Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा

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Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
5 वोल्ट की बैटरी से यदि किसी चालक में 2 ऐम्पीयर की धारा प्रवाहित की। जाती है तो चालक का प्रतिरोध होगा-
(क) 3 ओम
(ख) 2.5 ओम
(ग) 10 ओम
(घ) 2 ओम

प्रश्न 2.
प्रतिरोधकता निम्न में से किस पर निर्भर करती है?
(क) चालक की लम्बाई पर
(ख) चालक के अनुप्रस्थ काट पर
(ग) चालक के पदार्थ पर
(घ) इसमें से किसी पर नहीं

प्रश्न 3.
वोल्ट किसका मात्रक है
(क) धारा
(ख) विभवान्तर
(ग) आवेश
(घ) कार्य

प्रश्न 4.
एक विद्युत परिपथ में 1Ω, 2Ω व 3Ω के तीन चालक तार श्रेणीक्रम में लगे हैं। इसका तुल्य प्रतिरोध होगा
(क) 1 ओम से कम
(ख) 3 ओम से कम
(ग) 1 ओम से ज्यादा
(घ) 3 ओम से ज्यादा

प्रश्न 5.
भारत में प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति है
(क) 45 हज
(ख) 50 हज
(ग) 55 हज
(घ) 60 हर्ट्ज

प्रश्न 6.
विभिन्न मान के प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में जोड़कर उन्हें विद्युत स्रोत से जोड़ने पर प्रत्येक प्रतिरोध तार में
(क) धारा और विभवान्तर का मान भिन्न-भिन्न होगा
(ख) धारा और विभवान्तर का मान समान होगा
(ग) धारा भिन्न-भिन्न होगी परन्तु विभवान्तर एक समान होगी।
(घ) धारा समान होगी परन्तु विभवान्तर भिन्न-भिन्न होगा

प्रश्न 7.
किसी विद्युत परिपथ में 0.5 सेकण्ड में 2 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है। विद्युत धारा का मान ऐम्पीयर में होगा
(क) 1 ऐम्पीयर
(ख) 4 ऐम्पीयर
(ग) 1.5 ऐम्पीयर
(घ) 10 ऐम्पीयर

प्रश्न 8.
विद्युत के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित युक्ति नहीं है
(क) हीटर
(ख) प्रेस
(ग) टोस्टर
(घ) रेफ्रीजिरेटर

उत्तरमाला-
1. (ख)
2. (ग)
3. (ख)
4. (घ)
5. (ख)
6. (ग)
7. (ख)
8. (घ)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 9.
विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता का मात्रक क्या होता है?
उत्तर-
ओम X मीटर

प्रश्न 10.
विद्युत धारा की परिभाषा दीजिये।
उत्तर-
”किसी भी विद्युत परिपथ में किसी बिन्दु से इकाई समय में गुजरने वाले आवेश की मात्रा को विद्युत धारा कहते हैं।” अथवा “आवेशों में प्रवाह की दर को ही विद्युत धारा कहते हैं।”
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 10

प्रश्न 11.
विद्युत विभव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
”किसी बिन्दु पर विद्युत विभव अनन्त से एकांक धन आवेश को उस बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य के बराबर होता है।”

प्रश्न 12.
1 ओम प्रतिरोध किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि किसी चालक तार में 1 ऐम्पीयर की धारा प्रवाहित करने पर उसके सिरों के मध्य 1 वोल्ट विभवान्तर उत्पन्न होता है तो उस चालक तार का प्रतिरोध 1 ओम कहलाता है।

प्रश्न 13.
प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट पर कैसे निर्भर करता है?
उत्तर-
प्रतिरोध (R) अनुप्रस्थ काट (A) के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात् R ∝  \frac { 1 }{ A }

प्रश्न 14.
प्रतिरोधकता की परिभाषा दीजिये।
उत्तर-
हम जानते हैं- K=\frac { RA }{ L }
यदि A = 1 मीटर², L = 1 मीटर तब K = R
” अर्थात् इकाई लम्बाई व इकाई अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाले तार का प्रतिरोध ही विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता कहलाती है।”

प्रश्न 15.
विद्युत शक्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर-
“किसी विद्युत परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर प्रति सेकण्ड में किया गया कार्य विद्युत शक्ति कहलाता है।”
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प्रश्न 16.
एक विद्युत बल्ब पर 100 W – 220 V लिखा है। इसका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
यह बल्ब 220 वोल्ट पर एक सैकण्ड में 100 वाट सैकण्ड विद्युत ऊर्जा लेगा या एक घण्टे में 100 वाट घण्टा ऊर्जा लेगा।

प्रश्न 17.
घरों में विद्युत का संयोजन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-
समान्तर क्रम में

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 18.
प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम संयोजन व समान्तर क्रम संयोजन में क्या अन्तर है?
उत्तर-
श्रेणीक्रम एवं समान्तर क्रम संयोजन में अन्तर–
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प्रश्न 19.
विद्युत शक्ति किसे कहते हैं? इसके लिए आवश्यक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
किसी विद्युत परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर प्रति सेकण्ड में किया गया कार्य विद्युत शक्ति कहलाता है।
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प्रश्न 20.
दो प्रतिरोध तार एक ही पदार्थ के बने हुए हैं। इनकी लम्बाइयाँ समान हैं। यदि इनके अनुप्रस्थ काटों के क्षेत्रफल का अनुपात 2:11 है तो इनके प्रतिरोधों का अनुपात ज्ञात करो।
उत्तर-
दिया गया है कि दोनों तार समान पदार्थ के बने हैं अतः उनकी प्रतिरोधकता समान होगी अर्थात्
ρ1 = ρ2 = ρ
तथा लम्बाई भी समान है।
इसलिए l1 = l2 = l
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लेकिन दिया गया है कि
A1 : A2 = 2 : 11
अतः R1 : R2 = 11 : 2 Ans.

प्रश्न 21.
विद्युत विभव व विभवान्तर को परिभाषित करो।
उत्तर-
विद्युत विभव-“एकांक धन आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक बिना त्वरित किये लाने में जो कार्य होता है उस बिन्दु पर विद्युत विभव कहलाता है।”
यदि किसी धन आवेश Q को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य W हो तो उस बिन्दु पर विद्युत विभव V होगा।
V=\frac { W }{ Q }
यदि W = 1 जूल और Q= 1 कूलॉम हो तो
V =  \frac { 1 }{ 1 }  = 1 वोल्ट होगा।
अर्थात् 1 कूलॉम आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में 1 जूल कार्य करना पड़ता है तो उस बिन्दु का विभव 1 वोल्ट होता है।
विभवान्तर विद्युत क्षेत्र में किसी एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक एकांक धन आवेश को बिना त्वरित किये ले जाने के लिए जितना कार्य करना पड़ता है, वह उन दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर होता है।
अतः दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 21
वैद्युत विभवान्तर का SI मात्रके वोल्ट होता है। विभवान्तर की माप एक यंत्र द्वारा की जाती है, जिसे वोल्टमीटर कहते हैं।

प्रश्न 22.
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र एवं दिष्ट धारा जनित्र में क्या अन्तर हैं?
उत्तर-
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र तथा दिष्ट धारा जनित्र में अन्तर
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प्रश्न 23.
दक्षिणावर्त हस्त का नियम लिखो।
उत्तर-
दक्षिण हस्ते का नियम (Right handed law)-इस नियम के अनुसार धारावाही चालक को दाहिने हाथ से इस प्रकार पकड़े कि अंगूठा धारा की दिशा में रहे तो मुड़ी हुई अंगुलियां चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करेंगी।
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प्रश्न 24.
1 किलोवाट घंटा में जूल की संख्या ज्ञात करो।
उत्तर- 1 किलोवाट घण्टा = 103 x 60 x 60 वाट x सेकण्ड
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= 36 x 105 जूल

प्रश्न 25.
जूल के तापन के नियम लिखो।
उत्तर-
जूल के ऊष्मीय नियमानुसार किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित करने से उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा अग्रलिखित आधारों पर निर्भर करती है

  1. उत्पन्न ऊष्मा दिये गये प्रतिरोध तार में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के वर्ग के समानुपाती होती है।
    H ∝ I²
  2. उत्पन्न ऊष्मा दिये गये प्रतिरोध के समानुपाती होती है।
    H ∝ R
  3. उत्पन्न ऊष्मा प्रतिरोध में धारा प्रवाह के समय t समानुपाती होती है।
    H ∝ t
    इसलिए उपर्युक्त तीनों मिलाने पर
    H ∝ I²Rt

प्रश्न 26.
ओम के नियम का प्रायोगिक सत्यापन का परिपथ का नामांकित चित्र बनाओ।
उत्तर-
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चित्र-ओम नियम का प्रायोगिक सत्यापन का परिपथ का चित्र

निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 27.
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र की बनावट एवं कार्य विधि समझाइये। आवश्यक नामांकित चित्र बनाओ।
उत्तर-
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र-शादी विवाह में मैरिज हॉल या मैरिज गार्डन में आपने देखा होगा, जब बिजली बन्द हो जाती है तो लाइट डेकोरेशन को चालित करने के लिए हॉल या गार्डन के बाहर डीजल से चलने वाली एक युक्ति होती है, जिसे प्रत्यावर्ती धारा जनित्र कहते हैं।

“वास्तव में प्रत्यावर्ती धारा जनित्र एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक ऊर्जा को प्रत्यावर्ती ऊर्जा में बदलता है।”

सिद्धान्त-
विद्युत जनित्र, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करता है। जब किसी शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र में किसी कुण्डली को घुमाया जाता है, तो उसमें से होकर गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स में लगातार परिवर्तन होता रहता है। इसके कारण कुण्डली में एक विद्युत वाहक बल तथा विद्युत धारा प्रेरित हो जाती है।

कुण्डली को घुमाने में जो कार्य किया जाता है, वह विद्युत ऊर्जा के रूप में बदल जाता है। यही विद्युत जनित्र का सिद्धान्त है।
बनावट-विद्युत जनित्र के निम्न भाग होते हैं

