Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Chapter 8.1
प्रश्न 1.
वृत्त के क्षेत्रफल में परिवर्तन की दर इसकी त्रिज्या r के सापेक्ष ज्ञात कीजिए, जबकि r = 3 सेमी तथा r = 4 सेमी है।
हल :
माना कि वृत्त का क्षेत्रफल A है, तब
A = πr²
r के सापेक्ष अवकलन करने पर
अत:
= 2πr
r = 3 सेमी के लिए,
= 2π x 3
= 6π
अतः जब r = 3 सेमी, तब वृत्त का क्षेत्रफल 6π सेमी²/सेकण्ड की दर से बढ़ रहा है।
तथा r = 4 सेमी के लिए,
= 2π x 4
= 8π.
अत: जब r = 4 सेमी, तब वृत्त का क्षेत्रफल 8π सेमी²/सेकण्ड की दर से बढ़ रहा है।
प्रश्न 2.
एक कण वक्र पर चलता है। वक़ पर उन बिन्दुओं को ज्ञात कीजिए जहाँ y-निर्देशांक में परिवर्तन की दर, x-निर्देशांक में परिवर्तन की दर की दोगुनी है।
हल :
दिए गए वक्र का समीकरण
…(i)
माना किसी समय t पर कण की स्थिति P(x, y) है।
P(x, y) वक्र (i) पर स्थित है।
समी. (ii) से, t के सापेक्ष अवकलन करने
∴ 1 = x²
∴ x = ±1 [समी. (iii) से]
समी. (i) से, जब x = 1, y =
तथा जब x = -1,y =
अत: अभीष्ट बिन्दु (1, ) तथा (-1, ) हैं।
प्रश्न 3.
एक 13 मीटर लम्बी सीढ़ी दीवार के सहारे झुकी हुई हैं। सीने के पाव को 1.5 मीटर/सेकण्ड की दर से जमीन के सहारे दीवार से दूर खींचा जाता है। सीढ़ी तथा जमीन के मध्य का कोण किस गति से परिवर्तित हो रहा है, जबकि सीढ़ी का पाव दीवार से 12 मीटर दूर हो।
हल :
माना सीढ़ी AB के नीचे का सिरा
A, दीवार से x दूरी पर है तथा सीड़ी का ऊपरी सिरा B जमीन से y ऊँचाई पर हैं एवं जमीन तथा सीढ़ी के बीच का कोण θ है।
तब x² + y² = (13)² तथा tan θ =
t के सापेक्ष अवकलन करने पर
अतः सीढ़ी तथा जमीन के बीच का कोण रेडियन/से की दर से घट रहा है।
प्रश्न 4.
एक परिवर्तनशील घन का किनारा 3 सेमी/सेकण्ड की दर से बढ़ रहा है। घन का आयतन किस दर से बढ़ रहा है, जबकि किनारा 10 सेमी लम्बा हैं।
हुल :
माना किसी समय t पर घन के किनारे की लम्बाई x तथा इसका आयतन V हैं, तब
V = x³ ……..(i)
तथा किनारा 3 सेमी।सैकण्ड़ की दर से बढ़ रहा है।
∴ = 3 सेमी/सेकण्ड
हमें समय t के सापेक्ष आयतन V कै परिवर्तन की दर अर्थात् ज्ञात करना है, जब x = 10 सेमी हैं।
समी. (i) को x के सापेक्ष अवकलन करने पर
जब x = 10 सेमी, = 9(10)² = 900 सेमी3/सेकण्ड
अत: जब किनारे की लम्बाई 10 सेमी है, तो इसका आयतन 900 सैम3/सैकण्हु की दर से बढ़ रहा है।
प्रश्न 5.
एक गुब्बारा जो सदैव गोलाकार रहता है, एक पम्प द्वारा 900 सेमी3 गैस प्रति सेकण्ड भरकर फुलाया जाता है। गुब्बारे की त्रिज्या के परिवर्तन की दर ज्ञात कीजिए, जबकि त्रिज्या 15 सेमी है।
हल :
माना किसी समय t पर गुब्बारे की त्रिज्या r तथा इसका आयतन V है।
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
अतः गुब्बारे की त्रिंण्या के परिवर्तन की दर सेमी/सेकण्ड है।
प्रश्न 6.
एक गुब्बारा, जो सदैव गोलाकार रहता है, का व्यास है। इसके आयतन के परिवर्तन की दर x के सापेक्ष ज्ञात कीजिए।
हल :
माना गुब्बारे का आयतन V है।
प्रश्नानुसार, गुब्बारे का व्यास =
∴ गुब्बारे की त्रिज्या,
∴ गुब्बारे की आयतन,
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अत: आयतन की x के सापेक्ष परिवर्तन की दर
है।
प्रश्न 7.
किसी वस्तु की x इकाइयों के पादन में कुल लागत C(x) रुपये में निम्न समीकरण द्वारा दी गई है।
C(x) = 0.005x3 – 0.02x2 + 30x + 5000
सीमान्त लागत ज्ञात कीजिए जब वस्तु की 3 इकाई उत्पादित की जाती है। जहाँ सीमान्त लागत का अर्थ किसी स्तर पर अपादन के सम्पूर्ण लागत में तात्कालिक परिवर्तन की दर है।
हल :
प्रश्नानुसार, x वस्तुओं के उत्पादन का मूल्य C(x) है।
जहाँ C(x) = 0 005x3 – 0 02x² + 30x + 5000
सीमान्त लागत मूल्य = MC
MC = C(x)
= 0.005 x 3x² – 0.02 x 30 x 1
= 0.005 x 3x² – 0.02 x 2x + 30
x = 3 के लिए।
MC = 0.005 x 3 x (3)² – 0.02 x 2 x (3) + 30
= 0.005 x 27 – 002 x 6 + 30
= 0.135 – 0.12 + 30
= 30.015 या 30.02 (लगभग)
अत: सीमान्त लागत मूल्य Rs 30.02 (लगभग) है।
प्रश्न 8.
एक साबुन के गोलीय बुलबुले की त्रिज्या में 0.2 सेमी/सेकण्ड की दर से वृद्धि हो रही है। इसके पृष्ठीय क्षेत्रफल में वृद्धि की दर ज्ञात कीजिए, जबकि बुलबुले की त्रिज्या 7 सेमी हो तथा इसके आयतन में वृद्धि की दर ज्ञात कीजिए, जबकि बुलबुले की त्रिज्या 5 सेमी हो।
हल :
माना कि गोलीय बुलबुले की त्रिज्या r तथा गोलीय बुलबुले का पृष्ठीय क्षेत्रफल S है।
प्रश्नानुसार, = 0.2 सेमी/सेकण्ड
पृष्ठीय क्षेत्रफल (S) = 4πr²
t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
r = 7 सेमी रखने पर,
अत: गौलीय बुलबुले के पृष्ठीय क्षेत्रफल में वृद्धि की दर 11:2π सेमी²./से. हैं।
पुनः माना कि किसी समय t पर गोलीब बुलबुले की त्रिज्या r तथा इसका आयतन V हैं।
प्रश्नानुसार, = 0.2 सेमी/सेकण्ड
आयतन
t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
r = 5 सेमी रखने पर
की दर से बढ़ेगा।
अतः आयतन में वृद्धि की दर = 20π सेमी/सेकण्ड हैं।
प्रश्न 9.
एक नली से 12 सैमी3./सेकण्ड की दर से बालू उंडेली जा | रही है। उंडेली गई बालू से एक शंकु का निर्माण इस प्रकार होता है कि शंकु की ऊँचाई सदैव आधार की त्रिज्या का 1/6 वाँ भाग होती है। बालू के शंकु की ऊँचाई में किस गति से वृद्धि हो रही है, जबकि ऊँचाई 4 सेमी हैं।
हल :
माना किसी समय t पर आलू के शंकु का आयतन V, ऊँचाई h तथा त्रिज्या r है।
प्रश्नानुसार, h =
⇒ r = 6h
= 12 सेमी/सेकण्ड
बालू के शंकु का आयतन
t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अत: बालू के शंकु की ऊँचाई सेमी/सेकण्ड की दर से बढ़ रहीं हैं।
प्रश्न 10.
किसी उत्पाद की x इकाइयों के विक्रय से प्राप्त कुल आये R(x) रुपयों में निम्न समीकरण द्वारा दी गई है।
R(x) = 13x² + 26x + 15
सीमांत आय ज्ञात कीजिए जब x = 15 है।
हल :
दिया है, R(x) = 13x² + 26x + 15
सीमान्त आय MR(x) = (Rx)
= (13x² + 26x + 15)
= 26x – 26
x = 15 रखने पर,
तब MR(x) = 26 x 15 + 26
= 320 + 26.
