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RBSE Class 8 Science Chapter 15 प्राकृतिक परिघटनाएँ

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पाठगत प्रश्न

पृष्ठ 163

प्रश्न 1.
गुब्बारे में आवश्यकता से अधिक हवा भरने पर क्या होता है?
उत्तर:
गुब्बारा फट जाता है।

प्रश्न 2.
गुब्बारे में आवश्यकता से अधिक हवा भरने पर क्यों फट जाता है?
उत्तर:
गुब्बारे में आवश्यकता से अधिक हवा भरने से, गुब्बारे के अन्दर हवा का दाब ज्यादा हो जाने से या बढ़ जाने से गुब्बारा फट जाता है।

प्रश्न 3.
हवा गुब्बारे में क्या करती है?
उत्तर:
हवा गुब्बारे में गुब्बारे की अन्दर की दीवारों पर बाहर की ओर दाब डालती है।

प्रश्न 4.
हमारी पतंग का उड़ना, झण्डे का लहराना, पत्तियों का उड़ना, धूल का उड़ना आदि कैसे सम्भव होता है?
उत्तर:
यह सब वायुदाब पर वायु के वेग के कारण सम्भव हो पाता है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
वायु का वेग बढ़ने से वायु का दाब
(अ) बढ़ जाता है
(ब) घट जाता है।
(स) कोई परिवर्तन नहीं होता
(द) दुगुना हो जाता है।
उत्तर:
(ब) घट जाता है।

प्रश्न 2.
10 सेमी. की दूरी पर लटके दो गुब्बारों के बीच फूक मारने पर क्या होगा?
(अ) गुब्बारे पास आएँगे।
(ब) गुब्बारे दूर चले जाएँगे
(स) गुब्बारे फट जाएँगे।
(द) कोई परिवर्तन नहीं होगा
उत्तर:
(अ) गुब्बारे पास आएँगे।

प्रश्न 3.
चक्रवात का केन्द्र, एक शांत क्षेत्र होता है जिसे कहते हैं
(अ) केन्द्र
(ब) नैत्र
(स) सिर
(द) पूंछ
उत्तर:
(ब) नैत्र

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
टॉरनेडो गहरे रंग की कीप के आकार के_____ होते हैं।
उत्तर:
बादल

प्रश्न 2.
वायु_____ दाब के क्षेत्र से______ दाब के क्षेत्र की ओर गति करती है।
उत्तर:
अधिक, कम

प्रश्न 3.
पृथ्वी के_____ तापन के कारण पवन उत्पन्न होती है।
उत्तर:
असमान

प्रश्न 4.
गतिशील वायु____ कहलाती है।
उत्तर:
पवन।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
चक्रवात कैसे बनते हैं?
उत्तर:
चक्रवात को बनना-स्थल की गर्म वायु ऊपर की ओर उठती है, जिससे उस स्थान को वायुदाब कम हो जाता है। इसकी पूर्ति के लिए उच्च वेग की अधिक वायु इस ओर तेजी से गति करने लगती है। इस चक्र की पुनरावृत्ति अनेक बार होती रहती है। इसके अंत में वहाँ एक कम दबाव का क्षेत्र बनता है, जिसके चारों ओर वायु की अनेक परतें तेज गति से कुंडली के रूप में घूमती रहती हैं, यह स्थिति चक्रवात कहलाती है।

प्रश्न 2.
चक्रवात से निपटने के लिए किस प्रकार की कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है?
उत्तर:
चक्रवात से निपटने के लिए निम्न प्रकार की त्रिस्तरीय कार्ययोजना बनानी चाहिए

  1. सरकारी एवं सामाजिक स्तर पर सुरक्षा के समस्त उपाय एवं जानकारियाँ उपलब्ध करानी चाहिए।
  2. जनता द्वारा सहयोगात्मक कार्य किये जाने चाहिए।
  3. प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सावधान एवं सावचेत रहना चाहिए।