  • क्षेत्र चुम्बक- यह एक शक्तिशाली विद्युत चुम्बक होता है, जिसकी कुण्डली में दिष्ट धारा प्रवाहित करके इसको चुम्बक बनाया जाता है।
  • आर्मेचर- यह एक आयताकार कुण्डली होती है, जिसे कच्चे लोहे के क्रोड पर पृथक्कृत ताँबे के तार को लपेटकर बनाया जाता है। अग्र चित्र में इसे ABCD से दिखाया गया है। इस कुण्डली को ध्रुवों N व S के बीच रखा जाता है।
  • सपवलय- कुण्डली के तार के दोनों सिरे धातु के दो वलयों R1 तथा R2 से संयोजित होते हैं एवं आर्मेचर के साथ-साथ घूमते हैं। इनको सवलय (Slip Rings) कहते हैं। ये परस्पर तथा धुरादण्ड से पृथक्कत होते हैं।
  • ब्रश- सवलय दो कार्बन की पत्तियों को स्पर्श करते रहते हैं, जिन्हें ब्रश कहते हैं। चित्र में इन्हें B1 वे B2 से दिखाया गया है। ये ब्रश स्थिर रहते हैं तथा इनको क्रमशः वलयों R1 व R2 पर दबाकर रखा जाता है। दोनों ब्रशों के बाहरी सिरे, बाहरी परिपथ में विद्युत धारा के प्रवाह को दर्शाने के लिए गैल्वेनोमीटर से संयोजित होते हैं।

कार्यविधि- जब दो वलयों से जुड़ी धुरी को इस प्रकार घुमाया जाता है कि कुण्डली की भुजा AB ऊपर की ओर तथा भुजा CD नीचे की ओर, स्थायी चुम्बक द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में गति करती है तो कुण्डली चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं को काटती है। माना कि कुण्डली ABCD को चित्र में दिखाये अनुसार दक्षिणावर्त घुमाया जाता है, तब फ्लेमिंग के दायें हाथ के नियमानुसार, इन भुजाओं में AB तथा CD दिशाओं के अनुदिश प्रेरित विद्युत धाराएँ प्रवाहित होने लगती हैं। इस प्रकार, कुण्डली में ABCD दिशा में प्रेरित विद्युत धारा प्रवाहित होती है। यदि कुण्डली में फेरों की संख्या अधिक है तो प्रत्येक फेरे में उत्पन्न प्रेरित विद्युत धारा परस्पर संकलित होकर कुण्डली में एक शक्तिशाली विद्युत धारा का निर्माण करती है और बाह्य परिपथ में विद्युत धारा B2 से B1 की दिशा में प्रवाहित होती है।

जैसे ही कुण्डली अपनी अर्धघूर्णन स्थिति से गुजरेगी भुजा AB नीचे की ओर तथा भुजा CD ऊपर की ओर जाने लगती है। फलस्वरूप इन दोनों भुजाओं में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा परिवर्तित हो जाती है और DCBA के अनुदिश नेट प्रेरित विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इस प्रकार अब बाह्य परिपथ में B1 से B2 की दिशा में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। अतः प्रत्येक आधे घूर्णन के बाद इन भुजाओं में विद्युत धारा की ध्रुवता परिवर्तित होती रहती है। इस प्रकार की धारा ‘प्रत्यावर्ती धारा (अर्थात् ac) कहलाती है तथा विद्युत उत्पन्न करने की इस युक्ति को प्रत्यावर्ती विद्युत धारा जनित्र’ (ac जनित्र) कहते हैं।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 27

ब्रशों का कार्य–विद्युत जनित्र में ताँबे की दो पत्तियाँ B1 तथा B2 सर्दीवलयों (R1 एवं R2) से जुड़ी रहती हैं, इन्हें ब्रश कहते हैं। ये घूमने वाली कुण्डली में प्रत्येक आधे चक्कर के बाद बाह्य परिपथ में धारा की दिशा बदल देते हैं।

प्रश्न 28.
श्रेणीक्रम संयोजन का परिपथ चित्र बनाते हुए तुल्य प्रतिरोध का आवश्यक सूत्र स्थापित करो।
उत्तर-
श्रेणीक्रम संयोजन-प्रतिरोधकों का श्रेणीक्रम संयोजन में एक परिपथ में समान मात्रा में धारा का प्रभाव होता है। इसमें विभवान्तर का योग कुल विभवान्तर के समान होता है। चित्र में तीन प्रतिरोध R1, R2 व R3 श्रेणीक्रम में संयोजित किये गये हैं। प्रतिरोध R1 का पहला सिरा परिपथ से, R1 का दूसरा सिरा R2 के पहले सिरे से, R2 का दूसरा सिरा R3 के पहले सिरे से तथा R3 का दूसरा सिरा परिपथ से संयोजित हैं।

प्रत्येक प्रतिरोध R1, R2, R3 के समान्तर क्रम में क्रमशः वोल्ट मीटर V1, V2, V3 संयोजित हैं। सेल E, अमीटर A तथा कुंजी K परिपथ में श्रेणीक्रम क्रम में संयोजित हैं। कुंजी K को लगाने पर परिपथ में सेल E से धारा I प्रवाहित होती है तथा बिन्दु P व Q के मध्य विभवान्तर उत्पन्न होता है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 28
श्रेणीक्रम संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध R1, R2, R3, में प्रवाहित धारा (I) का मान समान होगा, लेकिन प्रतिरोधों का मान अलग-अलग होने से प्रत्येक परिपथ के सिरों पर विभवान्तर अलग-अलग क्रमशः V1, V2, V3 होगा। ओम के नियम से–
V1 = R1I
V2 = R2I
V3 = R3I
(V1,V2,V3)…..(i)
तीनों प्रतिरोध तारों का कुल विभवान्तर V हो तो
V = V1 + V2 + V3 …..(ii)
यदि सम्पूर्ण परिपथ का तुल्य प्रतिरोध R हो तो
V = RI
समीकरण (i), (ii) व (iii) से–
RI = R1I + R2I + R3I
या RI = I{R1 + R2 + R3}
या R = R1 + R2 + R3
∴ Rs = R1 + R2 + R3
अर्थात् प्रतिरोध तारों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर सभी तारों का तुल्य प्रतिरोध प्रत्येक तार प्रतिरोध के जोड़ के बराबर होता है और इस प्रकार संयोजन का प्रतिरोध किसी भी व्यष्टिगत प्रतिरोध के प्रतिरोध से अधिक होता है।
तीन से अधिक प्रतिरोध होने पर
R = R1 + R2 + R3 + ………. + Rn
अथवा
Rs = R1 + R2 + R3 + R4 +………. + Rn

प्रश्न 29.
समान्तर क्रम संयोजन का आवश्यक परिपथ बनाते हुए तुल्य प्रतिरोध का सूत्र ज्ञात करो।
उत्तर-
समान्तर क्रम संयोजन-चित्र में तीन प्रतिरोध R1, R2, R3 समान्तर क्रम में संयोजित किये गये हैं। प्रत्येक प्रतिरोध का पहला सिरा एक साथ संयोजित करके A बिन्दु पर एवं प्रत्येक प्रतिरोध का दूसरा सिरा एक साथ संयोजित करके B बिन्दु पर परिपथ में चित्र के अनुसार संयोजन किये गये हैं। इस प्रकार के संयोजन को समान्तर क्रम में संयोजन कहते हैं।
समान्तर क्रम संयोजन का तुल्य प्रतिरोध का सूत्र
तीनों प्रतिरोधों के समान्तर क्रम में वोल्ट मीटर (V) तथा परिपथ में कुल प्रवाहित धारा के मान ज्ञात करने हेतु अमीटर A श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है।
समान्तर क्रम में प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित धारा का मान अलग-अलग होगा परन्तु प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर समान होगा।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 29
यदि प्रतिरोध R1, R2, R3 में प्रवाहित धारा का मान क्रमशः I1, I2, I3 हो तथा परिपथ में विभवान्तर V हो तो ओम के नियमानुसार
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 29.1
परिपथ में कुल धारा I = I1 + I2 + I3 …..(ii)
समीकरण (i) का मान ii) में रखने पर
I=\frac { V }{ { R }_{ 1 } } +\frac { V }{ { R }_{ 2 } } +\frac { V }{ { R }_{ 3 } }   …..(iii)
यदि A तथा B बिन्दुओं के बीच तुल्य प्रतिरोध का मान R हो तो
I=\frac { V }{ R }  …..(iv)
समीकरण (iii) व (iv) की तुलना करने पर
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 29.2
अर्थात् समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधों के समूह के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम पृथक् प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है।
तीन से अधिक प्रतिरोध होने पर अर्थात् n प्रतिरोध होने पर
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 29.3

यदि किसी परिपथ में दो प्रतिरोध तार लगे हों तो
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 29

आंकिक प्रश्न
प्रश्न 30.
1Ω, 2Ω व 3Ω के तीन प्रतिरोधों के संयोजन से प्राप्त अधिकतम व न्यूनतम प्रतिरोध ज्ञात करो।
हल-
अधिकतम प्रतिरोध हमें श्रेणीक्रम में प्राप्त होता है।
∴R = R1 + R2 + R3 से
R = 1Ω + 2Ω + 3Ω = 6Ω Ans.
न्यूनतम प्रतिरोध हमें समान्तर क्रम में प्राप्त होता है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 30

प्रश्न 31.
यदि किसी चालक तार में 10 मिली ऐम्पीयर की धारा प्रवाहित करने पर इसके सिरों पर 2.5 वोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न होता है तो चालक तार का प्रतिरोध ज्ञात करो।
हल-
दिया है
I = 10 मिली ऐम्पीयर
= 10 x 10-3 ऐम्पीयर
V = 2.5 वोल्ट
R = ?
ओम के नियम से V = IR
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 31

प्रश्न 32.
निम्न परिपथों में A व B के मध्य तुल्य प्रतिरोध ज्ञात करो
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32
हल-
(a) यहाँ पर हमें A व B के मध्य तुल्य प्रतिरोध ज्ञात करना है।
सरलतम रूप में परिपथ बनाने पर
(2Ω + 2Ω) समान्तर 2Ω के हैं।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.1
R = R1 + R2
∴R = 2Ω + 2Ω
= 4Ω
समान्तर क्रम के लिए (A तथा B के बीच.तुल्य प्रतिरोध का मान)
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.2
(b) दिये गये परिपथ में 2Ω के दो प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं, ऐसे दो संयोजन समान्तर क्रम में संयोजित हैं। इस परिपथ को निम्न प्रकार दर्शाया जा सकता है
परिपथ का सरलतम रूप बनाने पर
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.3
यहाँ पर (2Ω + 2Ω) समान्तर है (2Ω + 2Ω) के श्रेणीक्रम के लिए।
R = R1 + R2 से
R = 2Ω + 2Ω = 4Ω
समान्तर क्रम में (A व B के बीच तुल्य प्रतिरोध का मान)
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.4
(c) परिपथ का सरलतम रूप बनाने पर।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.8
यहाँ पर भी (2Ω + 2Ω) समान्तर है (2Ω + 2Ω) के
श्रेणीक्रम के लिए, R = R1 + R2 से।
= 2Ω + 2Ω = 4Ω
समान्तर क्रम में (A व B के बीच तुल्य प्रतिरोध का मान)
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.5
(d) समान्तर क्रम के
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.6
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 32.7

प्रश्न 33.
एक 1500 वाट की निमज्जन छड़ प्रतिदिन 3 घंटे पानी गर्म करने में काम में आती है। यदि एक यूनिट विद्युत ऊर्जा का मूल्य 5.00 रुपए है। तो 30 दिन में उपयोग हुई विद्युत का मूल्य कितना होगा?
हल-
दिया है- P= 1500 वाट
t = 3 घण्टे
खपत विद्युत ऊर्जा प्रतिदिन
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 33
हम जानते हैं
1 KWh = 1 यूनिट
इसलिए 1 दिन की खपत ऊर्जा = 4.5 यूनिट
30 दिन की खपत ऊर्जा = 4.5 x 30 = 135 यूनिट
अतः विद्युत का मूल्य = 135 x 5 रुपये।
= 675 रुपये Ans.