MR(7)= 416
अतः सीमान्त आय = Rs 416
Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Chapter 8.2
प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए f(x) = x² अन्तराल (0, ∞) में वर्धमान तथा अन्तराल (-∞, 0) में ह्रासमान है।
हल :
माना x1x2 ∈ [0, ∞] इस प्रकार है कि
x1 < x2
∴ x1 < x2 ⇒ x12 < x1x2 …(i)
(दोनों पक्षों में x1 को गुणा करने पर)
तथा x1 < x2 ⇒ x1x2 < x22 …(i)
(दोनों पक्षों में x2 का गुणा करने पर)
समी. (i) तथा (ii) से,
x1 < x2 ⇒ x12 < x22
⇒ f(x1) < f(x2)
∴ x1 < x2 ⇒ f(x1) < f(x2).
x1, x2 = [0, ∞]
अतः f(x) अन्तराल [0, ∞] में निरन्तर वर्धमान है।
पुनः माना x1, x2 ∈ (-∞, 0) में इस प्रकार है कि
x1 < x2
x1 < x2 ⇒ x12 > x1x2 ….(i)
[.. -3 -2
(-3) (-3) = 9
(-3) x (-2) = 6
∴ 9>6.
x12 > x1x2]
पुनः x1 < x2 ⇒ x1x2 > x22 …(ii)
[पुनः – 3 < – 2
(-3) x (-2) = 6
(-2) x (-2) = 4
6 > 4
∴ x1x2 > x22]
समी. (1) तथा (2) से,
x1 < x2 ⇒ x12 > x22
⇒f(x1) > f(x2)
∴ x1 < x2 ⇒ f(x1) > f(x2)
अत: फलन f(x) = x² अन्तराल (-∞, 0) में निरन्तर क्लासमान है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि f(x) = ax, 0 < a < 1, R में ह्रासमान
हल :
माना x1,x2 ∈ R में इस प्रकार है कि
x1 < x2
तब x1 < x2
ax1 > ax2
[∴ 0 < a < 1 तथा x < x2 ⇒ ax1 > ax2]
f(x1) > f(x2)
∴ x < x2
f(x1) > f(x2) ∀ x1 ,x2 ∈ R
अत: फलन f(x) = ax, 0 < a < 1, R में समान है।
इति सिद्धम्।
निर्देश : (प्रश्न 3 से 6 तक) सिद्ध कीजिए कि निम्न फलन सम्मुख दिये गए अन्तराल में वर्धमान है।
प्रश्न 3.
f(x) = log sin x, x ∈ (0, )
हल :
f(x) = log sin x
f’ (x) = cot x
अन्तराल (0, ) में cot x > 0 अर्थात्
f’ (x) > 0
अतः अन्तराल (0, ) में फलन निरन्तर वर्धमान है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 4.
f(x) = x100 + sin x + 1, x ∈ (0, )
हल :
f(x) = x100 + sin x + 1
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
f’ (x) = 100x99 + cos x
अन्तराल (0, ) में,
f’ (x) = 100x99 + cosx > 0
[∵ cos x > 0 तथा 100x99 > 0]
⇒ f’ (x) > 0
अत: अन्तराल (0, ) में फलन वर्धमान है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 5.
f(x) = (x – 1)ex + 1, x > 0.
हल :
f(x) = (x – 1)ex + 1, x > 0.
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
⇒ f’ (x) = (x – 1).ex + ex (1 – 0) + 0
⇒ f’ (x) = ex (x – 1 + 1)
⇒ f’ (x) = xex
x > 0 में,
⇒ f’ (x) = xex > 0 [∵ x > 0 तथा ex > 0]
⇒ f’ (x) > 0 [∵ (x – 2)² > 0]
अत: x > 0 पर फलन वर्धमान हैं।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 6.
f(x) = x3 – 6x² + 12x – 1, x ∈ R.
हल :
f(x) = x3 – 6x2 + 12x – 1
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
f’ (x) = 3x² – 12x + 12
f’ (x) = 3(x² – 4x + 4)
f’ (x) = 3(x – 2)²
f’ (x) = 3(x – 2)² ≥ 0
f’ (x)≥1
अत: फलन f(x), R में वर्धमान है।
इति सिद्धम्।
निर्देश : (प्रश्न 7 से 10 तक) सिद्ध कीजिए कि फलन, सम्मुख दिए गए अन्तराल में ह्रासमान है ।
प्रश्न 7.
f(x) = tan-1 x – x, x ∈ R.
हल :
f(x) = tan-1 x – x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
अत: फलन f(x), R में समान है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 8.
f(x) = sin4 x + cos4 x, x ∈ (0, )
हल :
f(x) = sin4 x + cos4 x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
f’ (x) = 4 sin3 x cos x + 4 cos3 x(- sin x)
f’ (x) = 4 sin x.cos x (sin² x – cos² x)
f’ (x) = – 2.2 sin x cos x.(cos²x – sin²x)
f’ (x) = – 2.sin 2x.cos 2x
f’ (x) = – sin 4x
अन्तराल (0, ) में – sin 4x < 0 अर्थात्
f’ (x) < 0
अत: अन्तराल (0, ) में फलन समान है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 9.
f(x) = , x ∈ R, x ≠ 0.
हल :
f(x) =
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
⇒ f’ (x) < 0
अतः फलन f(x), R, x ≠ 0 से समान है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 10.
f(x) = x² – 2x + 3, x < 1.
हल :
f(x) = x² – 2x + 3
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
f’ (x) = 2x – 2
f’ (x) = 2(x – 1)
f’ (x) = 2(x – 1) < 0 [जव x < 1]
f’ (x) < 0
अत: फलन f(x), दिए गए अन्तराल x < 1 में समान है।
इति सिद्धम्।
निर्देश : (प्रश्न 11 से 14 प्रश्न तक) अन्तराल ज्ञात कीजिए जिसमें फलन वर्धमान या ह्रासमान है।
प्रश्न 11.
f(x) = 2x³ – 3x² – 36x + 7
हल :
प्रश्नानुसार,
f(x) = 2x³ – 3x² – 36x + 7
⇒ f’ (x) = 6x² – 6x – 36
⇒ f’ (x) = 0
⇒ 6x² – 6x – 36 = 0
⇒ 6(x² – x – 6) = 0
⇒ 6(x – 3) (x + 2) = 0
x – 3 = 0 या x + 2 = 0
x = 3 या x = -2
बिन्दु x = – 2, x = 3 वास्तविक संख्या रेखा को तीन असंयुक्त
अन्तरालों (- ∞, – 2), (-2, 3) तथा (3, ∞) में विभक्त करते हैं।
(a) अन्तराल (- ∞, – 2) के लिए,
f'(x) = 6x² – 6x – 36 > 0
क्योंकि x = – 3 पर,
f'(x) = 6(-3)² – 6(-3) – 36
= 6 x 9 + 6 x 3 – 36
= 54 + 18 – 36
= 36 > 0
इसी प्रकार अन्य बिन्दुओं को लेकर भी f’ (x) > 0 दिखाया जा सकता है।
अत: अन्तराल (- ∞, – 2) में फलन निरन्तर वर्धमान है अर्थात्
x ∈ (-∞, -2) के लिए फलन निरन्तर वर्धमान हैं।
(b) (-2, 3) के लिए,
f'(x) = 6x² – 6x – 36 < 0
क्योंकि x = 1 पर,
f'(x) = 6(1)² – 6 x 1 – 36
= 6 – 6 – 36 = – 36 < 0
x = 0 पर, f’ (x) = 6(0)² – 6 x 0 – 36
= – 36 < 0
इसी प्रकार अन्य बिन्दुओं को लेकर दिखाया जा सकता है कि f’ (x) <0
अत: x ∈ (-2, 3) के लिए फलन निरन्तर समान है।
(c) (3, 2) के लिए
f'(x) = 6x² – 6x – 36 > 0
क्योंकि x = 4 पर,
f'(x) = 6 x (4)² – 6 x 4 – 36
= 96 – 24 – 36
= 96 – 60 = 36 > 0
x = 5 पर, f'(x) = 6(5)² – 6 x 5 – 36
= 6 x 25 – 30 – 36
= 150 – 30 – 36
= 84 > 0
इसी प्रकार अन्य बिन्दुओं पर भी दिखाया जा सकता है कि f’ (x) > 0
अत: x ∈ (3, ∞) के लिए फलन निरन्तर वर्धमान है।
इस प्रकार अन्तराल (- ∞, – 2) ∪ (3, ∞) में फलन f निरन्तर वर्धमान है {f’ (x) > 0}
अन्तराल (-2, 3) में फलन निरन्तर असमान है {f’ (x) < 0}.
प्रश्न 12.
f(x) = x4 – 2x².
