गणतंत्र दिवस 2023 निबंध महत्त्व , इतिहास (Gantantra Diwas or Republic Day Essay History Speech In Hindi)
जकड़न/बंधन एक ऐसी कड़ी है जिससे, हर कोई मुक्त होना चाहता है. जब एक परिन्दे को भी, पंख फैला कर उड़ने की चाह होती है तो, इंसान की आजादी तो, आम बात है. आजादी को संजोये रखना, इतना भी आसान नही है. उसके लिये, अगली योजनायें बनाना और उनको क्रियान्वित करना बहुत ही जरुरी था. जिसके लिये, भारत के संविधान की रचना करना और उस संविधान मे, नियम कानून और शर्तो को लागू करना बहुत आवश्यक था. जिसके लिये एक समिति बनाई गई और उस समिति के द्वारा संविधान का निर्माण किया गया. और 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया. इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप मे मनाया जाता है . गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया. गणतंत्र दिवस भारत वासियों के लिये किसी पर्व से कम नही है. यह बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक दिन है ये, प्रत्येक भारतवासी के लिये. इस ऐतिहासिक दिन को, हर छोटे से छोटा व ,बड़े से बड़ा व्यक्ति, तथा सरकारी व अर्द्ध सरकारी,प्राइवेट व निजी संस्थान, ऑफिस, स्कूलों मे हर्ष उल्लास के साथ बनाया जाता है.
1947, एक ऐसा वर्ष जिसे कोई नही भी नही भूल सकता. भारत के इतिहास मे स्वर्णिम अक्षरों मे लिखा जायेगा . यह ऐसा वर्ष जिसमे भारत अपनी सदीयों की दासता से आजाद हुआ .
सदियों से सहन कर रहे अग्रेजों के अत्याचार व छल पूर्ण व्यवहार से सन 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त कर संविधान निर्मात्री समिति के द्वारा संविधान का निर्माण कर उन उद्देश्यों को प्राप्त करे, जिनके लिये स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, तब जा कर 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया .
इससे संबंधित कुछ बाते हम बचपन से सुनते आ रहे है. इसे मुख्य रूप से भारत की राजधानी अर्थात् दिल्ली मे बनाया जाता है. दिल्ली मे भव्य रूप से सूरज की सुहानी किरणों के साथ ही परेड निकली जाती है जो कि, राजपथ से इंडिया गेट तक जाती है. इसी के साथ इस दिन जल सेना,थल सेना, व वायु सेना भी परेड मे भाग लेती है, और सलामी देते हुए, अपने करतब दिखाती है. इसी के साथ इस दिन, प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर पुष्पमाला अर्पित करते है. शहीद जवानों को श्रध्दान्जली देते है. राष्ट्रपति जी अपनी सुरक्षा बल तथा 14 घोड़ो से सजी बगी मे बैठ कर इंडिया गेट पर आते, जहा उनका स्वागत प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है . उसके उपरान्त राष्ट्रपति जी द्वारा 26 जनवरी को, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. उसके उपरान्त ,समानित ध्वज के सामने सभी गणमान्य लोग ,व राष्ट्रपतिजी ध्वज के सम्मान मे, राष्ट्रीयगान गाया जाता है . हर एक राज्य द्वारा अपने लोक न्रत्य प्रस्तुत किये जाते है.
21 तोपों की सलामी दी जाती है. इसी के साथ कई मनोहार प्रस्तुति होती है.
बहुत सी चाह है हर किसी के मन मे, पर कोई बया नही कर पाता .
उड़ने की चाह तो है मन मे, पर उड़ नही पाता .
क्यों है, डर आज भी मन मे,
आजाद हुए सालो हो गये, क्यों कोई खुल कर जिंदगी जी नही पाता .
अब तो छोड़ो आतंकवाद, भ्रष्टाचारी,कालाबाजारी,घूसखोरी को
छोटी सी है जिंदगी, अब तो ज़ी लों अपनी आजादी को.
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