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते हैं
(अ) जनित्र
(ब) गैल्वेनोमीटर
(स) ऐमीटर
(द) मीटर

प्रश्न 2.
किसी ac जनित्र तथा dc जनित्र में एक मूलभूत अंतर यह है कि
(अ) ac जनित्र में विद्युत चुंबक होता है जबकि dc मोटर में स्थायी चुंबक होता है।
(ब) dc जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(स) ac जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(द) ac जनित्र में सवलय होते हैं जबकि dc जनित्र में दिकुपरिवर्तक होता है।

प्रश्न 3.
एक चालक तार में धारा प्रवाहित करने से उत्पन्न चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा होती है, चालक के
(अ) लम्बवत् बाहर की ओर
(ब) लम्बवत् अन्दर की ओर
(स) समानान्तर
(द) चारों ओर वृत्ताकार

प्रश्न 4.
चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक है
(अ) वेबर
(ब) ऐम्पियर
(स) वोल्ट
(द) वेबर-मीटर

प्रश्न 5.
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र के आर्मेचर में प्रेरित विद्युत वाहक बल निर्भर करता
(अ) केवल आर्मेचर के घूर्णन पर
(ब) केवल आर्मेचर के घेरों की संख्या पर
(स) केवल आर्मेचर के क्षेत्रफल पर
(द) आर्मेचर के घूर्णन वेग, घेरों की संख्या एवं क्षेत्रफल पर

प्रश्न 6.
विद्युत तथा चुम्बकत्व के मध्य सम्बन्ध की खोज किसने की ?
(अ) न्यूटन
(ब) फैराडे
(स) मैक्सवैल
(द) ओरस्टेड

प्रश्न 7.
‘ओम x मीटर’ निम्नलिखित में से राशि का मात्रक है
(अ) प्रतिरोध
(ब) प्रतिरोधकता
(स) धारा
(द) विभवान्तर

प्रश्न 8.
विभिन्न मान के प्रतिरोध तारों को श्रेणीक्रम में जोड़कर उन्हें विद्युत स्रोत से सम्बद्ध करने पर प्रत्येक प्रतिरोध में
(अ) धारा और विभवान्तर का मान भिन्न-भिन्न होता है।
(ब) धारा और विभवान्तर का मान समान होता है।
(स) धारा समान बहती है लेकिन प्रत्येक का विभवान्तर भिन्न-भिन्न होता है।
(द) धारा का मान भिन्न-भिन्न होता है लेकिन सभी पर विभवान्तर समान होता है।

प्रश्न 9.
विद्युत परिपथ में धारा का मापन करने वाला उपकरण है
(अ) धारा नियंत्रक
(ब) वोल्टमीटर।
(स) अमीटर
(द) ओममीटर

प्रश्न 10.
किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध निर्भर करता है
(अ) चालक की लम्बाई पर।
(ब) चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
(स) चालक के पदार्थ पर
(द) चालक की आकृति पर

उत्तरमाला–
1. (अ)
2. (द)
3. (द)
4. (अ)
5. (द)
6. (द)
7. (ब)
8. (स)
9. (स)
10. (स)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
किसी विद्युत धारा के सतत तथा बन्द पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं। इसमें एक विभवान्तर स्रोत अथवा विद्युत ऊर्जा (अर्थात् सेल अथवा बैटरी) तथा एक विद्युत ऊर्जा को व्यय करने वाला उपकरण अवश्य लगा होता है।

प्रश्न 2.
उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाये रखने में सहायता करती है।
उत्तर-
विद्युत सेल या बैटरी।

प्रश्न 3.
यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 1V है?
उत्तर-
इसका अर्थ है कि किसी विद्युत धारावाही चालक के दो बिन्दुओं के बीच एक कूलॉम आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1 जूल कार्य करना होगा।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 3

प्रश्न 4.
6V बैटरी से गुजरने वाले एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर-
∵ ऊर्जा = आवेश x विभवान्तर
∴ऊर्जा = 1C x 6V
= 6 जूल
अतः प्रत्येक एक कूलॉम आवेश को 6 जूल (J) ऊर्जा दी जायेगी।

प्रश्न 5.
ओम के नियम के सत्यापन में चालक के लिए विभवान्तर (V) तथा धारा (I) के मध्य कैसा ग्राफ प्राप्त होता है?
उत्तर-
सीधी रेखा।

प्रश्न 6.
ओम के नियम में कौनसी भौतिक राशियाँ नियत रहनी चाहिए?
उत्तर-

  • तार की लम्बाई
  • तार की मोटाई
  • ताप

प्रश्न 7.
समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?
उत्तर-
चूँकि तार का प्रतिरोध R∝ \frac { 1 }{ A }  होता है अतः मोटे तौर पर अनुप्रस्थ क्षेत्रफल अधिक होने से, इसका प्रतिरोध कम होगा। इसलिए मोटे तार से धारा आसानी से प्रवाहित हो जायेगी।

प्रश्न 8.
किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर-
वोल्टमीटर को समानान्तर क्रम में संयोजित किया जाता है।

प्रश्न 9.
दिए गए परिपथ चित्र संयोजन में 10Ω प्रतिरोध से प्रवाहित धारा I2 ज्ञात कीजिए।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 9
उत्तर-
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 9.1

प्रश्न 10.
किसी विद्युत बल्ब के तंतु में से 0.25 एम्पियर विद्युत धारा 20 मिनट तक प्रवाहित होती है। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
I = 0.25 A, t = 20 min = 1200 सेकण्ड
हम जानते हैं- Q = It
= 0.25 x 1200
आवेश = 300 कूलॉम

प्रश्न 11.
किसी विद्युत बल्ब के तन्तु में 300 C आवेश 5 मिनट तक प्रवाहित होता है। विद्युत परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा का परिमाण ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
यहाँ दिया गया है- Q = 300 C तथा t = 5 मिनिट = 5 x 60 = 300 सेकण्ड
हम जानते हैं कि धारा (I) =  \frac { Q }{ t } =\frac { 300 }{ 300 } =1  ऐम्पियर

प्रश्न 12.
किसी परिपथ में 5 मिनट में 60 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है, परिपथ में धारा की गणना कीजिए।
उत्तर-
दिया है- t = 5 मिनट या 5 x 60 = 300 सेकण्ड
Q = 60 कूलॉम
∵ Q = It
∴ t =  \frac { Q }{ t } =\frac { 60 }{ 300 } =1  = 0.2A

प्रश्न 13.
2 ओम, 3 ओम तथा 6 ओम के तीन प्रतिरोधों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध 1 ओम हो।
उत्तर-
तीनों प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम (समानान्तर क्रम) में संयोजित करने पर कुल प्रतिरोध 1 ओम होगा।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 13

प्रश्न 14.
दिए गए विद्युत परिपथ में परिणामी प्रतिरोध कितना है?
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 14
उत्तर-
परिपथ में प्रतिरोध श्रेणी क्रम में संयोजित है। अतः श्रेणीक्रम में कुल प्रतिरोध R = R1 + R2
∴R = 2 + 2 = 4 ओम

प्रश्न 15.
ओम का नियम लिखिए।
उत्तर-
ओम नियम के अनुसार निश्चित ताप पर किसी चालक के सिरों के मध्य विभवान्तर उसमें प्रवाहित होने वाली धारा के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात् V∝I
या V= IR (यहाँ R एक स्थिरांक है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं।)

प्रश्न 16.
प्रतिरोधकता किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर-

  • चालक के पदार्थ पर
  • चालक के ताप पर।

प्रश्न 17.
घरों में प्रयुक्त किये जाने वाले संयंत्रों को किस क्रम में जोड़ा जाता है?
उत्तरे-
समान्तर क्रम में

प्रश्न 18.
यदि समान प्रतिरोध R वाले n तारों को

  1. समान्तर क्रम में
  2. श्रेणीक्रम में जोड़ा जाये तो प्रत्येक दशा में तुल्य प्रतिरोध क्या होगा?