हल :
प्रश्नानुसार,
f(x) = x4 – 2x².
f'(x) = 4x3 – 4x (∵ f(x) = 0)
4x3 – 4x = 0
4x(x² – 1) = 0
4x = 0 या x² – 1 = 0
x = 0 या x = ± 1
बिन्दु x = 0, x = 1, x = -1 वास्तविक संख्या रेखा को चार असंयुक्त अन्तराल (- ∞, – 1), (-1, ∞), (1, ∞) तथा (0, 1) में विभक्त करते हैं।
(a) अन्तराल (- ∞, – 1) के लिए,
f'(x) = 4x3 – 4x
x = – 2 पर, f'(x) = 4 x (-2)3 – 4(-2)
= – 32 + 8 = – 24 < 0
इसी प्रकार अन्य बिन्दुओं के लिए भी दिखाया जा सकता है।
{f’ (x) < 0}.
(b) अन्तराल (0, 1) के लिए,
f'(x) = 4x3 – 4x
x = 0.5 के लिए,
f'(x) = 4 x (0.5)3 – 4 x (0.5)
= 4 x 0.125 – 2.0
= 05 – 2. 0 = -15 < 0
इसी प्रकार अन्य बिन्दुओं के लिए भी दिखाया जा सकता है। {f’ (x) < 0}
(c) अन्तराल (-1, 0) के लिए,
f'(x) = 4x3 – 4x
x = -0.5 के लिए,
f'(x) = 4 x (-0.5)3 – 4 x (-0.5)
= -0.5 + 20 = 1.5 > 0
इसी प्रकार अन्य बिन्दुओं के लिए भी दिखाया जा सकता है। {f'(x) > 0}
(d) अन्तराल (1, ∞) के लिए,
f'(x) = 4x3 – 4x
x = 2 के लिए, f'(x) = 4 x (2)3 – 4 x 2
= 32 – 8 = 24 > 0
इसी प्रकार अन्य बिन्दुओं के लिए भी दिखाया जा सकता है। {f’ (x) > 0}
इस प्रकार अंतराल (-∞, – 1) ∪ (0, 1) के लिए फलन समान
अत: अन्तराल (-1,0) ∪ (1, ∞) के लिए फलन वर्धमान है।
प्रश्न 13.
f(x) = 2x3 – 9x2 + 12x + 5.
हल :
प्रश्नानुसार,
f(x) = 2x3 – 9x2 + 12x + 15
f'(x) = 6x² – 18x + 12
= 6(x² – 3x + 2)
वर्धमान मान के लिए,
f'(x) > 0
6(x² – 3x + 2)>0
x² – 3x + 2>0
[∵ 6 > 0 ∴ 6(x² – 3x + 2) > 0 ⇒ x² – 3x + 2 > 0]
(x – 1) (x – 2) > 0
x < 1 or x > 2
x ∈(- ∞,1) ∪ (2, ∞)
अत: फलन अन्तराल (-∞, 1) ∪ (2, ∞) में वर्धमान है।
पुनः ह्मसमान मान के लिए
f'(x)<0
⇒ 6(x² – 3x + 2)< 0
⇒ x² – 3x + 2<0
[∵ 6 > 0 ∴ 6(x² – 3x + 2)< 0 ⇒ x² – 3x + 2 < 0]
⇒ (x – 1) (x – 2)<0
⇒ 1 < x < 2
⇒ x ∈ (1,2)
अत: फलन अन्तराल (1, 2) में समान है।
प्रश्न 14.
f(x) = – 2x3 + 3x² + 12x + 5.
हन :
प्रश्नानुसार,
f(x) = – 2x3 + 3x² + 12x + 5
f'(x) = – 6x² + 6x + 12
= -6(x² – x – 2)
वर्धमान मान के लिए,
f'(x)>0
– 6(x² – x – 2) > 0
⇒ – 6(x – 2) (x + 1) > 0
[∵ – 6 < 0 तथा ab > 0, a < 0 ⇒ < 0]
⇒ x – 2 < 0
⇒ x < 2
⇒ x + 1 < 0
⇒ x < – 1 ⇒ x ∈ (-∞,-1)
अतः फलन अन्तराल (-∞,-1) में वर्धमान हैं।
पुनः ह्मसमान के लिए,
f'(x)<0
– 6(x – 2) (x + 1)<0
[∵ – 6 < 0 तथा ab < 0, a < 0 ⇒ b > 0]
⇒ x – 2 > 0
⇒ x > 2
तथा x + 1 > 0
⇒ x > -1
अत: फलत अन्तराल (-1, ∞) में समान है।
प्रश्न 15.
a का न्यूनतम मान ज्ञात कीजिए कि फलन f(x) = x² + ax + 5 अन्तराल [1, 2] में वर्धमान है।
हल :
f(x) = x² + ax + 5
⇒ f’ (x) = 2x + a
⇒ x ∈ [1, 2]
⇒ 1≤x≤2
⇒ 2≤2x≤4
⇒ 2 + a ≤ 2x + a ≤ 4
⇒ 2 + a ≥ 0
⇒ a ≥ – 2
अत: a का न्यूनतम मान – 2 है।
{चूँकि a = – 2 के लिए f'(x) = 3x² – 3 = 3(x² – 1) ≥ 0 इसलिए x ∈ [1, 2]}
प्रश्न 16.
सिद्ध कीजिए कि फलन f(x) = tan-1 (sin x + cos x), अन्तराल (0, ) में वर्धमान फलन है।
हल :
दिया गया फलन
f(x) = tan-1 (sin x + cos x)
तब 0 < x < , cosx > sinx तथा 2x > 0
∴ cos x – sin x > 0 तथा (2 + sin 2x) > 0
∴ f'(x) > 0 जहाँ 0 < x <
अर्थात् x ∈ (0, ) के लिए,
f'(x) > 0
अत: फरनन अंतराल (0, ) में निरन्तर वर्धमान है। इति सिद्धम्।
Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Chapter 8.3
प्रश्न 1.
वक्र y = x3 – x बिन्दु x = 2 पर स्पर्श रेखा की प्रवणता ज्ञात कीजिए।
हुल :
दिया गया वक्र y = x3 – x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
= 3 – x² – 1 ..(i)
समौ. (i) में x = 2 रखने पर,
= 3 (2)² – 1 = 11
अतः स्पर्श रेखा की प्रवणता = 11,
प्रश्न 2.
वक़ , x ≠ 2 के बिन्दु x = 10 पर स्पर्श रेखा की प्रवणता ज्ञात कीजिए।
हल :-
का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अतः x = 10 पर स्पर्श रेखा की प्रवणता = –
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Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Chapter 8
प्रश्न 1.
वक्र y = x3 – x बिन्दु x = 2 पर स्पर्श रेखा की प्रवणता ज्ञात कीजिए।
हुल :
दिया गया वक्र y = x3 – x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
= 3 – x² – 1 ..(i)
समौ. (i) में x = 2 रखने पर,
= 3 (2)² – 1 = 11
अतः स्पर्श रेखा की प्रवणता = 11,
प्रश्न 2.
वक़ , x ≠ 2 के बिन्दु x = 10 पर स्पर्श रेखा की प्रवणता ज्ञात कीजिए।
हल :-
का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अतः x = 10 पर स्पर्श रेखा की प्रवणता = –
प्रश्न 3.
वह बिन्दु ज्ञात कीजिए, जहाँ वक्र की स्पर्श रेखा की प्रवाता है।
हल-
दिया गया वक्र …..(i)
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्नानुसार, स्पर्श रेखा की प्रतणता है।
x = 3 समीकरण (i) में रखने पर,
अत: अभीष्ट बिन्दु (3, 2) है।
प्रश्न 4.
उन सभी रेखाओं के समीकरण ज्ञात कीजिए जो वक्र की स्पर्श रेखाएँ हैं तथा जिनकी प्रवणता 2 है।
हल :
दिया गया वक्र
…(1)
x के सापेक्ष अथकलन करने पर,
प्रश्नानुसार, प्रवणता = 2
(x – 3)² = 1
x – 3 = ±1
x = ± 1 + 3
x = 4, 2
x = 4 समीकरण. (i) में रखने पर,
तब बिन्दु = (4, – 2)
पुत: x = 2 समीकरण (i) में रखने पर
तब , बिन्दु = (2, 2)
अब बिन्दु (4,-2) पर स्पर्श रेटा का समीकरण
y -(-2) = 2 (x – 4)
y + 2 = 2x – 8
2x – y – 10 = 0
पुनः बिन्दु = (2, 2) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
y – 2 = 2 (x – 2)
y – 2 = 2x – 4
2x – y – 2 = 0
अतः अभीष्ट रमीकरण 2x – y – 10 = 0 तथा 2x – y – 2 = 0 है।
प्रश्न 5.