प्रश्न 3.
वायुदाब को प्रदर्शित करने के लिए कोई क्रियाकलाप बताइए।
उत्तर:
प्रयोग–एक प्लास्टिक की बोतल लीजिए। इसे गर्म पानी से लगभग आधी भर लीजिए। अब बोतल को खाली कर तुरन्त कसकर बन्द कर दीजिए। अब बोतल को बहते पानी के नीचे रखिए। हम देखते हैं कि बोतल पिचक जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बोतल के भीतर कुछ वाष्प ठण्डी होकर जले में बदल जाती है। इससे भीतर की वायु का दाब, बाहर की वायु से कम हो जाता है। दाब में इस अन्तर के कारण बोतल पिचक जाती है। इससे स्पष्ट है कि वायु दाब डालती है।
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 15 प्राकृतिक परिघटनाएँ 1

प्रश्न 4.
तड़ित झंझावात से बचने के क्या उपाय हैं?
अथवा
तड़ित झंझावात से बचाव के कोई चार उपाय लिखिए।
उत्तर:
तड़ित झंझावात से बचने के उपाय निम्नलिखित हैं

  1. खुले स्थान पर नहीं रहें, किसी भवन में चले जायें।
  2. इस समय घर से बाहर नहीं निकलें।
  3. इस समय नहाना, बर्तन मांजनी आदि जल से होने वाले कार्य नहीं करें।
  4. कार अथवा बस में आश्रय लिये रहें।
  5. ऊँचे व अलग-थलग वृक्ष के नीचे नहीं रहें।
  6. खुली जमीन पर नहीं लेटें।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तड़ित झंझावात का क्या कारण है?
उत्तर:
तड़ित झंझावात-जब थंल के ताप में वृद्धि होती है तब वायु गर्म होकर तेजी से थल से ऊपर की ओर उठती है। यह वायु में उपस्थित जलवाष्प को अपने साथ ऊपर की ओर ले जाती है। जहाँ ताप कम होने के कारण जलवाष्प, जल में संघनित हो जाती है। फिर जल नीचे की ओर गिरने लगता है। गिरती हुई जल की बूंदें एवं तीव्र गति से ऊपर उठती गर्म वायु की परस्पर क्रिया से बिजली (तड़ित) चमकती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। इस प्राकृतिक परिघटना को तड़ित झंझावात कहते हैं।

प्रश्न 2.
हवाएँ बहने के क्या कारण हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भूमध्य रेखा के आसपास के क्षेत्रों को सूर्य की अधिक ऊष्मा मिलती है। इससे इन क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह की निकट की वायु गर्म हो जाती है। वायु के गर्म हो जाने से यह ऊपर उठती है, जिसका स्थान ग्रहण करने के लिए ध्रुवों की ओर से ठण्डी वायु उस खाली जगह की ओर प्रवाहित होने लगती हैं।

अतः इन क्षेत्रों के असमान रूप से गर्म होने के कारण हवाएँ बहने लगती हैं। अतः “पृथ्वी के असमान तापन के कारण हवाएँ बहती हैं।”

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
हवा का वेग बढ़ने से वायु का दाब हो जाता है
(अ) अधिक।
(ब) कम्
(स) अपरिवर्तित
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(ब) कम्

प्रश्न 2.
भूमध्य रेखा के आसपास के क्षेत्रों में सूर्य की ऊष्मा होती है
(अ) अधिक।
(ब) कम
(स) समान
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) अधिक।

प्रश्न 3.
थल और जल गर्म होते हैं|
(अ) असमान रूप से
(ब) समान रूप से
(स) अ व ब दोनों
(द) दोनों नहीं
उत्तर:
(अ) असमान रूप से

प्रश्न 4.
चक्रवात के केन्द्र को कहते हैं
(अ) तूफान
(ब) आँधी
(स) नैत्र
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(स) नैत्र

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
सर्दियों में वायु थल से_____ की ओर बहती है। (समुद्र/ऊपर)
उत्तर:
समुद्र