उत्तर-

  1. समान्तर क्रम में =  \frac { R }{ n }
  2. श्रेणीक्रम में = nR

प्रश्न 19.
विद्युत ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर-
विद्युत धारा द्वारा किसी कार्य को करने की क्षमता को विद्युत ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 20.
विद्युत आवेश का मात्रक क्या है?
उत्तर-
कूलॉम।

प्रश्न 21.
इलेक्ट्रॉन पर आवेश का मान लिखिए।
उत्तर-
1.6 x 10-19 कूलॉम।

प्रश्न 22.
अमीटर का प्रतिरोध कितना होता है?
उत्तर-
इसका प्रतिरोध अल्प (लगभग शून्य) होता है।

प्रश्न 23.
यदि किसी परिपथ में एक कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड तक प्रवाहित होता है तो परिपथ में प्रवाहित धारा का मान कितना होगा?
उत्तर-
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 23
∴परिपथ में प्रवाहित धारा = 1 ऐम्पियर

प्रश्न 24.
किसी परिपथ में लगे अमीटर व वोल्ट मीटर किन-किन राशियों का मापन करते हैं?
उत्तर-
अमीटर परिपथ में प्रवाहित धारा के मान को ज्ञात करता है और वोल्ट मीटर परिपथ में दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर ज्ञात करता है।

प्रश्न 25.
जूल/कूलॉम किस भौतिक राशि का मात्रक है?
उत्तर-
विद्युत विभव का।

प्रश्न 26.
अमीटर को विद्युत परिपथ में कौनसे क्रम में लगाया जाता है?
उत्तर-
अमीटर को सदैव परिपथ में श्रेणीक्रम में लगाया जाता है।

प्रश्न 27.
किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता किस बात पर निर्भर करती है?
उत्तर-
पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करती है।

प्रश्न 28.
विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक लिखिए।
उत्तर-
ओम x मीटर।

प्रश्न 29.
ओम के नियम में V-I में खींचा गया ग्राफ किस तरह का होता है?
उत्तर-निक्रोम तार के लिए V-I ग्राफ सरल रेखीय ग्राफ दर्शाता है। जैसेजैसे तार में प्रवाहित विद्युत धारा बढ़ती है, विभवान्तर रैखिकतः बढ़ता है।

प्रश्न 30.
धारा नियंत्रक किसे कहते हैं?
उत्तर-
किसी विद्युत परिपथ में परिपथ के प्रतिरोध को परिवर्तित करने के लिए प्रायः एक युक्ति का उपयोग करते हैं, जिसे धारा नियंत्रक कहते हैं।

प्रश्न 31.
पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
किसी चालक की प्रतिरोधकता उस चालक के प्रतिरोध के बराबर होती है, जिसकी अनुप्रस्थ काट तथा लम्बाई इकाई है। इसका SI मात्रक Ωm है।

प्रश्न 32.
श्रेणीक्रम संयोजन किसे कहते हैं?
उत्तर-
यदि किसी विद्युत परिपथ में R1, R2 तथा R3 प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को जब एक सिरे से दूसरे सिरे को मिलाकर जोड़ा गया हो तो इस संयोजन को श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं।

प्रश्न 33.
पाश्र्वक्रम संयोजन किसे कहते हैं?
उत्तर-
प्रतिरोधकों का एक ऐसा संयोजन जिसमें तीन प्रतिरोध एक साथ बिन्दुओं X तथा Y के बीच संयोजित हों तो इस संयोजन को पावक्रम संयोजन कहते हैं।

प्रश्न 34.
यदि किसी परिपथ में प्रतिरोध का मान घटाना हो तो हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर-
किसी परिपथ में प्रतिरोध घटाने के लिए प्रतिरोध को समानान्तर क्रम में जोड़ा जाता है।

प्रश्न 35.
किस धातु का प्रयोग प्रायः फ्यूज बनाने के लिए किया जाता है?
उत्तर-
ताँबा अथवा टिन-सीसा मिश्र धातु का।

प्रश्न 36.
किसी चालक में उत्पन्न ऊष्मा इसमें प्रवाहित धारा के…………की समानुपाती होती है।
उत्तर-
वर्ग

प्रश्न 37.
किसी चालक में उत्पन्न ऊष्मा चालक के………….की अनुक्रमानुपाती होती है।
उत्तर-
प्रतिरोध।।

प्रश्न 38.
किस संयोजन में तुल्य प्रतिरोध का मान अधिकतम होता है?
उत्तर-
श्रेणीक्रम में।

प्रश्न 39.
प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोधों में कौनसी राशि समान रहती है?
उत्तर-
इस संयोजन में सभी प्रतिरोधी तारों के सिरों पर विभवान्तर (V) समान होता है।

प्रश्न 40.
एक तार को खींचकर उसकी त्रिज्या पहले की आधी कर दी जाती है। अब तार का प्रतिरोध क्या होगा?
उत्तर-
त्रिज्या को आधा करने पर तार के परिच्छेद का क्षेत्रफल एक-चौथाई हो जाता है और लम्बाई चार गुनी हो जाएगी अतः अब तार का प्रतिरोध सोलह गुना हो जाएगा।

प्रश्न 41.
विद्युत मोटर का क्या सिद्धान्त है?
उत्तरे-
विद्युत मोटर का सिद्धान्त-जब किसी कुंडली को चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर उसमें धारा प्रवाहित की जाती है, तो कुंडली पर एक बल युग्म कार्य करने लगता है, जो कुंडली को उसके अक्ष पर घुमाने का कार्य करता है। यही विद्युत मोटर का सिद्धान्त है।

प्रश्न 42.
1 मेगावाट में कितने वाट तथा किलोवाट होते हैं ?
उत्तर-
1 मेगावाट = 106 वाट
1 मेगावाट = 103 किलोवाट

प्रश्न 43.
220 V पर 1 KW विद्युत हीटर या 100 W बल्ब में से किसका प्रतिरोध अधिक होगा?
उत्तर-
100 W बल्ब का प्रतिरोध अधिक होगा, क्योंकि  R=\frac { { V }^{ 2 } }{ P }

प्रश्न 44.
दो बल्बों के प्रतिरोधों का अनुपात 1: 3 है। इनको समान्तर क्रम (पावं क्रम) में एक अचर वोल्ट पर स्रोत से जोड़ा गया है। इनकी शक्तियों में क्या अनुपात होंगे?
उत्तर-
हम जानते हैं  P=\frac { { V }^{ 2 } }{ R }
उपरोक्त सूत्र में V नियत होने पर  P\propto \frac { 1 }{ R }
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 44

प्रश्न 45.
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किस ओर होती है?
उत्तर-
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्षेत्र के किसी बिन्दु पर रखी कम्पास सुई के दक्षिणी ध्रुव की ओर खींची गई रेखा की दिशा में होती है।

प्रश्न 46.
किसी परिनालिका के बीच सभी बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र कैसा होता है?
उत्तर-
सभी बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र समान होता है।

प्रश्न 47.
विद्युत जनित्र का सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर-
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण पर आधारित विद्युत जनित्र का मूल सिद्धान्त है। कि जब किसी कुण्डली को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो कुण्डली में से गुजरने वाली चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं में परिवर्तन होता है, जिसके कारण कुण्डली में प्रेरित धारा उत्पन्न हो जाती है।”

प्रश्न 48.
दिष्ट धारा के कुछ स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर-
दिष्ट धारा के कुछ मुख्य स्रोत हैं

  • शुष्क सेल
  • स्टोरेज सेल
  • बैटरी या विद्युत सेल
  • डी.सी. जनित्र (दिष्ट धारा जनित्र/डायनेमो)

प्रश्न 49.
प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करने वाले स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर-
प्रत्यावर्ती विद्युत धारा के स्रोतों के नाम हैं

  • A.C. जनरेटर (जनित्र)
  • जल विद्युत धारा।

प्रश्न 50.
किसी चुम्बक द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किसी बिन्दु पर किस तरह से ज्ञात करते हैं?
उत्तर-
चुम्बकीय क्षेत्र के उस बिन्दु पर दिक्सूचक सूई को रखते हैं। इस सूई के उत्तरी ध्रुव की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को दर्शाती है।

प्रश्न 51.
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा क्या होती है?
उत्तर-
चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से दक्षिण ध्रुव की ओर बन्द वक्र के समान होती है।

प्रश्न 52.
यदि सीधे तार में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा को उत्क्रमित कर दिया जाये तो क्या चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा भी उत्क्रमित हो जाएगी?
उत्तर-
हाँ, चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा भी उत्क्रमित हो जाएगी।

प्रश्न 53.
संकेन्द्रीय वृत्ताकार रेखाएँ क्या निरूपित करती हैं?
उत्तर-
ये चुम्बकीय क्षेत्र की रेखाओं को दर्शाती हैं।

प्रश्न 54.
उस नियम का नाम लिखिए जिसकी मदद से धारावाही चालक पर चुम्बकीय क्षेत्र में लगने वाले बल की दिशा ज्ञात करते हैं।
उत्तर-
फ्लेमिंग का वामहस्त को नियम।।

प्रश्न 55.
चुम्बकीय फ्लक्स क्या होता है?
उत्तर-
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में पृष्ठ के लम्बवत् गुजरने वाली कुल चुम्बकीय बल रेखाओं को चुम्बकीय फ्लक्स कहते हैं। इसका मात्रक वेबर होता है।

प्रश्न 56.
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण किसे कहते हैं?
उत्तर-
जब कभी भी किसी विद्युत चालक (कुण्डली) और चुम्बक से सम्बद्ध चुम्बकीय क्षेत्र के मध्य सापेक्ष गति होती है तो कुण्डली में प्रेरण के कारण विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इस प्रभाव को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।

प्रश्न 57.
विद्युत मोटर किस ऊर्जा को किस ऊर्जा में रूपान्तरित करता है?
उत्तर-
विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में।

प्रश्न 58.
विद्युत मोटर व विद्युत जनित्र के सिद्धान्त में क्या अन्तर है?
उत्तर-
विद्युत मोटर में विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में तथा विद्युत जनित्र में यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।

प्रश्न 59.
नर्म लोहे के क्रोड एवं कुण्डली को मिलाकरे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
आर्मेचर।

प्रश्न 60.
विद्युत मोटर व विद्युत जनित्र में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है जबकि विद्युत जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है।

प्रश्न 61.
बैटरी चार्जर में कौनसी विद्युत धारा का प्रयोग होता है?
उत्तर-
दिष्ट धारा का।

प्रश्न 62.
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र में प्रेरित विद्युत धारा का मान किन-किन घटकों पर निर्भर करता है?
उत्तर-
कुण्डली में घेरों की संख्या, कुण्डली का क्षेत्रफल, घूर्णन वेग तथा चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता पर निर्भर करता है।

प्रश्न 63.
चाँदी, ताँबा, सोना व एल्यूमीनियम पदार्थ के चार चालक तार में सबसे अधिक व सबसे कम प्रतिरोध किसका है?
उत्तर-
एल्यूमीनियम का प्रतिरोध सबसे अधिक व चाँदी का प्रतिरोध सबसे कम प्राप्त होता है।

प्रश्न 64.
विद्युत सेल एवं धारा नियंत्रक का प्रतीक चिह्न बनाइए। (माध्य. शिक्षा बोर्ड, मॉडल पेपर, 2017-18 )
उत्तर-
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 64