वक्र
पर वे बिन्दु ज्ञात कीजिए जहाँ स्प देखा।
(i) x-अक्ष के समान्तर है तथा
(ii) y-अक्ष के समान्तर है।
हल :
दिया गया वक्र
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
(i) शव स्पर्श रेखा x-अक्ष के समान्तर हो, तो
अत: विन्दुओं (0, ± 5) पर स्पर्श रेखाएँ x-पक्ष के समान्तर हैं।
(ii) जन स्पर्श रेखा y-अक्ष के समान्तर है अर्थात् x-अक्ष पर लम्ब है, तो
अत: विन्दुओं (± 2, 0} पर स्पर्श रेखाएँ y-अक्ष के समार है।
प्रश्न 6.
वक्र x = a sin3 t, y = b cos3 t का t = पर स्पर्श रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल :
दिए गए वक्र का t सापेक्ष अवकलन करने पर
तथा जब t = तब x = a तथा y = 0
अतः t = पर अर्थात् (a, 0) पर दिए गए वक्र को स्पर्श रेखा का समीकरण
y – 0 = 0(x – a)
अथात् y = 0 है।
प्रश्न 7.
वक्र y = sin²x के बिन्दु पर अभिलम्ब का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हुल :
y = sin²x का x के सापेक्षा अवकलन करने पर,
अतः अभिलम्ब का अभीष्ट समीकरण
प्रश्न 8.
निम्न वक़ों के लिए उनके सम्मुख अंकित बिन्दु पर स्पर्श रेखा एवं अभिलम्ब के समीकरण ज्ञात कीजिए
(a) y = x² + 4x + 1, x = 3 पर
(b) y² = 4ax, x = a पर
(c) xy = a²
(d) y² = 4ax,
(e)
(f) y = 2x² – 3x – 1, (1, – 2) पर
(g) x = at², y = 2at, t = 1 पर
(h) x = θ + sin θ, y = 1 – cosθ, θ = पर
हल :
(a) दिया गया वक्र y = x² + 4x + 1 …(i)
समी. (i) में x = 3 रखने पर
y = (3)² + 4 (3) + 1
y = 22
अत: स्पर्श बिन्दु = (3, 22)
समी. (i) का x के सापेक्षा अवकलन करने पर,
अब, वक्र (i) के बिन्दु (3, 22) पर स्पी की समीकरण
y – 22 = 10 (x – 3)
y – 22 = 10x – 30
10x – y = 8
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण 10x – y = 8 है।
पुन: वक्र (i) के बिन्दु (3, 22) पर अभिलम्य का समीकरण
y – 22 =
10y – 220 = -x + 3
x + 10y = 223
अतः अभिलम्ब का समीकरण x + 10y = 223 है।
(b) दिया गया वक्र y² = 4ax
सौ. x = aरखने पर,
y² = 4a (a)
y² = 4a²
y = ± 2a
अत: स्पर्श बिन्दु (a, 2a) तथा (a, -2a) हैं।
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अब तक (i) के बिन्दु (a, 2a) पर स्पर्शी का समीकरण
y – 2a = 1 (x – a)
x – y + a = 0
पुन: वक्र (i) में बिन्दु (a, 2a) पर अभिलम्ब का समीकरण
y – 2a = – 1(x – 1)
⇒ x + y – 3a = 0
अत: चिन्दु (a, 2a) पर स्पॉं का समीकरण x – y + a = 0 तथा अभिलम्ब का समीकरण x + y – 3a = 0 है।
(c) दिया गया वक्र xy = a²
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
वक्र (i) के बिन्दु (at, ) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
⇒ t²y – at = – x + at
⇒ x + t²y = 2at
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण x + t²y = 2at हैं।
पुनः वक्र (i) में बिन्दु (at, ) पर अभिलम्ब का समीकरण
y – = t²(x – at)
yt – a = t3 (x – at)
yt – a = t3 x – at4
t3x – yt = at4 – a
t3x – yt = a(t4 – 1)
अत:, अभिलम्ब का समीकरण t3x – yt = a (t4 – 1) है।
(d) दिया गया चक्र y² = 4ax
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
वक्र (i) के बिन्दु पर स्पर्श बिन्दु का समीकरण
⇒ my – 2a = m²x – a
⇒ m²x – my + a = 0
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण m²x – my + a = 0 है।
पुन: वक्र (i) के बिन्दु पर अभिलम्ब का समीकरण
m² (my – 2a) = -(m²x – a)
m3y – 2am² = – m²x + a
m²x + m3y = a (2m² + 1)
अतः अभिलम्ब का समीकरण m²x + m3y = a (2m² + 1) है।
(e) दिया गया वक्र
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
बिन्दु (a sec θ, b tan θ) पर
चक्र (i) के बिन्दु (a sec θ, b tan θ) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
ay tan θ – ab tan² θ = bx sec θ – ab sec² θ
bx sec θ – ay tan θ = ab(sec² θ – tan² θ)
पुन: वक्र (i) के बिन्दु (a sec θ, b tan θ) पर अभिलम्ब का समीकरण
by cosec θ – b² tan θ cosec θ = – ax + a² sec θ
ax + b cosec θ = b² sec θ + a² sec θ
ax + b c0sec θ = sec θ (a² + b²)
अत: अभिलम्ब का समीकरण
ax + by cosec θ = sec θ (a² + b²) है।
(f) दिया गया वक्र y = 2x² – 3x – 1 …(i).
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
वक्र (i) के बिन्दु (1,-2) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
y + 2 = 1 (x – 1)
⇒ x – y = 3
अतः स्पर्श रेखा का समीकरण x – y = 3 हैं।
पुन: वक्र (i) के बिन्दु (1,-2) पर अभिलम्ब का समीकरण
y + 2 = -1(x – 1)
x + y + 1 = 0
अत: अभिलम्ब का समीकरण x + y + 1 = 0 है।
(g) x = at², y = 2at
t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
स्पर्श रेखा का समीकरण
y – 2at = 1 (x – at²)
t = 1 रखने पर,
y – 2a = x – a
⇒ x – y + a = 0
अतः स्पर्श रेखा का समीकरण x – y + a = 0 है।
पुन: अभिलम्ब का समीकरण |
y = 2at = -1 (x – a t²)
t = 1 रखने पर,
y – 2a = -(x – a)
⇒ x + y – 3a = 0
अत: अभिलम्ब का समीकरण x + y – 3a = 0 है।
(h) x = θ + sin θ, y = 1 – cos θ
θ सापेक्ष अवकलन करने पर,
स्पर्श रेखा का समीकरण
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण x – y =
पुन: अभिलम्ब का समीकरण
y – (1 – cos θ) = -1 [x – (θ + sin θ]]
⇒ x + y = 2 +
अत: अभिलम्ब का समीकरण x + y = 2 +
प्रश्न 3.
वह बिन्दु ज्ञात कीजिए, जहाँ वक्र की स्पर्श रेखा की प्रवाता है।
हल-
दिया गया वक्र …..(i)
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
प्रश्नानुसार, स्पर्श रेखा की प्रतणता है।
x = 3 समीकरण (i) में रखने पर,
अत: अभीष्ट बिन्दु (3, 2) है।
प्रश्न 4.
उन सभी रेखाओं के समीकरण ज्ञात कीजिए जो वक्र की स्पर्श रेखाएँ हैं तथा जिनकी प्रवणता 2 है।
हल :
दिया गया वक्र
…(1)
x के सापेक्ष अथकलन करने पर,
प्रश्नानुसार, प्रवणता = 2
(x – 3)² = 1
x – 3 = ±1
x = ± 1 + 3
x = 4, 2
x = 4 समीकरण. (i) में रखने पर,
तब बिन्दु = (4, – 2)
पुत: x = 2 समीकरण (i) में रखने पर
तब , बिन्दु = (2, 2)
अब बिन्दु (4,-2) पर स्पर्श रेटा का समीकरण
y -(-2) = 2 (x – 4)
y + 2 = 2x – 8
2x – y – 10 = 0
पुनः बिन्दु = (2, 2) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
y – 2 = 2 (x – 2)
y – 2 = 2x – 4
2x – y – 2 = 0
अतः अभीष्ट रमीकरण 2x – y – 10 = 0 तथा 2x – y – 2 = 0 है।
प्रश्न 5.
वक्र
पर वे बिन्दु ज्ञात कीजिए जहाँ स्प देखा।
(i) x-अक्ष के समान्तर है तथा
(ii) y-अक्ष के समान्तर है।
हल :
दिया गया वक्र
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
(i) शव स्पर्श रेखा x-अक्ष के समान्तर हो, तो
अत: विन्दुओं (0, ± 5) पर स्पर्श रेखाएँ x-पक्ष के समान्तर हैं।
(ii) जन स्पर्श रेखा y-अक्ष के समान्तर है अर्थात् x-अक्ष पर लम्ब है, तो
अत: विन्दुओं (± 2, 0} पर स्पर्श रेखाएँ y-अक्ष के समार है।
प्रश्न 6.