प्रश्न 2.
थल के ऊपर की वायु_____ होकर_____ उठती है। (ठण्डी, ऊपर/गर्म, ऊपर)
उत्तर:
गर्म, ऊपर

प्रश्न 3.
जल वायुमण्डल से_____ लेकर वाष्प में बदल जाता है। (ऊष्मा/शीत)
उत्तर:
ऊष्मा

प्रश्न 4.
चक्रवात एक_____ परिघटना है। (कृत्रिम/प्राकृतिक)
उत्तर:
प्राकृतिक

प्रश्न 5.
वायु————डालती है। (दाब/प्रभाव)
उत्तर:
दाब।

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बताइए निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य
1. हवा का वेग बढ़ने से वायु का दाब भी बढ़ जाता है।
2. सर्दियों में वायु, थल से समुद्र की ओर बहती है।
3. चक्रवात को जापान में हरिकेन कहा जाता है।
4. हमारे देश में टॉरनेडो बहुत अधिक आते हैं।
उत्तर:
1.असत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. असत्य।

सही मिलान कीजिए

प्रश्न 1.

कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’
1. गतिशील हवा(A) तड़ित झंझावात
2. उत्तर-पश्चिम दिशा से मानसून(B) पवन
3. दक्षिण-पश्चिमी दिशा से मानसून(C) चक्रवात
4. ध्वनि के साथ बिजली चमकना(D) शीतकाल में
5. हरिकेन(E) ग्रीष्मकाल में
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उत्तर:
1. (B)
2. (D)
3. (E)
4. (A)
5. (C)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सोनू ने गुब्बारे में अधिक हवा भर दी तो वह फट गया, क्यों?
उत्तर:
सोनू ने जब गुब्बारे में अधिक हवा भर दी तो गुब्बारे के अन्दर वायुदाब अधिक बढ़ गया, जिसे गुब्बारा सहन नहीं कर सका और गुब्बारा फट गया।

प्रश्न 2.
10 सेमी. दूरी के अन्तराल पर लटके दो गुब्बारों के बीच फंक मारने पर वे पास-पास आ जाते हैं। क्यों ?
उत्तर:
जब हम 10 सेमी. दूरी के अन्तराल पर लटके गुब्बारों के बीच फूक मारते हैं तो इन दोनों गुब्बारों के मध्य वायुदाब कम हो जाता है, इस कारण गुब्बारों के अन्य ओर का अधिक दाब उन्हें एक-दूसरे की ओर धकेल देता है और वे पास-पास आ जाते हैं।

प्रश्न 3.
वायुदाब से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी एकांक क्षेत्र पर पड़ने वाले वायु के दाब को वायुदाब कहते हैं। वायुदाब के कारण हवा का चलना, पतंग उड़ना, पत्तियाँ उड़ना आदि क्रियाएँ होती हैं।

प्रश्न 4.
ग्रीष्मकाल में मानसूनी हवाओं की दिशा क्या होती है ?
उत्तर:
ग्रीष्मकाल में मानसूनी हवाओं की दिशा दक्षिणपश्चिमी होती है।

प्रश्न 5.
शीतकाल में मानसूनी हवाओं की दिशा क्या होती है?
उत्तर:
शीतकाल में मानसूनी हवाओं की दिशा उत्तरपश्चिमी होती है।

प्रश्न 6.
सर्दियों में वायु किस ओर से किस ओर बहती है?
उत्तर:
सर्दियों में वायु, थल से समुद्र की ओर बहती हैं।

प्रश्न 7.
तड़ित झंझावात किसे कहते हैं ?
उत्तर:
आसमान से गिरती हुई जल की बूंदें एवं थल से तीव्र वेग से ऊपर उठती गर्म वायु की परस्पर क्रिया से बिजली (तडित) चमकती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। इस घटना को तड़ित झंझावात कहते हैं।