प्रश्न 65.
एक ही पदार्थ व समान लम्बाई के विभिन्न चालक तारों के अनुप्रस्थकाट के क्षेत्रफल (A) एवं प्रतिरोध के मध्य ग्राफ (आरेख) बनाइये। (माध्य. शिक्षा बोर्ड, 2018)
उत्तर-
प्रतिरोध (R) अनुप्रस्थ काट (A) क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 65

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवान्तर को उसके पूर्व के विभवान्तर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर-
धारा  I=\frac { V }{ R }
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 1
अतः उपकरण में विभवान्तर का मान आधा कर देने पर धारी भी आधी रह जाएगी।

प्रश्न 2.
कॉलम X को कॉलम Y से सुमेलित कीजिएकॉलम X( भौतिक राशि/नियम) कॉलम ? (सूत्र)
(i) विद्युत धारा (a) R = R1 + R2 + R3
(ii) विभवान्तर (b) K = RA /l
(iii) ओम का नियम (c) \frac { 1 }{ R } =\frac { 1 }{ { R }_{ 1 } } +\frac { 1 }{ { R }_{ 2 } }
(iv) प्रतिरोधकता (d) V = W/Q
(v) श्रेणीक्रम संयोजन (e) I = Q/t
(vi) समान्तर क्रम संयोजन (f) V = IR
उत्तर-
(i) (e)
(ii) (d)
(iii) (f)
(iv) (b)
(v) (a)
(vi) (c)

प्रश्न 3.
विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिये और उसको समझाइए।
उत्तर-
सामने दिये गये चित्र में एक प्रतीकात्मक विद्युत परिपथ का। व्यवस्था आरेख दिखाया गया है। परिपथ में विद्युत धारा मापने के लिए I जिस यंत्र का उपयोग किया गया है, उसे ऐमीटर कहते हैं। इसको श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। इसमें एक है सेल, एक विद्युत बल्ब, एक ऐमीटर और प्लग कुंजी लगी हुई है। परिपथ में विद्युत धारा, सेल के धन टर्मिनल से सेल के ऋण टर्मिनल तक बल्ब और ऐमीटर से होकर प्रवाहित होती है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 3

प्रश्न 4.
किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर-
किसी चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है

  1. चालक की लम्बाई (l) पर।
  2. उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर।
  3. प्रतिरोध के पदार्थ की प्रकृति तथा चालक का तापमान।
    यह चालक की लम्बाई (l) के अनुक्रमानुपाती तथा उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
    अर्थात्
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 4
    यहाँ K एक आनुपातिक स्थिरांक है, जिसे चालक के पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता कहते हैं।

प्रश्न 5.
एक ही पदार्थ के दो चालकों की मोटाइयाँ समान हैं तथा जिनकी लम्बाइयाँ 1 : 2 के अनुपात में हैं तो इनके प्रतिरोधों का अनुपात क्या होगा?
उत्तर-
दोनों चालक एक ही पदार्थ के हैं। इसलिये अनुप्रस्थ काट और प्रतिरोधकता अथवा विशिष्ट प्रतिरोध का मान स्थिरांक होगा
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 5
R1 : R2 = 1 : 2 उत्तर

प्रश्न 6.
अमीटर एवं वोल्टमीटर में अन्तर लिखो।
उत्तर-
अमीटर एवं वोल्टमीटर में अन्तर| अमीटर
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 6

प्रश्न 7.
प्रतिरोध की ताप एवं पदार्थ पर निर्भरता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ताप का प्रभाव-कुछ धातु चालकों का प्रतिरोध, ताप के साथ बढ़ता है, जैसे-ताँबा, चाँदी व सोना आदि। कुछ धातुयें मिश्र होती हैं, जैसे-मैंग्नीज तथा कान्सटेन्टन का प्रतिरोध ताप परिवर्तन के साथ बहुत कम परिवर्तित होता है। इसके विपरीत कुछ धातुयें जैसे सिलिकॉन (Si) व जरमेनियम (Ge) जिनका ताप बढ़ाने पर प्रतिरोध घटता है। इन धातुओं को अर्द्धचालक कहते हैं। कुछ धातुओं में ताप कम करने पर एक निश्चित ताप प्रतिरोध शून्य हो जाता है, इन्हें अतिचालक पदार्थ कहते हैं। जैसे-पारे का प्रतिरोध 4.2 केल्विन (K) ताप पर प्रतिरोध शून्य हो जाता है।

प्रतिरोध की पदार्थ पर निर्भरता-चाँदी, ताँबा, सोना व एल्मुनियम पदार्थ के चार चालक तार लेते हैं, जिनकी लम्बाइयों व अनुप्रस्थ कोट का क्षेत्रफल एक समान है। इन सभी तारों का प्रतिरोध ज्ञात करते हैं। एल्यूमीनियम का प्रतिरोध सबसे अधिक व चाँदी का प्रतिरोध सबसे कम प्राप्त होता है।
Rएल्मुनियम > Rसोना > Rताँबा > Rचाँदी
अतः चाँदी विद्युत का सबसे अच्छा चालक है। इसके बाद ताँबा, सोना व एल्मुनियम।
चालकता की दृष्टि से उपरोक्त चारों धातुओं का क्रम निम्न से है
चाँदी > ताँबा > सोना > एल्यूमीनियम

प्रश्न 8.
विद्युत ऊर्जा किसे कहते हैं? समझाइये।
उत्तर-
हम जानते हैं विद्युत शक्ति
अर्थात्  P=\frac { H }{ t }
∴H = Pt यदि विद्युत शक्ति (P) को वाट में तथा समय (t) सेकण्ड में मापा जाये तो विद्युत ऊर्जा का मान जूल में होगा।
जूल = वाट × सेकण्ड
अर्थात् किसी उपकरण की व्यय विद्युत ऊर्जा का मान उस उपकरण की शक्ति तथा समय के गुणनफल के बराबर होता है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 8

प्रश्न 9.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 9
उत्तर-
(i) = C
(ii) = D
(iii) = E
(iv) = A
(v) = F
(vi) = B

प्रश्न 10.
विशुद्ध प्रतिरोध में तापीय प्रभाव से उत्पन्न ऊष्मा का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
माना कि एक विशुद्ध प्रतिरोध तार है जिसे एक बैटरी से जोड़ा गया है। इस तार का प्रतिरोध R, इसमें प्रवाहित धारा 1 व इसके सिरों के मध्य उत्पन्न विभवान्तर V है।
यदि तार में t समय में Q आवेश प्रवाहित होता है और तार के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर V है t समय में Q आवेश प्रवाहित करने में किया गया कार्य = ओम x विभवान्तर
W = QV
W = It V [∵ Q = It]
स्रोत द्वारा t समय में निवेशित ऊर्जा (VI t) ऊष्मा ऊर्जा में परिणित होगी। अतः t समय में उत्पन्न ऊष्मा H = VI t
H = IR x It [ओम के नियम से V= IR]
H = I²Rt
अतः उत्पन्न ऊष्मा H= I²Rt

प्रश्न 11.
ओरस्टेड द्वारा किये गये प्रयोग को समझाइए।
उत्तर-
ओरस्टेड द्वारा किये गये प्रयोग को निम्न प्रकार से समझ सकते हैं
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 11

  • चित्र (i) जब चालक में कोई धारा नहीं बहती है तो उसके। चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं होता फलस्वरूप चुम्बकीय सुई अविक्षेपित अवस्था में रहती है।
  • चित्र (ii) जब चालक तार में धारा प्रवाहित होती है तो तार के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है और चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है।
  • चित्र (iii) यदि धारा की दिशा विपरीत कर दें तो चुम्बकीय सुई में विक्षेप की दिशा बदल जाती है।
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 11.1
    चालक में धारा प्रवाहित करने पर चुम्बकीय सुई का विक्षेपित होना इस बात को व्यक्त करता है कि चालक के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हुआ। चालक तार में धारा का मान बढ़ाने और चुम्बकीय सुई को चालक के निकट ले जाने पर उसमें विक्षेप बढ़ता है।

प्रश्न 12.
दिष्ट एवं प्रत्यावर्ती धारा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
दिष्ट धारा-वह विद्युत धारा जिसमें समय के साथ दिशा में परिवर्तन नहीं होता, दिष्टधारा कहलाती है। इसे प्रतीकानुसार D.C. के द्वारा निरूपित किया जाता है।

प्रत्यावर्ती धारा-वह विद्युत धारा जो समान समय-अंतरालों के पश्चात् अपनी दिशा में परिवर्तन कर लेती है, उसे प्रत्यावर्ती विद्युत धारा कहते हैं। इसे प्रतीकानुसार A.C. के द्वारा निरूपित किया जाता है।

प्रश्न 13.
दिष्ट धारा तथा प्रत्यावर्ती धारा में कोई दो अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 13

प्रश्न 14.
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र के विभिन्न भागों को लिखिये।
उत्तर-
एक प्रत्यावर्ती धारा जनित्र के निम्न भाग होते हैं

  • आर्मेचर- इसको अपनी अक्ष पर घूर्णन कराया जाता है।
  • क्षेत्र चुम्बक- आर्मेचर को क्षेत्र-चुम्बक के बीच में रखते हैं।
  • सपवलय- ये आर्मेचर के साथ ही घूर्णन करते हैं।
  • ब्रश- ये धातु अथवा कार्बन के बने होते हैं। इन्हीं से बाह्य परिपथ में धारा प्राप्त होती है।

प्रश्न 15.
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ क्या होती हैं? किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कैसे निर्धारित की जाती है?
उत्तर-
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ-किसी चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें उसके बल का संसूचन किया जा सकता है, उस चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है। वह रेखाएँ जिनके अनुदिश लोह-चूर्ण स्वयं संरेखित होता है, चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं का निरूपण करती है। चुम्बकीय क्षेत्र में परिमाण एवं दिशा दोनों होते हैं। किसी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा वह मानी जाती है, जिसके अनुदिश दिक्सूची का उत्तर ध्रुव उस क्षेत्र के भीतर गमन करता है। इसलिए चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ चुम्बक के उत्तर ध्रुव से प्रकट होती हैं तथा दक्षिण ध्रुव पर विलीन हो जाती हैं।

चुम्बक के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा उसके दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर होती है। अतः चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक बंद वक्र होती हैं।

किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा चुम्बकीय सुई की सहायता से निर्धारित की जाती है। जिस दिशा में उत्तरी ध्रुव का निर्देश प्राप्त होता है, वही चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा होती है।

