नशे में वाहन कभी नहीं चलावें।
- वाहन चलाते समय मोबाइल पर बातें नहीं करे एवं संगीत नहीं सुनें।
- यातायात संकेतों का आवश्यक रूप से पालन करें।
प्रश्न 2.
सड़क दुर्घटनाओं में आजकल बहुत लोगों की मृत्यु हो रही है। सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए तीन उपाय लिखिए।
अथवा
सड़क दुर्घटनाओं से बचाव बहुत ही आवश्यक है। इन दुर्घटनाओं से बचाव के कोई तीन उपाय लिखिए।
उत्तर-
- वाहन चलाते समय हेलमेट/सीट बेल्ट का प्रयोग हमेशा करना चाहिए।
- वाहन चालक के लिए उचित लाइसेंस आवश्यक रूप से होना चाहिए।
- वाहन चालक द्वारा वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग, संगीत सुनना आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
प्रश्न 3.
सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
किसी भी प्रकार की असावधानी सड़क दुर्घटना को कारण बन सकती है। ऐसे चार कारणों का उल्लेख कीजिए जो सड़क दुर्घटना हेतु उत्तरदायी हैं।
उत्तर-
सड़क दुर्घटनाओं के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है, जो कि निम्न प्रकार के हो सकते हैं-
- वाहन को चालक द्वारा तेज गति से चलाया जाना
- वाहन चालक की लापरवाही का होना
- वाहन चालक द्वारा नशे में वाहन को चलाना
- वाहन चालक द्वारा ट्रैफिक (यातायात) के नियमों की पालना नहीं करना
- वाहन चालक द्वारा वाहन चलाते समय मोबाइल पर बातें करना एवं संगीत सुनना
- सीट बेल्ट एवं हेलमेट का प्रयोग नहीं करना।
प्रश्न 4.
एक नागरिक के रूप में एक वाहन चालक के क्या-क्या कर्तव्य हैं?
उत्तर-
एक नागरिक के रूप में एक वाहन चालक के कर्तव्य निम्न प्रकार हैं-
- वाहन को यातायात नियमों का पालन करते हुए चलावे।
- अपनी सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा को भी महत्त्व देवे।
- वाहन चालन में लापरवाही नहीं करे।
- वाहन की गति नियंत्रण में रखे।
- नशे में वाहन नहीं चलावे।
- सीट बेल्ट एवं हेलमेट का प्रयोग आवश्यक रूप से करे।
- मोबाइल का प्रयोग एवं संगीत सुनने का कार्य वाहन चलाते समय नहीं करे।
प्रश्न 5.
सड़क दुर्घटनाओं के दुष्परिणामों के बारे में संक्षिप्त में बताइए।
उत्तर-
सड़क दुर्घटनाओं के परिणाम कभी भी सुखदायक नहीं होते हैं बल्कि दुःखदायक ही होते हैंएक सड़क दुर्घटना का प्रभाव देश, राज्य, समाज, परिवार, व्यक्ति सभी पर एक विपत्ति के रूप में पड़ता है। इसके नकारात्मक प्रभाव पीड़ित, उसके परिवार व समाज को निम्न प्रकारों से प्रभावित करते हैं-जैसे
- व्यक्ति को अपंग होना या मौत हो जाना
- परिवार पर आकस्मिक आर्थिक भार पड़ना
- वाहने या प्रोपर्टी का नुकसान होना
- प्रशासनिक एवं कानूनी प्रभाव।
प्रश्न 6.
निम्न मुख्य आपातकालीन सेवाओं के टेलिफोन नम्बर बताइए-
- पुलिस
- अग्निशमन
- एम्बुलेंस
- आपातकालीन सेवाएँ।
उत्तर-
- पुलिस। – 100
- अग्निशमन – 101
- एम्बुलेंस – 102
- आपातकालीन सेवाएँ – 108
प्रश्न 7.
हम हमारे देश को सुरक्षा के साथ सुन्दर भविष्य किस प्रकार दे सकते हैं?
उत्तर-
हमें एक अच्छे नागरिक के रूप में सभी को सड़क सुरक्षा के नियमों की पालना करनी चाहिए, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस प्रकार हम हमारे देश को सुरक्षा के साथ-साथ एक सुन्दर भविष्य भी प्रदान कर सकते हैं।
प्रश्न 8.
हमें सड़क सुरक्षा नियमों का पालन क्यों करना चाहिए? कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर-
- सड़क सुरक्षा नियम हमारी सुरक्षा से सम्बन्धित हैं। सड़क सुरक्षा नियमों का पालन कर दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
- सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना कानूनी रूप से भी आवश्यक है।
प्रश्न 9.
दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग क्यों जरूरी है?