प्रश्न 8.
नैत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर:
चक्रवात का केन्द्र, एक शान्त क्षेत्र होता है, इसे नैत्र कहते हैं।

प्रश्न 9.
टॉरनेडो क्या होते हैं?
उत्तर:
टॉरनेडो गहरे रंग के कीप के आकार के बादल होते हैं। ये आकाश से पृथ्वी तल की ओर आते हुए दिखाई देते हैं।

प्रश्न 10.
हमारे देश में टॉरनेडो के आने की क्या स्थिति है?
उत्तर:
हमारे देश में टॉरनेडो अधिक नहीं आते हैं।

प्रश्न 11.
भारत के कौनसे क्षेत्र चक्रवातों के लिए संवेदनशील हैं?
उत्तर:
भारत का पूर्वी तट विशेष रूप से चक्रवातों के लिए संवेदनशील है।

प्रश्न 12.
चक्रवात से बचने के लिए जनता द्वारा किये जाने वाले दो कार्य लिखिए।
उत्तर:

  1. मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दूरदर्शन, रेडियो अथवा समाचर पत्रों के माध्यम से प्रसारित की जाने वाली चेतावनियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए।
  2. अनिवार्य घरेलू सामान, पालतू पशुओं और वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के आवश्यक प्रबन्ध कर लेने चाहिए।

प्रश्न 13.
गर्मियों में समुद्र की ठण्डी वायु, थल की ओर क्यों बहती है?
उत्तर:
गर्मियों में थल अधिक तेजी से गर्म होता है। थल का ताप समुद्री जल की तुलना में अधिक रहता है। थल के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठती है जिसका स्थान लेने के लिए समुद्र की ठण्डी वायु थल की ओर बहती है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दैनिक जीवन में वायुदाब के कुछ उदाहरण बताइए।
उत्तर:
पतंग को उड़ना, गुब्बारे का फटना, झण्डे का लहराना, पत्तियों एवं धूल का उड़ना, खिड़की-दरवाजों के टकराने की आवाजें आदि दैनिक जीवन में वायुदाब के दिखाई देने वाले सामान्य उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
“हवा का वेग बढ़ने से वायुदाब कम हो जाता है।” सचित्र सिद्ध करो।
उत्तर:
प्रयोग-लगभग समान आकार के दो गुब्बारे लेकर उनमें थोड़ी मात्रा में पानी भर दीजिए। दोनों गुब्बारों को फुलाकर उनके मुँह को लम्बे धागे से बाँध दीजिए। गुब्बारों को एक लकड़ी पर लगभग 10 सेमी. की दूरी पर लटका दीजिए। दोनों गुब्बारों के बीच फूक मारिए, देखिए दोनों गुब्बारे पास-पास आ जाते हैं। क्योंकि फूक मारने से दोनों गुब्बारों के बीच वायु का दाब कम हो जाता है। गुब्बारों के दूसरी ओर वायु का अधिक दाब उन्हें एक-दूसरे की ओर धकेलता है। अतः स्पष्ट है कि हवा का वेग बढ़ने से वायु का दाब कम हो जाता है।

प्रश्न 3.
हवाएँ किस कारण से बहती हैं? सचित्र बताइए।
उत्तर:
भूमध्य रेखा के आसपास के क्षेत्रों को सूर्य की अधिक ऊष्मा मिलती है। इससे इन क्षेत्रों में पृथ्वी के सतह के निकट की वायु गर्म हो जाती है। गर्म वायु ऊपर उठती है जिसका स्थान लेने के लिए ध्रुवों से ठण्डी वायु उस ओर प्रवाहित होने लगती है। इन क्षेत्रों के असमान रूप से गर्म होने के कारण हवाएँ बहने लगती हैं।