प्रश्न 16.
दिष्ट धारा जनित्र तथा विद्युत मोटर में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
दिष्ट धारा जनित्र तथा विद्युत मोटर में अन्तर
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 16

प्रश्न 17.
किसी चालक में धारा प्रवाहित करने पर उत्पन्न चुम्बकीय की दिशा ज्ञात करने का दक्षिणावर्त पेंच का नियम लिखिए।
उत्तर-
दक्षिणावर्त पेंच का नियमइस नियम के अनुसार दक्षिणावर्त पेंच को इस प्रकार वृत्ताकार पथ घुमाया जावे कि पेंच की चोक विद्युत धारा की दिशा में आगे बढ़े तो पेंच को घुमाने की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करेगी।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 17

प्रश्न 18.
विद्युत धारावाही वृत्ताकार कुण्डली के कारण चुम्बकीय क्षेत्र को समझाइए।
उत्तर-
ओरस्टेड ने अपने प्रयोग में सीधे विद्युत धारावाही चालक के कारण उसके चारों तरफ उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के बारे में बताया। यदि । इस तार को मोड़कर एक वृत्ताकार लूप बनाया जावे और फिर उसमें धारा प्रवाहित की जावे तो उसके चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय रेखायें प्राप्त होती हैं। लूप के ऊपर और नीचे के किनारों पर रेखायें संकेन्द्रीय वृत्तों के रूप में होती हैं। इन संकेन्द्रीय वृत्तों का साइज बड़ा होता जाता है। केन्द्र पर पहुँचते ही वृत्त का यह चाप सरल रेखा हो जाता है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 18

प्रश्न 19.
A तथा B तारों की लम्बाई तथा प्रतिरोध समान हैं। इनमें से कौन मोटा है, यदि A की प्रतिरोधकता B की प्रतिरोधकता से अधिक है?
उत्तर-
प्रतिरोध
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 19
अतः इस प्रकार कहा जा सकता है कि A तार B से मोटा होगा।

प्रश्न 20.
दो चालक जो एक ही पदार्थ से बने हैं, उनके लिए V तथा I के मध्य ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है, तो बताइए किस चालक का प्रतिरोध अधिक होगा और क्यों ?
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 20
उत्तर-
दिये गये ग्राफ से रेखा की प्रवणता
tan θ =  \frac { V }{ I }
tan θ = प्रतिरोध (R)
अतः प्रतिरोध R ∝ कोण θ
अतः चालक A का प्रतिरोध चालक B के प्रतिरोध से अधिक होगा।

प्रश्न 21.
आगे दिये गये कॉलम I से कॉलम II को सुमेलन करें
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 21
उत्तर-
(i) अ
(ii) स
(iii) र
(iv) ब
(v) य
(vi) द

प्रश्न 22.
नीचे दिये गये कॉलम I से कॉलम II को सुमेलन करें
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 22
उत्तर-
(i) र
(ii) स
(iii) ब
(iv) द
(v) य
(vi) अ

प्रश्न 23.
नीचे दिये गये कॉलम I से कॉलम II को सुमेलन करें
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 23
उत्तर-
(i) स
(ii) अ
(iii) य
(iv) द
(v) र
(vi) ब

निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रतिरोध को परिभाषित करते हुए उसकी निर्भरता का वर्णन कीजिए। चालक के विशिष्ट प्रतिरोध को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
प्रतिरोध- “चालकों में आवेशों के प्रवाह में उत्पन्न बाधा को प्रतिरोध कहते हैं।”
चूँकि प्रतिरोध चालकता के व्युत्क्रमानुपाती होती है, अतः यदि किसी चालक का प्रतिरोध कम है तो उसकी चालकता अधिक होगी।
प्रतिरोध की निर्भरता-प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है

  • लम्बाई पर-एक ही पदार्थ के भिन्न-भिन्न लम्बाई के चालक तार लें जिनकी मोटाई एक समान हो। इन चालक तारों का प्रतिरोध ज्ञात कर प्रतिरोध व लम्बाई के बीच ग्राफ छ खींचते हैं तो हमें ग्राफ एक सीधी रेखा में प्राप्त होता है। अर्थात् जैसे-जैसे चालक तार की लम्बाई बढ़ती है, प्रतिरोध भी वैसे-वैसे बढ़ता है अर्थात् प्रतिरोध (R) लम्बाई के समानुपाती होता है।
    R∝L …..(1)
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 1
  • अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल-एक ही पदार्थ व एक ही लम्बाई के अनेक चालक लें जिनके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल भिन्न-भिन्न हो। इन चालक तारों का प्रतिरोध ज्ञात कर प्रतिरोध व अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रम  \frac { 1 }{ A }  के मध्य ग्राफ खींचते हैं तो ग्राफ सीधी रेखा प्राप्त होता है। अर्थात् जैसे-जैसे चालक तार की मोटाई बढ़ती है वैसे-वैसे उसका प्रतिरोध कम होता जायेगा।
    अर्थात् प्रतिरोध (R) अनुप्रस्थ काट (A) के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
    R ∝  \frac { 1 }{ A }  … (2)
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 1.1
    समीकरण (1) तथा (2) को संयोजन चित्र-R व{के मध्य ग्राफ करने पर
    R ∝  \frac { L }{ A }
    या R =  K\frac { L }{ A }  …..(3)
    K एक स्थिरांक है जिसे चालक पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता कहते हैं।
    प्रतिरोधकता का मात्रक
    समीकरण (3) से
    K=\frac { RA }{ L }
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 1.2
    यदि L = 1 मीटर तथा A = 1 मीटर²
    तब : K = R ओम x मीटर
    “अर्थात् इकाई लम्बाई व इकाई अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाले तार का प्रतिरोध ही विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता कहलाती है।”
    प्रतिरोधकता चालक की लम्बाई व अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करती है, यह केवल पदार्थ पर निर्भर करती है।

प्रश्न 2.
ओरस्टेड द्वारा किये गये प्रयोग को समझाइये।
उत्तर-
ओरस्टेड को प्रयोग-सन् 1820 में ओरस्टेड ने एक प्रयोग किया जिसमें एक चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो चालक तार के चारों
ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है, जिसके कारण चालक के पास रखी हुई चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। हम यहाँ पर ओरस्टेड के प्रयोग निम्न प्रकार से समझ सकते है

  • जब चालक तार में कोई धारा नहीं बहती है तो उसके चारों तरफ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं होता फलस्वरूप चुम्बकीय सुई अविक्षिपित अवस्था में रहती है। जैसा कि चित्र (a) में दर्शाया गया है।
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 2
  • जब चालक तार में धारा प्रवाहित होती है तो तार के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है और चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। जैसा कि चित्र (b) में दर्शाया गया है।
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 2.1
  • यदि हम धारा की दिशा को विपरीत करते हैं तो चुम्बकीय सुई में विक्षेप की दिशा बदल जाती है। जैसा कि चित्र (c) में दर्शाया गया है।
    चालक में धारा प्रवाहित करने पर चुम्बकीय सुई का विक्षेपित होना इस बात का संकेत करता है कि चालक के चारों तरफ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हुआ। चालक तार में धारा का मान बढ़ाने पर और चुम्बकीय सुई को चालक के निकट ले जाने पर उसमें विक्षेप पहले की अपेक्षा बढ़ता है।
    RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 2.2

प्रश्न 3.
परिनलिका क्या है? परिनलिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र एक समान रहता है, इसकी पुष्टि कीजिए। परिनलिका का उपयोग विद्युत चुम्बक बनाने में कैसे किया जाता है? समझाइए।
उत्तर-
परिनलिका-पास-पास में लिपटे हुए ताँबे के तार जो बेलन की आकृति में हों तथा ये तार परस्पर विद्युत रूढ़ होते हैं, ऐसी कुण्डली को परिनालिका कहते हैं। किसी विद्युत धारावाही परिनलिका के कारण उसके चारों तरफ उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं का प्रदर्शन चित्र में दर्शाया गया है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 3
इस परिनलिका का एक सिरा उत्तरी । धव व दसरा सिरा दक्षिणी ध्रुव का कार्य चित्र-धारावाही परिनलिका के करता है। परिनालिका के अन्दर चुम्बकीय बल रेखाएँ समान्तर होती हैं जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि परिनलिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र एक समान है।

परिनलिका के भीतर एक समान प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग कर जैसे नरम लोहे को परिनलिका के भीतर रखकर चुम्बक बनाने में किया जाता है, इस प्रकार बने चुम्बक को विद्युत चुम्बके कहते हैं।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 3.1

प्रश्न 4.
दिष्ट धारा जनित्र क्या है? इसकी बनावट व कार्यप्रणाली समझाइए।
उत्तर-
दिष्ट धारा जनित्र-यह एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है। विद्युत ऊर्जा से प्राप्त विद्युत धारा की दिशा समय के साथ नियत रहती है।

बनावट-इसकी बनावट प्रत्यावर्ती धारा जनित्र जैसी ही होती है। सिर्फ अन्तर इतना होता है कि इसमें दो सपवलय के स्थान पर विभक्त वलय दिक्परिवर्तक का उपयोग किया जाता है। इसमें धातु की एक वलय लेते हैं, जिसके दो बराबर भाग C1 व C2 करते हैं, जिन्हें हम कम्यूटेटर कहते हैं। आर्मेचर का एक सिरा कम्यूटेटर C1 के एक भाग से और दूसरा सिरा कम्यूटेटर C2 के दूसरे भाग से जुड़ा होता है। C1 व C2 दो कार्बन ब्रुशों B1 व B2 को स्पर्श करते हैं।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 4
कार्यप्रणाली-जब आर्मेचर को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तब कुण्डली से पारित चुम्बकीय फ्लक्स में लगातार परिवर्तन होने से उसमें प्रेरित धारा बहती है। उसमें ब्रुश B1 व B2 की स्थितियाँ इस प्रकार समायोजित की जाती हैं कि कुण्डली में धारा की दिशा परिवर्तित होती है तो ठीक उसी समय इन ब्रुशों का सम्बन्ध कम्यूटेटर के एक भाग से हटकर दूसरे भाग से हो जाता है। और बाह्य परिपथ में धारा की दिशा समय के साथ नियत रहती है।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 4.1
माना कि प्रथम आधे चक्र में प्रेरित धारा की दिशा इस प्रकार होती है। कि कुण्डली C1 से जुड़ा सिरा धनात्मक व C2 से जुड़ा सिरा ऋणात्मक होता है। इस स्थिति में ब्रुश B1 धनात्मक व ब्रुश B2 ऋणात्मक होते हैं। अगले आधे चक्र में कुण्डली में धारा की दिशा जैसे ही बदलती है | ऋणात्मक व C2 धनात्मक हो जाते हैं लेकिन कुण्डली के घूमने के कारण C1 घूमकर C2 के स्थान पर (B2 के सम्पर्क में) तथा C2 घूमकर C1 के स्थान पर (B1 के सम्पर्क में) आ जाते हैं । अतः B1 सदैव धनात्मक व B2 ऋणात्मक रहता है। इस प्रकार एक पूर्ण चक्र में बाह्य परिपथ में धारा की दिशा B1 से B2 की ओर बहती है।