वक्र x = a sin3 t, y = b cos3 t का t = पर स्पर्श रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल :
दिए गए वक्र का t सापेक्ष अवकलन करने पर
तथा जब t = तब x = a तथा y = 0
अतः t = पर अर्थात् (a, 0) पर दिए गए वक्र को स्पर्श रेखा का समीकरण
y – 0 = 0(x – a)
अथात् y = 0 है।
प्रश्न 7.
वक्र y = sin²x के बिन्दु पर अभिलम्ब का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हुल :
y = sin²x का x के सापेक्षा अवकलन करने पर,
अतः अभिलम्ब का अभीष्ट समीकरण
प्रश्न 8.
निम्न वक़ों के लिए उनके सम्मुख अंकित बिन्दु पर स्पर्श रेखा एवं अभिलम्ब के समीकरण ज्ञात कीजिए
(a) y = x² + 4x + 1, x = 3 पर
(b) y² = 4ax, x = a पर
(c) xy = a²
(d) y² = 4ax,
(e)
(f) y = 2x² – 3x – 1, (1, – 2) पर
(g) x = at², y = 2at, t = 1 पर
(h) x = θ + sin θ, y = 1 – cosθ, θ = पर
हल :
(a) दिया गया वक्र y = x² + 4x + 1 …(i)
समी. (i) में x = 3 रखने पर
y = (3)² + 4 (3) + 1
y = 22
अत: स्पर्श बिन्दु = (3, 22)
समी. (i) का x के सापेक्षा अवकलन करने पर,
अब, वक्र (i) के बिन्दु (3, 22) पर स्पी की समीकरण
y – 22 = 10 (x – 3)
y – 22 = 10x – 30
10x – y = 8
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण 10x – y = 8 है।
पुन: वक्र (i) के बिन्दु (3, 22) पर अभिलम्य का समीकरण
y – 22 =
10y – 220 = -x + 3
x + 10y = 223
अतः अभिलम्ब का समीकरण x + 10y = 223 है।
(b) दिया गया वक्र y² = 4ax
सौ. x = aरखने पर,
y² = 4a (a)
y² = 4a²
y = ± 2a
अत: स्पर्श बिन्दु (a, 2a) तथा (a, -2a) हैं।
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अब तक (i) के बिन्दु (a, 2a) पर स्पर्शी का समीकरण
y – 2a = 1 (x – a)
x – y + a = 0
पुन: वक्र (i) में बिन्दु (a, 2a) पर अभिलम्ब का समीकरण
y – 2a = – 1(x – 1)
⇒ x + y – 3a = 0
अत: चिन्दु (a, 2a) पर स्पॉं का समीकरण x – y + a = 0 तथा अभिलम्ब का समीकरण x + y – 3a = 0 है।
(c) दिया गया वक्र xy = a²
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
वक्र (i) के बिन्दु (at, ) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
⇒ t²y – at = – x + at
⇒ x + t²y = 2at
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण x + t²y = 2at हैं।
पुनः वक्र (i) में बिन्दु (at, ) पर अभिलम्ब का समीकरण
y – = t²(x – at)
yt – a = t3 (x – at)
yt – a = t3 x – at4
t3x – yt = at4 – a
t3x – yt = a(t4 – 1)
अत:, अभिलम्ब का समीकरण t3x – yt = a (t4 – 1) है।
(d) दिया गया चक्र y² = 4ax
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
वक्र (i) के बिन्दु पर स्पर्श बिन्दु का समीकरण
⇒ my – 2a = m²x – a
⇒ m²x – my + a = 0
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण m²x – my + a = 0 है।
पुन: वक्र (i) के बिन्दु पर अभिलम्ब का समीकरण
m² (my – 2a) = -(m²x – a)
m3y – 2am² = – m²x + a
m²x + m3y = a (2m² + 1)
अतः अभिलम्ब का समीकरण m²x + m3y = a (2m² + 1) है।
(e) दिया गया वक्र
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
बिन्दु (a sec θ, b tan θ) पर
चक्र (i) के बिन्दु (a sec θ, b tan θ) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
ay tan θ – ab tan² θ = bx sec θ – ab sec² θ
bx sec θ – ay tan θ = ab(sec² θ – tan² θ)
पुन: वक्र (i) के बिन्दु (a sec θ, b tan θ) पर अभिलम्ब का समीकरण
by cosec θ – b² tan θ cosec θ = – ax + a² sec θ
ax + b cosec θ = b² sec θ + a² sec θ
ax + b c0sec θ = sec θ (a² + b²)
अत: अभिलम्ब का समीकरण
ax + by cosec θ = sec θ (a² + b²) है।
(f) दिया गया वक्र y = 2x² – 3x – 1 …(i).
समीकरण (i) का x के सापेक्ष अवकलन करने पर
वक्र (i) के बिन्दु (1,-2) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
y + 2 = 1 (x – 1)
⇒ x – y = 3
अतः स्पर्श रेखा का समीकरण x – y = 3 हैं।
पुन: वक्र (i) के बिन्दु (1,-2) पर अभिलम्ब का समीकरण
y + 2 = -1(x – 1)
x + y + 1 = 0
अत: अभिलम्ब का समीकरण x + y + 1 = 0 है।
(g) x = at², y = 2at
t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
स्पर्श रेखा का समीकरण
y – 2at = 1 (x – at²)
t = 1 रखने पर,
y – 2a = x – a
⇒ x – y + a = 0
अतः स्पर्श रेखा का समीकरण x – y + a = 0 है।
पुन: अभिलम्ब का समीकरण |
y = 2at = -1 (x – a t²)
t = 1 रखने पर,
y – 2a = -(x – a)
⇒ x + y – 3a = 0
अत: अभिलम्ब का समीकरण x + y – 3a = 0 है।
(h) x = θ + sin θ, y = 1 – cos θ
θ सापेक्ष अवकलन करने पर,
स्पर्श रेखा का समीकरण
अत: स्पर्श रेखा का समीकरण x – y =
पुन: अभिलम्ब का समीकरण
y – (1 – cos θ) = -1 [x – (θ + sin θ]]
⇒ x + y = 2 +
अत: अभिलम्ब का समीकरण x + y = 2 +
Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Chapter 8.4
निर्देश : (प्रश्न 1 से 1) अवकलज का प्रयोग करके निम्न का सन्निकटन मान ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 1.
(0.009)1/3
हल :
माना y = x1/3 तथा x = 0.008.
∆x = 0.009 – 0.008 = 0.001
∵ y = x1/3
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
∴(0.009)1/3 = y + ∆y
= 0.2 + 0.008 = 0.208.
अतः (0.009)1/3 का सन्निकटन मान 0.208 है।
प्रश्न 2.
(0.999)1/10
हल :
माना y = x1/10, x = 1, y = 1
∆x = 0.999 – 1 = – 0.001
∵ y = x1/10
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
∴ (0.999)1/10 = y + dy
= 1 – 0.0001 = 0.9999
अतः (0.999)1/10 का सन्निकटन मान 0.9999 है।
प्रश्न 3.
हल :
माना y = √x, x = 0.0036, y = 0-06
∆x = 0.0037 – 0.0036 = 0.0001
∵ y = √x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
dy = 0.000833 = ∆y (∵ ∆y ≅ dy)
∴ = y + ∆y
= 0.06 + 0.000833
= 0.060833 = 0.008
अतः का सन्निकटन मान 0.0608 है।
प्रश्न 4.
हल :
माना
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
= 0.25 – 0.0005
= 0.2495
अतः
को सन्निकटन् मान 0.2495 है।
प्रश्न 5.
(15)1/4
हुल :
माना y = x1/4
x = 16, y = (16)1/4 = 2
∆x = 15 – 16 = -1
∵ y = x1/4
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
∴ (15)1/4 = y + ∆y
= 2 + (-0.03125)
= 2 – 0.03125
= 1.96875.
अतः (15)1/4 का सन्निकटन मान 1.96875 है।
प्रश्न 6
√401
हल :
माना y = x1/2, x = 400, y = 20,
∆x = 401 – 400 = 1
∵ y = x1/2
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
dy = 0.025 = ∆y (∵ ∆y ≅ dy)
∴ (401)1/2 = y + dy
= 20 + 0.025 = 20.025
अतः √401 का सन्निकटन मान 20.025 है।
प्रश्न 7.