प्रश्न 4.
मानसूनी हवाएँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
गर्मियों में थल अधिक तेजी से गर्म होता है। थल का ताप समुद्री जल की तुलना में अधिक रहता है। थल के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठने लगती है, जिसका स्थान लेने के लिए समुद्र की ठण्डी वायु थल की ओर बहती है। इन्हें मानसूनी हवाएँ कहते हैं। ये दक्षिणपश्चिम दिशा से चलती हैं।

इसी प्रकार सर्दियों में वायु थल से समुद्र की ओर बहती है जो कि उत्तर-पश्चिमी दिशा से चलने वाली मानसूनी हवाएँ होती हैं।

प्रश्न 5.
चक्रवातों से सुरक्षा हेतु सरकारी एवं सामाजिक स्तर के उपायों की जानकारी प्रदान कीजिए।
उत्तर:

  1. मौसम विभाग द्वारा चक्रवात का पूर्वानुमान एवं चेतावनी जारी करना।
  2. समय पर मछुआरों, जलपोतों, सरकारी संस्थाओं, समुद्र तटों और आम जनता को चेतावनी देने हेतु तीव्रगामी संचार व्यवस्था करना।
  3. लोगों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की व्यवस्था करना।
  4. आपातकालीन सेवाओं जैसे पुलिस, अग्निशमन, चिकित्सा, संचार, राशन, सुरक्षा आदि की व्यवस्था करना।

प्रश्न 6.
टॉरनेडो पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
टॉरनेडो-टॉरनेडो गहरे रंग के कीप की आकार के बादल होते हैं। ये आकाश से पृथ्वी तल की ओर आते हुए दिखाई देते है। टॉरनेडो 180 किलोमीटर प्रति घण्टा से कम वेग से गति करते हैं। ये कमजोर होते हैं। हमारे देश में टॉरनेडो अधिक नहीं आते हैं।

प्रश्न 7.
थल एवं जल असमान रूप से गर्म क्यों होते हैं?
उत्तर:
थल जल्दी गर्म होता है एवं जल धीरे गर्म होता है। साथ ही थल जल्दी ठण्डा होता हैं एवं जले धीरे ठण्डा होता है। यही कारण है कि थल एवं जल असमान समय में गर्म वे ठण्डे होते हैं।

प्रश्न 8.
चक्रवात आने पर गीले स्विच और नीचे गिरे या झुके बिजली के तारों को छूने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। आप इससे सहमत हैं या नहीं। अपनी राय लिखिए।
उत्तर:
नहीं, इससे बहुत प्रभाव पड़ता है। चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को गीले स्विच और नीचे गिरे या झुके तारों को नहीं छूना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि इनमें विद्युत प्रवाहित हो रही हो। चक्रवात में वायु की अनेक परतें तेज गति से कुंडली के रूप में घूमती हैं जिससे विद्युत क्षेत्र बन जाते हैं जो गीले स्विच और नीचे गिरे या झुके बिजली के तारों में विद्युत धारा को अधिक प्रभावी बना देते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वायुदाब पर वायु के वेग के प्रभाव को प्रयोग द्वारा सचित्र समझाइए।
उत्तर:
प्रयोग–एक खाली बोतल लें। एक कागज के टुकड़े को मोड़कर, बोतल मुँह के आकार से छोटी गेंद बनाइए। इस गेंद को बोतल के मुँह के पास रखें। मुँह से फेंक मारकर गेंद को बोतल के भीतर डालने का प्रयास करें। इस प्रक्रिया को अलग-अलग माप के मुँह वाली बोतल के साथ दोहराएँ। आप देखते हैं कि गेंद को फेंक मारकर बोतल के भीतर डालने में कठिनाई होती है।

क्योंकि फैंक मारने से बोतल के मुख पर वायु का वेग बढ़ जाता है, इससे वहाँ वायुदाब कम हो जाता है। बोतल के भीतर का वायुदाब, उसके मुंह के निकट के वायुदाब से अधिक होता है। इस कारण बोतल के भीतर की वायु गेंद को बाहर की ओर धकेलती है।