प्रश्न 5.
विद्युत परिपथ में निम्नलिखित विद्युत यंत्रों के उपयोग लिखिए

  1. वोल्ट मीटर
  2. ऐमीटर
  3. कुंजी
  4. धारा नियंत्रक
  5. सेल या बैटरी
  6. संयोजन तार।

उत्तर-

  1. वोल्टमीटर-यह यंत्र दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर का मापन करता है।
  2. ऐमीटर-यह विद्युत परिपथ में धारा का मापन करता है।
  3. कुंजी-परिपथ को पूरा करने अथवा तोड़ने के काम आती है।
  4. धारा नियंत्रक-विद्युत परिपथ में प्रतिरोध को कम या अधिक करने के काम आता है।
  5. सेल या बैटरी-यह परिपथ में विद्युत ऊर्जा का स्रोत होता है।
  6. संयोजन तार-विभिन्न यंत्रों को परिपथ में जोड़ने के काम आता है।

प्रश्न 6.
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के महत्त्वपूर्ण उपयोग समझाइए।
उत्तर-
चालकों में विद्युत धारा प्रवाहित होने से ऊष्मा उत्पन्न होती है। यह परिणाम सदैव उपयोगी नहीं होता है क्योंकि दी गई ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है। और इससे परिपथ के अवयवों में ताप बहुत बढ़ जाता है। विद्युत धारा के नियंत्रित ऊष्मीय प्रभाव के महत्त्वपूर्ण उपयोग निम्नलिखित हैं

  1. विद्युत तापीय उपकरण-विद्युत हीटर, विद्युत इस्तरी व विद्युत गीजर सोल्डरिंग, टोस्टर, केतली आदि ऐसे उपकरण हैं जो कि विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित हैं।
  2. विद्युत बल्ब-विद्युत बल्ब में टंगस्टन की पुतली तार का फिलामेंट लगाया जाता है जिसकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है। इसका गलनांक 3380°C से भी काफी अधिक होता हैं। जब इसमें विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह ऊष्मा के कारण दीप्त होकर प्रकाश का उत्सर्जन करने लगता है।
  3. विद्युत फ्यूज-विद्युत परिपथों में फ्यूज का प्रयोग किया जाता है। इसे विद्युत परिपथ में श्रेणीक्रम में लगाया जाता है। यह अनावश्यक रूप से उच्च विद्युत धारा को प्रवाहित होने देता है। एक नियत मान से अधिक माप की विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह पिघल जाता है। इससे विद्युत साधित्रों को क्षति नहीं पहुँचती और परिपथ में आग लगने से बचाया जा सकती है।

आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी विद्युत बल्ब के तन्तु में से 0.25 ऐम्पियर विद्युत धारा 20 मिनट तक प्रवाहित होती है। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया है
धारा I = 0.25 A
समय (t) = 20 मिनट
= 20 x 60 सेकण्ड
= 1200 सेकण्ड
धारा  I=\frac { q }{ t }  से
= 0.25 x 1200
= 300 कूलॉम

प्रश्न 2.
जब कोई विद्युत हीटर स्रोत से 4A विद्युतधारा लेता है, तब उसके टर्मिनलों के बीच विभवान्तर 60v है। उस समय विद्युत हीटर कितनी विद्युतधारा ‘लेगा जब विभवान्तर को 120V तक बढ़ा दिया जाएगा?
हल-
दिया गया है
I = 4 ऐम्पियर
V = 60 वोल्ट
सूत्र V = IR
∴  R=\frac { V }{ I }
तो R =  \frac { 60 }{ 4 }  = 15 ओम
पुनः V = IR
या I =  \frac { V }{ R }
∴ I =  \frac { 120 }{ 15 }=8 ओम
अतः 120V पर हीटर 8 ओम विद्युतधारा लेगा।

प्रश्न 3.
4Ω, 6Ω तथा 8Ω प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में 9V की बैटरी से संयोजित किया गया है
( क ) उपयुक्त का परिपथ चित्र बनाइए।
(ख) परिपथ में प्रवाहित कुल धारा की गणना कीजिए।
हल-
(क)
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 3
चित्र-प्रतिरोधों के संयोजन का परिपथ
(ख) 4Ω, 6Ω तथा 8Ω प्रतिरोधकों का श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध
R = R1 + R2 + R3
R = 4 + 6 + 8
= 18 Ω
सूत्र— V = IR से
I =  \frac { V }{ R }
I =  \frac { 9V }{ 18\Omega }   = 0.5 ऐम्पियर
अतः परिपथ में प्रवाहित कुल धारा I = 0.5 ऐम्पियर

प्रश्न 4.
पाश्र्व परिपथ में ज्ञात कीजिए
(क) परिपथ का कुल प्रतिरोध।
(ख) परिपथ में प्रवाहित धारा।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 4
हल-
(क) 3 Ω के तीनों प्रतिरोधकों का समानान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 4.1
यह 1 Ω का प्रतिरोध 4 Ω के प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा हुआ है।
अतः श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध R = R1 + R2
= 4 Ω + 1 Ω = 5 Ω
(ख) प्रतिरोध R = 5 Ω
विभवान्तर V = 6V
V = IR
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 4.2

प्रश्न 5.
एक मकान में 400 W का रेफ्रिजरेटर 8 घण्टे प्रतिदिन तथा 120 W का विद्युत हीटर 2 घण्टे प्रतिदिन चलाया जाता है। 4 रुपए प्रति यूनिट की दर से 30 दिनों के लिए कितना व्यय करना होगा?
हल-
रेफ्रिजरेटर में प्रतिदिन खर्च की गई ऊर्जा
= 400 W x 8h
= 3200 Wh
विद्युत हीटर में प्रतिदिन खर्च की गई ऊर्जा
= 120 W x 2h
= 240 Wh
अतः 30 दिनों में खर्च की गई कुल विद्युत ऊर्जा
= (320) + 240) x 30
= 3440 x 30 = 1,03,200 Wh
या 103.2 KWh
या 103.2 यूनिट (∵ 1 KWh = 1 unit)
4 रुपए प्रति यूनिट की दर से कुल खर्च ।
4 x 103.2 = 412.8 रुपए

प्रश्न 6.
किसी धातु के 1 m लम्बे तार को 20°C पर वैद्युत प्रतिरोध 26 Ω है। यदि तार का व्यास 0.3mm है, तो इस ताप पर धातु की वैद्युत प्रतिरोधकता क्या है? पाठ्यपुस्तक में दी गई सारणी 12.2 का उपयोग करके तार के पदार्थ की भविष्यवाणी कीजिए।
हल-
प्रश्नानुसार
l = 1 m
R = 26 Ω
व्यास (d) = 0.3 mm = 0.3 x 10-3 m
= 3 x 10-4 m
K = ?
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 6
इस प्रकार दिये गये तार की धातु की 20°C पर वैद्युत प्रतिरोधकता 1.84 x 10-6 Ωm है जो कि मैंगनीज की वैद्युत प्रतिरोधकता का मान है।

प्रश्न 7.
दिए गए पदार्थ के किसी l लम्बाई तथा A मोटाई के तार का प्रतिरोध 4Ω है। इसी पदार्थ के किसी अन्य तार का प्रतिरोध क्या होगा जिसकी लम्बाई  \frac { l }{ 2 }  तथा मोटाई 2A है?
हल-
(1) प्रथम तार के लिए
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 7
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 7.1
अतः तार का नया प्रतिरोध 1 Ω होगा। उत्तर

प्रश्न 8.
8 Ω प्रतिरोध के दिए गए पदार्थ के तार की लम्बाई l तथा अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल A है। इसी पदार्थ के अन्य तार की लम्बाई 2l तथा अनुप्रस्थ-काट क्षेत्रफल  \frac { A }{ 2 }  होने पर उसका प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया हुआ है- R1 = 8 Ω तथा लम्बाई = l व क्षेत्रफल = A
R2 = ?, लम्बाई = 2l व क्षेत्रफल =  \frac { A }{ 2 }
हम जानते हैं कि
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 8

प्रश्न 9.
समान लम्बाई के दो तारों के व्यासों का अनुपात 2:3 है। यदि पहले तार का प्रतिरोध 3.6 ओम हो, तो दूसरे तार का प्रतिरोध कितना होगा?
हल-
किसी तार का प्रतिरोध
R=K\frac { l }{ A }
अब यदि दो तारों के प्रतिरोध R1 व R2 हैं तो
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 9
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 9.1

प्रश्न 10.
एक विद्युत लैम्प जिसका प्रतिरोध 20 है तथा एक 4Ω प्रतिरोध का चालक 6V की बैटरी से चित्र में दिखाए अनुसार संयोजित है।
(a) परिपथ का कुल प्रतिरोध,
(b) परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा तथा
(c) विद्युत लैम्प तथा चालक के सिरों के बीच विभवान्तर परिकलित कीजिए।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 10
चित्र में 6V की बैटरी से श्रेणीक्रम में संयोजित एक विद्युत लैम्प
तथा 4 Ω का एक प्रतिरोधक
हल-
(a) विद्युत लैम्प का प्रतिरोध R1 = 20 Ω है और इसके साथ श्रेणीक्रम में संयोजित चालक का प्रतिरोध
R2 = 4 Ω
तब परिपथ का कुल प्रतिरोध
Rs = R1 + R2
= 20 Ω + 4 Ω = 24 Ω उत्तर

(b) बैटरी के दो टर्मिनलों के बीच कुल विभवान्तर
V = 6 V
ओम के नियम से परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा
I=\frac { V }{ { R }_{ s } } =\frac { 6V }{ 24\Omega }
= 0.25A उत्तर