(3.968)3/2
हल :
माना y = x3/2, x = 4
y = (4)3/2 = (22)3/2 = 23 = 8
∆x = 3.968 – 4 = – 0.032
∵ y = x3/2
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
∴ (3.968)3/2 = y + ∆y
= 8 + (-0.096)
= 8 – 0.096
= 7.904.
अत: (3.968)3/2 का सनकटन मान 7.004 हैं।
प्रश्न 8.
(32:15)1/5
हन :
माना y = x1/5, x = 32, y = (32)1/5 = 2,
∆x = 32.15 – 32 = 0.15
∵ y = x1/5
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
= 0.001875 = ∆y (∵ ∆y ≅ dy)
∴(32.15)1/5 = y + ∆y = 2 + 0.001875
= 2.001875
अत: (32.15)1/5 का सन्निकटने मान 2.001875 है।
प्रश्न 9.
√0.6
हुन :
माना y = √x, x = 0.64, y = 0.8
∆x = 0.6 – 0.64 = -0.04
∵ y = √x
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
∴√0.6 = y + ∆y
= 0.8 + (-0.125)
= 0.8 – 0.025
= 0.775.
अतः √0.6 का सन्निकटन मान 0.775 है।
प्रश्न 10.
log10 (10.1), जबकि log10e = 0.4343
हुल-
माना कि y = log10x …..(i)
जहाँ x = 10, ∆x = 0.1
⇒ x + ∆x = 10.1
y = log10 x
= log10e. loge x
x सापेक्ष अवकलन करने पर,
= 0.04343 x 0.1
∆y = 0.004343
समीकरण (i) से,
y + ∆y = log10 (x + ∆x)
⇒ log10 x + ∆y = log10 (x + ∆x)
⇒ log10 10 + 0.004343 = log10 (10.1)
⇒ log10 (10.1) = 1 + 0004343
⇒ log10 (10.1) = 1.004343
अत: log10 (10.1) को सन्निकटन मान 1.004343 है।
प्रश्न 11.
loge (10.02), जबकि loge 10 = 2.3026
हल :
माना कि y = loge x
जहाँ x = 10, ∆x = 0.02
तथा x + ∆x = 10.02
y = logex
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अब समीकरण (i) से,
y + ∆y = loge (x + ∆x)
loge x + ∆y = loge (x + ∆x)
loge 10 + 0.002 = loge (10.02)
loge (10.02) = 2.3026 + 0.002
loge (10.02) = 2.3046
अत: loge (10.02) का सन्निकटन मान 2.3046 है।
प्रश्न 12.
यदि y = x² + 4 तथा x का मान 3 से 3.1 में परिवर्तित होता है, तब अवकलज के प्रयोग से y में परिवर्तन का सन्निकटन मान ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया हैं, y = x² + 4
x = 3 रखने पर,
y = (3)² + 4 = 9 + 1 = 13
∆x = 3.1 – 3 = 0.1
∵ y = x² + 4
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
अतः y में परिवर्तन का सन्निकटन मान 0.6 हैं।
प्रश्न 13.
सिद्ध कीजिए कि एक घनाकार सन्दूक के आयतन की गणना में प्रतिशत त्रुटि, घन की कोर की लम्बाई मापने में त्रुटि की लगभग तीन गुना होती है।
हल :
माना कि घनाकार सन्दूक को कोर को लम्बाई x तथा आयतन V है, तब
V = x³
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
अत: आयतन में प्रतिशत त्रुटि = 3 x कोर में प्रतिशत त्रुटि
इसीलिए आयतन की गणना में प्रतिशत त्रुटि, कोर में प्रतिशत त्रुटि की लगभग तीन गुना होती है।
प्रश्न 14.
यदि गोले की त्रिज्या 10 सेमी से 9.8 सेमी तक सिकुड़ती है, तब इसके आयतन में सन्निकटन त्रुटि ज्ञात कीजिए।
हुल :
प्रश्नानुसार,
गौले की त्रिज्या के = 10 सेमी
∆r = त्रिज्या सिकुड़ती हैं।
= – 9.8 – 10 = – 0.2 सेमी
अब गोले का आयतन (V) =
r के सापेक्ष अवकलन करने पर,
∵ गोले के आयतन की गणना करने में सन्निकटन त्रुटि
dV = x (∆r)
dV = 4πr² x (∆r)
dV = 4π x (10)² x (-0.2)
dV = – 400 π सेमी³ = – 80 π सेमी³
अत: आयतन में सन्निकटन त्रुटि 80π सैमी³ है।
Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Chapter 8.5
प्रश्न 1.
निम्नलिखित फलनों के अच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ मान ज्ञात कीजिए।
(a) 2x3 – 15x2 + 36x + 10
(b) (x – 1) (x – 2) (x – 3)
(c) sin x + cos 2x
(d) x4 – 5x4 + 5x3 – 1
हल :
(a) माना y = 2x3 – 15x2 + 36x + 10
⇒ = 6x² – 30x + 36
उच्छिष्ठ या निम्निष्ठ मान के लिए।
6x² – 30x + 36 = 0
6(x² – 5x + 6) = 0
(x – 3) (x – 2) = 0
x = 2, 3
= – 6 (ive) (ऋणात्मक)
x = 2 पर फलन का मान उच्छिष्ठ मान
= 2(2)3 – 15(2)² + 36 x 2 + 10
= 16 – 60 +72 + 10
= 38
= 12 x 3 – 30 = 36 – 30
= – 6 (ive) (धनात्मक)
x = 3 पर फलन का निम्निष्ठ मान
= 2(3)3 – 15(3)2 + 3(3) + 10
= 54 – 135 + 108 + 10
= 37
(b) (x – 1) (x – 2) (x – 3)
माना y = (x – 1) (x – 2) (x – 3)
तो y = x3 – 6x2 + 11x – 6
y के उच्चतम अथवा निग्निष्ठ के लिए
अथवा x = पर फलन उच्चिष्ठ तथा उच्छिष्ट मान =
तथा x = पर निम्निष्ठ तथा निम्नष्ठ मान =
(c) माना y = sin x + cos 2x …..(i)
x के सापेक्ष अवकलन कने पर
= cos x – 2 sin 2x ….(ii)
y के उच्चिष्ठ अथवा निम्निष्ठ मान के लिए,
अर्थात् cos x – 2 sin 2x = 0
cos x – 4 sin x cos x = 0
cos x(1 – 4 sin x) = 0
अत: x = पर फलन निम्निष्ठ है।
तथा फलन का निम्निष्ठ मान
अतः sin x = पर फलन का मान उच्चिष्ठ है।
तथा फलन का उच्चिष्ठ मान = sin x – (1 – 2 sin² x)
(d) माना y = x5 – 5x4 + 5x3 – 1
= 5x4 – 20x3 + 15x²
= 5x²(x² – 4x + 3)
= 5x²(x² – 3x – x + 3)
= 5x²[x(x – 3) – 1(x – 3)]
= 5x²(x – 3) (x – 1)
उच्छिष्ठ या निम्नष्टि के लिए
= 20 – 60 + 30
= -ive (उच्विष्ठ)
उच्चिष्ठ मान = (1)5 – 5(1)4 + 5(1)3 – 1
= 1 – 5 + 5 – 1
= 0
= 540 – 540 + 90 = 90
= +ive (निम्नष्ठ)
निम्नष्ठ फलन = (3)5 – 5(3)4 + 5(3)3 – 1
= 243 – 405 + 135 – 1
= -28
प्रश्न 2.