अतः स्पष्ट है कि वायु का वेग वायुदाब को प्रभावित करता है।

प्रश्न 2.
चक्रवात कैसे बनते हैं? इसे चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
जल वायुमण्डल से ऊष्मा लेकर वाष्प में बदल जाता है। जब यह जलवाष्प पुनः वर्षा की बूंदों के रूप में जल में बदलती है तो वायुमण्डल में ऊष्मा मुक्त होती है। इस ऊष्मा से आसपास की वायु गर्म हो जाती है। यह गर्म वायु ऊपर की ओर उठती है जिससे वायुदाब कम हो जाता है। इसकी पूर्ति के लिए उच्च वेग की अधिक वायु इस ओर गति करने लगती है। इस चक्र की पुनरावृत्ति अनेक बार होती रहती है। इस पुनरावृत्ति का अन्त एक कम दबाव का क्षेत्र बनने से होता है, जिसके चारों ओर वायु की अनेक परतें तेज गति से कुंडली के रूप में घूमती रहती हैं। मौसम की इस स्थिति को चक्रवात बनना कहते हैं। चक्रवात का केन्द्र, एक शान्त क्षेत्र होता है, इसे नैत्र कहते हैं।

प्रश्न 3.
कई बार चक्रवात बहुत विनाशकारी होता है। अपने देखे-सुने अनुभव के आधार पर किसी विनाशकारी चक्रवात के बारे में लिखिए।
उत्तर:
चक्रवात का एक उदाहरण-12 अक्टूबर, 2013 को उड़ीसा में एक भीषण चक्रवात आया। रात 9.00 बजे 220 किलोमीटर प्रति घंटे के वेग से घूर्णन करती हवाएँ उड़ीसा के समुद्री तट से टकराई। इसके साथ ही तेज वर्षा भी होने लगी। समुद्र में ऊँची-ऊँची लहरें उठने लगीं। समुद्र का पानी तटीय क्षेत्रों में प्रवेश कर गया। इन तेज हवाओं के पानी से इस क्षेत्र में लाखों मकानों को भारी नुकसान पहुँचा। लाखों हैक्टेयर कृषि क्षेत्र पानी में डूब गया। फसलें चौपट हो गई। बिजली के खम्भे उखड़ गये। चारों ओर अंधकार छा गया। कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कई बार चक्रवात बहुत विनाशकारी होता है।

प्रश्न 4.
चक्रवात के समय जनता द्वारा किये जाने वाले कार्य एवं सावधानियाँ बताइए।
उत्तर:
चक्रवात के समय जनता द्वारा किये जाने वाले कार्य

  1. हमें मौसम विभाग द्वारा दूरदर्शन, रेडियो, समाचार पंत्रों के माध्यम से प्रसारित की जाने वाली चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  2. हमें अनिवार्य घरेलू सामान, पालतू पशुओं, वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के आवश्यक प्रबन्ध कर लेने चाहिए।
  3. पानी में डूबी हुई सड़कों पर वाहन चलाने से बचना चाहिए।
  4. आपातकालीन सेवाओं जैसे पुलिस, अग्निशमन, चिकित्सा केन्द्रों के टेलीफोन नम्बरों की सूची अपने पास रखनी चाहिए।
  5. किसी भी परिस्थिति के लिए सजग, सचेत, सावधान व जिम्मेदारी वाला रहना चाहिए।

चक्रवात के समय सावधानियाँ

  1. विषम परिस्थितियों के लिए पेयजल व खाद्य सामग्री व दवाओं का संग्रहण करना चाहिए।
  2. गीले स्विच, झुके व नीचे गिरे बिजली के तारों के समीप नहीं जाएं।
  3. खुले स्थान एवं पानी वाले स्थानों पर नहीं जायें।
  4. अपने पड़ौसी, मित्रों एवं लोगों को यथासंभव सहयोग एवं सहायता देवें।
  5. विषम परिस्थितियों में सजगता से मानवता का परिचय देवें।

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Aman

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