(c) विद्युत लैम्प के सिरों के बीच विभवान्तर का मान
V1 = I R1
= 0.25 × 20
= 5 V उत्तर
तथा चालक के सिरों के बीच विभवान्तर का मान
V2 = I R2
= 0.25 × 4 = 1 V उत्तर

प्रश्न 11.
किसी 4Ω प्रतिरोधक से प्रति सेकण्ड 100 J ऊष्मा उत्पन्न हो रही है। प्रतिरोधक के सिरों पर विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
हले-
प्रश्नानुसार
उत्पन्न ऊष्मा H = 100 J
प्रतिरोध R = 4 Ω
समय t = 1 sec.
V = ?
हम जानते हैं कि तार में उत्पन्न ऊष्मा
H = 1² x R x t
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 11
I = √25 = 5 ऐम्पियर
ओम के नियम से। V = IR
मान रखने पर V = 5 x 4 = 20 V उत्तर

प्रश्न 12.
दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 60 W, 220 V तथा दूसरे का 40 W, 220 V है, विद्युत 220 V आपूर्ति मेन्स के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है, तो विद्युत मेन्स से कुल कितनी धारा ली जाती है?
हल-
माना पहले लैम्प के लिए प्रतिरोध = R1
तथा दूसरे लैम्प के लिए प्रतिरोध = R2
P1 = 60 W
P2 = 40 W
V = 220 V
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 12

प्रश्न 13.
एक कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या ज्ञात करो।
हल-
आवेश Q = ne
जहाँ n इलेक्ट्रॉनों की संख्या है।
और e इलेक्ट्रॉन पर आवेश है।
दिया है-
Q = 1 कूलॉम
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या  n=\frac { Q }{ e }
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 13

प्रश्न 14.
10 वोल्ट विभवान्तर के दो बिन्दुओं के बीच 3 कूलॉम आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाता है?
हल-
दिया है- VA – VB = 10 वोल्ट
Q = 3 कूलॉम
W = ?
सूत्र- VA – VB =  \frac { W }{ Q }  ∴W = (VA – VB) x Q
मान रखने पर
W = 10 x 3 = 30 जूल उत्तर

प्रश्न 15.
एक चालक तार का प्रतिरोध ज्ञात करो यदि उसमें 0.5 ऐम्पीयर की धारा प्रवाहित करने पर उसके सिरों पर 2 वोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न होता है।
हल-
दिया है
धारा I = 0.5 ऐम्पीयर
V = 2 वोल्ट
R = ?
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 15

प्रश्न 16.
3Ω, 4Ω व 5Ω के प्रतिरोध किसी परिपथ में श्रेणी क्रम में जुड़े हैं। इस संयोजन को एक 6 वोल्ट की बैटरी से जोड़ दिया जाता है तो निम्न ज्ञात करो
(a) प्रत्येक प्रतिरोध में धारा
(b) प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवांतर।
हल-
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 16
श्रेणी क्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध का मान निम्न सूत्र से ज्ञात करते हैं
R = R1 + R2 + R3
R = 3 + 4 + 5 = 12Ω
तीनों प्रतिरोधों में एक ही मान की धारा प्रवाहित होगी। चूँकि तीनों प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं।
I=\frac { V }{ { R } } =\frac { 6 }{ 12 } =0.5  ऐम्पीयर
प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर सूत्र V = IR से ज्ञात करने पर 3Ω के सिरों के मध्य विभवांतर
V1 = IR1 = 0.5 x 3 = 1.5 वोल्ट उत्तर
4Ω के सिरों के मध्य विभवांतर
V2 = IR= 0.5 x 4 = 2.0 वोल्ट उत्तर
5Ω के सिरों के मध्य विभवांतर
V3 = IR3 = 0.5 x 5 = 2.5 वोल्ट उत्तर

प्रश्न 17.
एक विद्युत परिपथ में 1Ω, 2Ω व 3Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में जुड़े हैं। यदि संयोजन को 6 वोल्ट की बैटरी से जोड़ देते हैं तो निम्नलिखित ज्ञात करो
(a) संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
(b) परिपथ में धारा
(c) प्रत्येक प्रतिरोध में धारा।
हल-
(a) संयोजन का तुल्य प्रतिरोध–दिया है
R1 = 1Ω
R2 = 2Ω
R3 = 3Ω
R = ?
प्रतिरोध समान्तर क्रम में जुड़े हैं, इसलिए संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 17
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 17.1
(c) प्रत्येक प्रतिरोध में धारा
R1 = 1Ω में धारा  { I }_{ 1 }=\frac { V }{ { R }_{ 1 } } =\frac { 6 }{ 1 } =6  ऐम्पीयर उत्तर
R2 = 2Ω में धारा  { I }_{ 2 }=\frac { V }{ { R }_{ 2 } } =\frac { 6 }{ 2 } =3  ऐम्पीयर उत्तर
R3 = 3Ω में धारा  { I }_{ 3 }=\frac { V }{ { R }_{ 3 } } =\frac { 6 }{ 3 } =2  ऐम्पीयर उत्तर

प्रश्न 18.
दिये गये विद्युत परिपथ में A व B के मध्य तुल्य प्रतिरोध ज्ञात करो।
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 18
हल-
उपरोक्त परिपथ 2Ω के तीन प्रतिरोध दो जगहों पर समान्तर क्रम में जुड़े हैं अतः इनका तुल्य प्रतिरोध
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 18.1

प्रश्न 19.
2 बल्ब 100 वाट के प्रतिदिन 8 घंटे जलते हैं। 1 महीने में कितने यूनिट विद्युत ऊर्जा व्यय होगी?
हल-
व्यय विद्युत ऊर्जा (यूनिट में)
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 19

प्रश्न 20.
10 वोल्ट के संचायक सेल से 50 ओम की नाइक्रोम की प्रतिरोध कुण्डली को जोड़कर 1 घंटे तक धारा प्रवाहित की जाती है तो कुण्डली में उत्पन्न ऊष्मा का मान ज्ञात करो।
हल-
दिया है V= 10 वोल्ट
R = 50 Ω
t = 1 घण्टा = 60 x 60 सेकण्ड
= 3600 सेकण्ड
H = ?
परिपथ में धारा  I=\frac { V }{ R } =\frac { 10 }{ 50 } =0.2  ऐम्पीयर
कुण्डली में उत्पन्न ऊष्मा H = I²Rt
H = (0.2)² x 50 x 3600
= 0.04 x 50 x 3600
= 7200 जूल उत्तर

प्रश्न 21.
किसी विद्युत बल्ब को 220 वोल्ट के स्रोत से जोड़ने पर उसमें प्रवाहित धारा 0.5 ऐम्पीयर है। बल्ब की शक्ति कितनी होगी?
हल-
दिया है
V= 220 वोल्ट
I = 0.5 ऐम्पीयर
P = ?
अतः
P = VI
P = 220 × 0.5
P = 110 वाट उत्तर

प्रश्न 22.
220 V के स्रोत से चार 40 W, 200 V के बल्बों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रत्येक बल्ब से प्रवाहित धारा का मान ज्ञात कीजिए। यदि एक बल्ब फ्यूज हो जाये तो 220 V स्रोत से प्रवाहित धारा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
हल-
40 वाट के बल्ब का प्रतिरोध  R=\frac { { V }^{ 2 } }{ P }   से
=\frac { 200\times 220 }{ 40 }
= 1210 ओम
अतः 4 बल्बों के श्रेणीक्रम संयोजन का तुल्य प्रतिरोध = 4 x 1210
= 4840 ओम
तथा इन बल्बों में से प्रवाहित होने वाली धारा
I=\frac { V }{ R }
I =  \frac { 220 }{ 4840 }  = 0.045 ऐम्पियर
एक बल्ब के फ्यूज होने पर धारा प्रवाहित नहीं होगी।

प्रश्न 23.
किसी विद्युत इस्तरी में अधिकतम तापन दर के लिए 840 वाट की दर से ऊर्जा उपयुक्त होती है। विद्युत स्रोत की वोल्टता 220 V है। विद्युत धारा तथा प्रतिरोध के मान परिकलित कीजिए।
हल-
वैद्युत शक्ति (P) = 840 वाट
विभवान्तर (V) = 220 V
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 23

प्रश्न 24.
600 W अनुमत का कोई विद्युत रेफ्रीजरेटर 8 घण्टे/दिन चलाया जाता है। 4.00 रुपये प्रति kWh की दर से इसे 30 दिन तक चलाने के लिए ऊर्जा का मूल्य क्या है?
हल-
विद्युत रेफ्रीजरेटर की अनुमत शक्ति P का मान
P = 600 W
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 24
= 144 kWh
अतः विद्युत मूल्य = 144 x 4.00
= 576.00 रुपये

प्रश्न 25.
(अ) ओम के नियम का प्रयोग करते समय एक प्रेक्षक निम्नानुसार दो प्रेक्षण प्राप्त करता है

अमीटर पाठ्यांकवोल्टमीटर पाठ्यांक
0.50 एम्पीयर2 वोल्ट
0.75 एम्पीयर3 वोल्ट

प्रत्येक प्रेक्षण के लिए चालक तार का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
(ब) 25 Ω की नाइक्रोम की प्रतिरोध कुण्डली को 12 वोल्ट के संचायक सेल (बैटरी) से जोड़ते हैं एवं इसमें 15 मिनट तक विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। कुण्डली में उत्पन्न ऊष्मा का मान ज्ञात कीजिए।
(माध्य. शिक्षा बोर्ड, 2018)
हल-
(अ) प्रथम प्रेक्षण के लिए तार का प्रतिरोध
R=\frac { V }{ I }
=\frac { 2 }{ 0.50 } =\frac { 200 }{ 50 }
= 4 ओम उत्तर
द्वितीय प्रेक्षण के लिए तार का प्रतिरोध
R=\frac { V }{ I }
=\frac { 3 }{ 0.75 } =\frac { 300 }{ 75 }
R = 4 ओम उत्तर

(ब) दिया है
R = 25 Ω
V = 12 वोल्ट
t = 15 मिनट
t = 15 x 60 = 900 सेकण्ड
H = ?
कुण्डली में उत्पन्न ऊष्मा का माने
H = I²Rt
लेकिन  I=\frac { V }{ R }
समीकरण (1) में I का मान रखने पर
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 10 विद्युत धारा 25

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