निम्नलिखित फलनों के अधिकतम तथा निम्नतम मान, यदि कोई हो, तो ज्ञात कीजिए।
(a) -|x + 1| + 3
(b) |x + 2| + 1
(c) |sin 4x + 3|
(d) sin 2x + 5
हल :
(a) माना g(x) = – |x + 1| + 3
– |x + 1|<0, अत: फलन का कोई निम्नतम मान नहीं है।
पुनः – |x + 1| का उच्चतम मान 0 हैं।
∴ – |x + 1| = 0 ⇒ x = -1 तब g(x) का उच्चतम मान 3 है।
[∵ g(-1) = – |-1 + 1| + 3 = 3]
(b) माना f(x) = |x + 2| – 1
|x + 2| > 0 अत: f(x) का कोई उच्चतम मान नहीं हैं।
पुनः |x + 2| का निम्नतम मान 0 है।
∴ |x + 2| = 0 ⇒x = – 2 तच f(x) का निम्नतम मान -1 है।।
(∵ f(-2) = |-2+2|-1 = 0 – 1 = – 1)
(c) माना f(x) = |sin 4x + 3|
sin 4x का अधिकतम मान 1 है।
∴ f(x) का अधिकतम मान |1+3| = 4 है।
पुन: sin 4x का निम्नतम मान -1 है।
∴ f(x) का निम्नतम मान |-1 + 3| = |2| = 2 है।
(d) माना h(x) = sin 2x + 5
sin (2x) का अधिकतम मान 1 है।
अत: h(x) का अधिकतम मान = 1 + 5 = 6
पुनः sin (2x) का निम्नतम मान -1 है।
अत: h(x) का निम्नतम मान – 1 + 5 = 4 है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित फलनों के गए अन्तराल में, अधिकतम तथा निम्नतम मान ज्ञात कीजिए
(a) 2x3 – 24x + 107, x ∈ [1, 3]
(b) 3x4 – 2x3 – 6x2 + 6x + 1, x ∈ [0, 2]
(c) x + sin 2x, x ∈ [0, 27]
(d) x3 – 18x2 + 96x, x ∈[0, 9]
हल :
(a) माना y = 2x3 – 24x + 107, x ∈ [1, 3]
= 6x2 – 24
इच्चिष्ठ या निम्नष्ट के लिए,
= 0 ⇒ 6x2 – 24 = 0
⇒ x = ± 2
∵ x ∈ [1,3]
∴ x = 2
अब y1 = 2(1)3 – 24(1) + 107
= 2 – 24 + 107 = 85
y2 = 2(2)3 – 24(2) + 107
= 17 – 48 + 107 = 75
y3 = 2(3)3 – 24(3) + 107
= 54 – 72 + 107 = 85
अत: फलन का निरपेक्ष उच्चतम मान स्थित नहीं है तथा निरपेक्ष निम्नतम मान = 75 (x + 2 पर)।
(b) माना y = 3x4 – 2x3 – 6x2 + 6x + 1, x ∈ [0, 2]
x ∈ (0, 2)
= 12x3 – 6x2 – 12x + 6
= 6(2x3 – x2 – 2x + 1)
उच्चष्ठ निम्निष्ट के लिए,
2x3 – 3x2 – 2x + 1 = 0
x²(2x – 1)- 1(2x – 1) = 0
(x² – 1)(2x – 1) = 0
x = ±1,
अत: x = 1,-1,0, 2, व पर फलन के म्यान झाल करेंगे ।
अब y1 = 3(1)4 – 2(1)3 – 6(1)2 + 6(1) + 1
y1 = 3 – 2 – 6 + 6 + 1 = 2
y-1 = 3(- 1)4 – 2(- 1)3 – 6(- 1)2 + 6(- 1) + 1
y-1 = 3 + 2 – 6 + 6 + 1
y-1 = – 6
y0 = 3(0)4 – 2(0)3 – 6(0)2 + 6(0) + 1
y0 = 1
y2 = 3(2)4 – 2(2)3 – 6(2)2 + 6(2) + 1
= 45 – 16 – 24 + 12 + 1 = 21
अत: x = 0 पर निम्नतम मान = 1,
x = 2 पर अधिकतम मान = 21
(c) माना y = x + sin 2x, x ∈ [0, 27]
⇒ = 1 + 2 cos 2x
उच्चतम तथा निम्नतम मान के लिए, f'(x) = 0
f'(x) = 0
⇒ 1 + 2cos 2x = 0
2 cos 2x = – 1
cos 2x =
∴ फलन का उच्चतम भन x = 2π पर 2π व निम्नतम मान x = 0 पर 0
(d) माना y = x3 – 18x2 + 96x, x ∈[0, 9]
३ञ्चतम या निम्नतम मान के लिए
अत: x = 0 पर निम्नतम मान्न = 0
तथा x = 4 पर अधिकतम मान = 160
प्रश्न 4.
निम्न फलनों के चरम मान ज्ञात कीजिए
(a) sin x.cos 2x
(b) a sec x + b cosec x, 0<a<b
(c) (x)1/x x > 0
(d) ,x ∈ (0,∝)
हल :
(a) माना
y = sinx cos2x …(i)
उच्छिष्ट्र तथा निम्पिनु मान के लिए
x = पर फालन का निम्निष्ठ मान
अत: फलने x = पर उच्चिष्त होगा
फलन का उच्च मान ।
इसी प्रकार cosx = पर ज्ञात किया था सकता है।
(b) माना y = a sec x + b cosec x
उन्विष्ठ तथा निम्निष्ट मान के लिए
a sec x.tan x – 6 cosec x.cot x = 0
अत: फलन
पर उच्चिष्ट होगा।
फलान का उच्चिष्ठ मान
(c) माना y = (x)1/x
logy =
अवकलन करने पर,
y के उच्चिष्ठ या निम्नष्ठि मान के लिए,
अत: x = e पर फलन ब्दष्ठ हैं।
दिए गये फलन (x)1/x में x = e रखने पर फलन का उच्चिष्ठ मान = (e)1/e
(d) मान लीजिए y =
उच्चष्ठ या निम्निष्ठ मान के लिए
∴ x = e पर फलन का मान उच्चष्ठ है।
x = e पर फलन का उच्चिष्ठ मान
प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि x = cos x के लिए , मान इच्छिष्ठ है।
हल :
यदि x के किसी मान के लिए , उच्चिष्ठ हैं, तब इसका व्युत्क्रम निन्निष्ट होगा।
माना
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
y के उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ मान के लिए
जोकि धनात्मक है।
अतः x = cos x पर निम्निष्ठ है।
⇒ x = cos x पर फलन उच्छिष्ठ है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए फलन sin (1 + cos x) का मान cos x = पर उच्चिष्ठ है।
हल :
माना
y = sin x.(1 + cos )
= sin x + sin x.cos x
= sin x + sin 2x
अवकलन करने पर
= cos x + cos 2x
पुन: अवकलन करने पर
= – sin x – 2 sin 2x
उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ट मान के लिए
अतः फलने या पर उच्चिष्ट होगा।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि फलन y = sinp θ.cosq θ का मान tan θ = , पर उच्छिष्ठ है।
हल :
माना y = sinp x cosq x
उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ मान के लिए
y( – q tan x + p cot x) = 0
= -y{(q + p) + (p + q)} + 0
= -2y(p + q)
= -2(sinp x cosq x) (p + q)
= -ive
अतः y का मान उच्चिष्ठ होगा।
अतः y अर्थात् sinp x cosq x का मान उच्चिष्ठ होगा यदि
इति सिद्धम्।
Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Chapter 8 विविध
प्रश्न 1.
यदि बेलन की त्रिज्या r तथा ऊँचाई h हैं तब त्रिज्या के सापेक्ष पृष्ठीय क्षेत्रफल में परिवर्तन की दर ज्ञात कीजिए।
हल :
बेलन की त्रिज्या = r
तथा ऊँचाई = h
त्रिज्या के सापेक्ष पृष्ठीय क्षेत्रफल में परिवर्तन की दर
=
बेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल S = 2πr² + 2πrh
प्रश्न 2.
फ्लन y = x3 + 21 के लिए x तथा y के मान ज्ञात कीजिए, जबकि y में परिवर्तन की दर x में परिवर्तन की दर का तीन गुना है।
हल :
फलन y = x3 + 21
t के सापेक्ष अवकलन करने पर
समीकरण (i) व (ii) की तुलना से,
3x² = 3
⇒ x = ± 1
समीकरण का y = x3 + 21 में,
x = ± 1 रखने पर,
y = (1 + 1)3 + 21
= 1 + 21 = 22
x = – 1 रखने पर,
y(-1)3 + 21 = – 1 + 21 = 20
अत: x = ± तथा y = 22, 20
प्रश्न 3.
सिद्ध कीजिए कि चरघातांकी फलन ex वर्धमान फलन है।
हल :
माना y = ex
तो = ex
= +ive ∀x∈R
अत: x ∈ R के लिए e एक वर्धमान फलन है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए कि फलन f(x) = log (sin x) अन्तराल में वर्धमान तथा अन्तराल में हासमान है।
हल :
F(x) = log (sin x)
x के सापेक्ष अवकलन करने पर
प्रश्न 5.
यदि वक्र √x – √y = √a के किसी बिन्दु पर स्पर्श रेखा OX तथा OY को क्रमशः बिन्दुओं P तथा Q पर काटे तो सिद्ध कीजिए OP + OQ = a, जहाँ O मूल बिन्दु है।
हुल :
दिया है, वक़ का समीकरण √x – √y = √a …(i)
माना वक़ के लिए (h,k) पर स्पर्श रेखा OX तथा OY अक्षों को क्रमश: P और Q बिन्दुओं पर काटती है।
बिद् (h, k) वक़ पर स्थित है।
इसलिए
√x – √y = √a …..(ii)
समीकरण (i) के दोनों पक्षों का x के सापेक्ष अवकलन करने पर हम पतो हैं।
∴ वक्र के विन्दु (h,k) पर स्पर्श रेखा की प्रवणता
अतः सूत्र y – y1 = m(x – x) से वक़ के बिन्दु (h, k) पर स्पर्श रेखा का समीकरण
यह समीकरण (i) का रूप हैं।
A = √ah, B = √ak
∵ स्पर्श रेखा (iii) OX तथा OY को क्रमश: विन्दुओं P तथा Q पर काटती है।
∴ OP = स्पर्श रेखा द्वारा x-अक्ष पर काटा गया अंत:खंड
= A = √ah
तथा OQ = स्पर्श रेखा द्वारा y-अक्ष पर काटा गया अंत:खंड
= B = – √ak
⇒ OP + OQ = √ah – √ak
= √a (√h – √k)
= √a.√a = a [(ii) के प्रयोग से]
इति सिद्धम्।
प्रश्न 6.