उत्तर-
हेलमेट का उपयोग-
- हेलमेट से आकस्मिक दुर्घटना के समय सिर में चोट का बचाव हो पाता है।
- मोटर यान अधिनियम 1988 के तहत बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर सजा का प्रावधान भी है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी प्रदान कीजिए।
उत्तर-
यातायात के नियमों के पालन एवं अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सड़क दुर्घटनाओं में निम्न उपायों के द्वारा कमी लाई जा सकती है, जो कि निम्न प्रकार है-
- वाहन चलाते समय हेलमेट या सीट बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए।
- वाहन चालक के लिए उचित लाइसेंस अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
- सड़क मार्ग पर लगे विभिन्न सूचना संकेतों की पालना वाहन चालक द्वारा आवश्यक रूप से की जानी चाहिए।
- वाहन को उचित गति से एवं नियंत्रण में चलाना चाहिए।
- चालक द्वारा वाहन की पार्किंग उचित व सुरक्षित स्थान पर की जानी चाहिए।
- सड़क को पैदल पार करते समय सफेद पट्टीदार मार्ग (जेब्रा क्रॉसिंग) का प्रयोग करना चाहिए।
- वाहन चालक द्वारा वाहन नशे में कभी भी नहीं चलाना चाहिए।
- वाहन चलाते समय चालक द्वारा लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
- वाहन चालक द्वारा वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग, संगीत सुनना आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
- अपनी लेन में वाहन चलावें, लेन बदलते समय उचित दिशा में इंडीकेटर का प्रयोग आवश्यक रूप से करें
- ट्रैफिक लाइट, यातायात के नियमों की जानकारी होनी चाहिए एवं पालना भी करनी चाहिए।
प्रश्न 2.
सड़क सुरक्षा एक सार्वजनिक मुद्दा किस प्रकार है? सड़क सुरक्षा नियमों की पालना नहीं करने पर एक वाहन चालक के विरुद्ध क्या कानूनी प्रावधान हैं?
उत्तर-
सड़क सुरक्षा वाकई एक समाज से जुड़ा हुआ सार्वजनिक मुद्दा है। समाज के प्रत्येक नागरिक को एक सभ्य सामाजिक नागरिक के रूप में सड़क सुरक्षा के सभी नियमों की पालना आवश्यक रूप से करनी चाहिए। इसके द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। सभी नागरिक यदि इस महत्त्व को जिम्मेदारी समझेंगे तो हम देश एवं समाज को सुरक्षा के साथ-साथ एक सुन्दर भविष्य भी प्रदान कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा के नियमों की पालना नहीं करता है तो मोटर यान अधिनियम 1988 के तहत सजा का प्रावधान है।
प्रश्न 3.
किशोरावस्था में वाहन चलाना दुर्घटना की सम्भावना को बढ़ा सकता है। इसके पक्ष में अपने तर्क दीजिए।
उत्तर-
यह कथन लगभग उचित है कि किशोरावस्था में वाहन चलाना दुर्घटना की सम्भावना को बढ़ा सकता है। इसके पक्ष में तर्क निम्न प्रकार के हो सकते हैं-
- किशोरावस्था वाले चालकों के पास वाहन चालन हेतु उचित लाइसेंस का नहीं होना हो सकता है।
- किशोरावस्था में वाहन चालक के पास वाहन चालन के अनुभव की कमी होती है।
- इस अवस्था में वाहन चालक के पास मानसिक परिपक्वता की अत्यन्त कमी होती है।
- इस अवस्था में वाहन चालक मानसिक परिपक्व नहीं होने से जिम्मेदार कम होता है।
- इस उम्र में वाहन चालक दूसरों के दर्द, यातायात के नियम, आदि के बारे में समझ पूरी नहीं रखता है।
- किशोरावस्था में चालक सीट बेल्ट और हेलमेट को बोझ समझता है।
- इस अवस्था में ये वाहन को तेज गति से चलाते
- इस अवस्था में नशे या मोबाइल, संगीत आदि का प्रयोग भी वाहन चलाते समय इस अवस्था के चालक करते हैं।
- ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी इस अवस्था के चालक अक्सर कर सकते हैं।
- कुछ घटनाओं में नशा या उन्मुक्तता भी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
उक्त कुछ तर्को से यह कथन सर्वथा उचित प्रतीत होता है। अतः इस अवस्था वाले चालकों को समाज एवं स्वयं के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए, यातायात के नियमों की जानकारी एवं पालना के बारे में शिक्षित करना चाहिए, जिससे ये आगे चलकर एक जिम्मेदार वाहन चालक बन सकें साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सहभागी बन सकें।
[dflip id=”1352″ ][/dflip]