वक्र y = cos (x + y), x ∈ [- 2π, 2π] की स्पर्श रेखाओं के समीकरण कीजिए जो रेखा x + 2y = 0 के समान्तर है।
हल :
y = cos (x + y)
∵ दिए गए वक्र की स्पर्श रेखा x + 2y = 0 के सर्मातर है जिसकी प्रवणता है।
अत: दिए गए वक्र के केवल बिन्दुओं और
पर स्पर्श रेखाएँ, रेखा x + 2y = 0 के समांतर है। स्पर्श रेखाओं के समीकरण
अत: समी. (i) व (ii) ही स्पर्श रेखाओं के अभीष्ट समीकरण हैं।
प्रश्न 7.
एक घनाकार सन्दूक के आयतन की गणना में प्रतिशत त्रुटि ज्ञात कीजिए, जबकि घन की कोर की लम्बाई में त्रुटि 5 प्रतिशत होती है।
हल :
माना कि घन की भुजा x तथा आयतन V है।
घन का आयतन V = x³
V से भाग देने पर,
अतः आयतन में प्रतिशत त्रुटि
= 3 x 5 = 15%
प्रश्न 8.
धातु की एक वृत्ताकार चादर का ताप से इस प्रकार विस्तार होता है कि इसकी त्रिज्या में 2 प्रतिशत की वृद्धि होती है, इसके क्षेत्रफल में निकटतम वृद्धि ज्ञात कीजिए, जबकि ताप से पूर्व चद्दर की त्रिज्या 10 सेमी है।
हल :
माना कि वृत्ताकार चादर को त्रिज्या r सेमी तथा क्षेत्रफल S है।
तो, (प्रश्न से)
वृत्ताकार चादर का पृष्ठीय क्षेत्रफल
S = πr²
∆S = 4π वर्ग सेमी
अत: क्षेत्रफल में निकटतम वृद्धि 4π वर्ग होती है।
प्रश्न 9.
सिद्ध कीजिए कि गोले के अन्तर्गत सबसे बड़े शंकु का आयतन, गौले के आयतन का होता है।
हल :
माना ABC एक शंकु है जो 8 त्रिज्या के गोले के अन्तर्गत बना है।
O गोले का केन्द्र है।
अतः OA = OB = OQ = R (गोले की त्रिज्या)
पुन: माना PQ = x ⇒ OP = (R – x)
तब AP = AO + OP
⇒ AP = R + R – x = 2R – x
अत:शंकु की ऊँचाई (h) = 2R – x
शंकु की त्रिज्या (r),
माना शंकु का आयतन V है, तब
x के सापेक्ष अवकलन करने पर,
महत्तम आयतन के लिए,
समीकरण (i) के दोनों पक्षों का x के सापेक्ष पुन: अवकलन करने पर
अत: शंकु का आयतन महत्तम होगा, जब
पुनः शंकु की ऊँचाई
∴ शंकु का आयतन = x गोले का आयतन।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 10.
सिद्ध कीजिए कि दिए हुए पृष्ठ तथा महत्तम आयतन वाले लम्बवृत्तीय शंकु का अर्द्धशीर्थ कोण होता है।
हल :
माना शंकु की विर्य ऊँचाई = l
ऊँचाई = h
त्रिज्या = r
सम्पूर्ण पृष्ठ = S
आयतन = V
अर्द्धशीर्ष कोण = α
शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ = πr² + πrl
S = πr² + πrl
होता है। हल : माना शंकु की विर्य ऊँचाई = l ऊँचाई = h त्रिज्या = r सम्पूर्ण पृष्ठ = S आयतन = V तथा अर्द्धशीर्ष कोण = α शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ = πr² + πrl स्पष्ट है कि दिये हुए S के लिए जब V उध्विष्ठ तथा निम्निष्ट होगा तभी V² भी उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ होगा। माना V² = Z Z का मान उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ होगा, जब ∵ इस स्थिति में Z उच्चिष्ट है। समीकरण (i) में S = 4πr² रखने पर यदि α अर्द्धशीर्ष कोण है, तब अत: जब शंकु का अर्द्धशीर्थ कोण है तो आयतन महत्तम है।” srcset=”https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10-.png 412w, https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10–300×245.png 300w, https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10–380×310.png 380w, https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10–251×205.png 251w”>
स्पष्ट है कि दिये हुए S के लिए जब V उध्विष्ठ तथा निम्निष्ट होगा तभी V² भी उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ होगा।
माना V² = Z
होता है। हल : माना शंकु की विर्य ऊँचाई = l ऊँचाई = h त्रिज्या = r सम्पूर्ण पृष्ठ = S आयतन = V तथा अर्द्धशीर्ष कोण = α शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ = πr² + πrl स्पष्ट है कि दिये हुए S के लिए जब V उध्विष्ठ तथा निम्निष्ट होगा तभी V² भी उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ होगा। माना V² = Z Z का मान उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ होगा, जब ∵ इस स्थिति में Z उच्चिष्ट है। समीकरण (i) में S = 4πr² रखने पर यदि α अर्द्धशीर्ष कोण है, तब अत: जब शंकु का अर्द्धशीर्थ कोण है तो आयतन महत्तम है।” srcset=”https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10-1-1.png 249w, https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10-1-1-237×205.png 237w”>
Z का मान उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ होगा, जब
होता है। हल : माना शंकु की विर्य ऊँचाई = l ऊँचाई = h त्रिज्या = r सम्पूर्ण पृष्ठ = S आयतन = V तथा अर्द्धशीर्ष कोण = α शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ = πr² + πrl स्पष्ट है कि दिये हुए S के लिए जब V उध्विष्ठ तथा निम्निष्ट होगा तभी V² भी उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ होगा। माना V² = Z Z का मान उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ होगा, जब ∵ इस स्थिति में Z उच्चिष्ट है। समीकरण (i) में S = 4πr² रखने पर यदि α अर्द्धशीर्ष कोण है, तब अत: जब शंकु का अर्द्धशीर्थ कोण है तो आयतन महत्तम है।” srcset=”https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10-1-2.png 403w, https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10-1-2-300×208.png 300w, https://rajboardexam.in/wp-content/uploads/2020/05/10-1-2-267×185.png 267w”>
∵ इस स्थिति में Z उच्चिष्ट है।
समीकरण (i) में S = 4πr² रखने पर
होता है। हल : माना शंकु की विर्य ऊँचाई = l ऊँचाई = h त्रिज्या = r सम्पूर्ण पृष्ठ = S आयतन = V तथा अर्द्धशीर्ष कोण = α शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ = πr² + πrl स्पष्ट है कि दिये हुए S के लिए जब V उध्विष्ठ तथा निम्निष्ट होगा तभी V² भी उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ होगा। माना V² = Z Z का मान उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ होगा, जब ∵ इस स्थिति में Z उच्चिष्ट है। समीकरण (i) में S = 4πr² रखने पर यदि α अर्द्धशीर्ष कोण है, तब अत: जब शंकु का अर्द्धशीर्थ कोण है तो आयतन महत्तम है।”>
यदि α अर्द्धशीर्ष कोण है, तब
होता है। हल : माना शंकु की विर्य ऊँचाई = l ऊँचाई = h त्रिज्या = r सम्पूर्ण पृष्ठ = S आयतन = V तथा अर्द्धशीर्ष कोण = α शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ = πr² + πrl स्पष्ट है कि दिये हुए S के लिए जब V उध्विष्ठ तथा निम्निष्ट होगा तभी V² भी उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ होगा। माना V² = Z Z का मान उच्चिष्ठ या निम्निष्ठ होगा, जब ∵ इस स्थिति में Z उच्चिष्ट है। समीकरण (i) में S = 4πr² रखने पर यदि α अर्द्धशीर्ष कोण है, तब अत: जब शंकु का अर्द्धशीर्थ कोण है तो आयतन महत्तम है।”>
अत: जब शंकु का अर्द्धशीर्थ कोण है तो आयतन महत्तम है।